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MP: साइबर ठगों ने ढूंढा नया ठिकाना, जानें कैसे थाइलैंड, नेपाल और भूटान से लगा रहे लोगों को चूना

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Published : Jun 11, 2023, 6:26 PM IST

ऑनलाइन साइबर ठगी का नया जामताड़ा बन गया है थाइलैंड, नेपाल और भूटान समेत पड़ोसी देश. वहां रहने वालों ने हिंदी में कॉल करके कर ली करोड़ों रुपए की ठगी. इनका नेटवर्क एमपी का मुरैना, राजस्थान, यूपी और पश्चिम बंगाल तक फैला है. इनका कंट्रोल चाइनीज गैंग के हाथ में और निशाना फिलहाल हिन्दी राज्य बने हुए हैं.

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साइबर फ्रॉड इन एमपी

भोपाल। पेशे से बुटिक चलाने वाली अनिता चौधरी को कॉल आया कि बुटिक प्रोडक्ट पर ऑफर है. सैंपल के तौर पर डिलीवरी भी हुई. तीन बार के कन्वर्जन के बाद अनिता ने डिलीवरी के लिए भेजी गई लिंक पर पैसा ट्रांसफर कर दिया. इसके बाद प्रोडक्ट भी नहीं मिले और नंबर भी बंद हो गया. करीब 18 हजार 500 रुपए डूब गए. साइबर सेल में शिकायत की तो पता चला कि नंबर पश्चिम बंगाल का है और कॉल थाइलेंड से किया गया है. ऐसी करीब 3 बड़ी शिकायत एमपी स्टेट साइबर सेल के पास आई हैं.

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साइबर फ्रॉड

विदेश से साइबर ठगी: साइबर सेल से मिली जानकारी के अनुसार अब साइबर ठगी करने वालों की गैंग में देश के साथ विदेश में रहने वाले कुछ लोग भी शामिल है. झारखंड की तर्ज पर एक नया जामताड़ा अब थाइलेंड और नेपाल व भूटान के साथ वियतनाम भी पनप गया. यह लोग भारत में रहने वाले ठगों से कांटेक्ट नंबर हासिल करके सिम भारत की लेकर विदेश से कॉल करते हैं. इन्हें पकड़ना बेहद मुश्किल हो गया है. बीते सिर्फ एक साल में सिर्फ एमपी के लोगों से 14 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी इस गैंग ने की है. प्रोडक्ट, क्रेडिट कार्ड से अधिक इसमें ठगी का जरिया अश्लील कंटेंट बना है.

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साइबर ठगों ने ढूंढा नया ठिकाना

15 महीने में मिली 4500 से अधिक शिकायतें : स्टेट साइबर पुलिस के पास ऑनलाइन ठगी की 4500 से अधिक शिकायतें पहुंची है. लगभग 14 करोड़ रुपए की ठगी हुई है. जांच में पता चला कि सायबर ठगी और फ्रॉड करने वालों ने नया पैटर्न अपनाना शुरू कर दिया है. यह लोग भोपाल में रहने वालों से देश के राजस्थान, एनसीआर, दिल्ली, चेन्नई और उप्र में बैठकर जालसाज ठगी कर रहे हैं. इसके लिए इन्होंने ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम में फर्जी नाम-पते से मोबाइल नंबर लिए हैं. नंबर दूसरे राज्यों से लिए ही इसलिए गए हैं, ताकि पुलिस भ्रमित होती रहे. जब तक तकनीकी जांच में पुलिस जालसाजों का पता लगाती है, तब तक वो सिमकार्ड फेंक चुके होते हैं. यही सिम कार्ड यह लोग विदेश पहुंचाते हैं और फिर वहां से कॉल करवाते हैं, ताकि जिसके पास काॅल आए तो उसे लगे कि भारत से ही कॉल आ रहा है. इसमें ज्यादातर जालसाज हिंदी भाषी प्रदेशों के हैं, क्योंकि इससे उन्हें हिंदी भाषी राज्याें के लोगों को फंसाने में आसानी होती है. हद तो यह है कि इनका नेटवर्क भोपाल में भी बहुत मजबूत है और अब तक पुलिस ने ऐसे 11 कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है.

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साइबर फ्रॉड के तरीके

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जोन वाइज आए ठगी के तरीके: साइबर पुलिस की जांच में ठगी का पैटर्न समझ आया है और यह पता चला कि किस जोन से किस नाम से ठगी की जाती है. जैसे महंगे आईफोन कम कीमत में दिलाने का झांसा सबसे अधिक चेन्नई और बेंगलुरू से दिया जाता है. वहीं अश्लील कंटेंट फ्रॉड की 900 से शिकायतें मिली हैं और इसमें राजस्थान, उप्र के साथ थाइलेंड व नेपाल से कॉल किए जाते हैं. वहीं फर्जी सिम लेने का जोन ओडिशा, पश्चिम बंगाल और असम है. 70 से 80 फीसदी सिमकार्ड यहीं के मिल रहे हैं. इस मामले में साइबर पुलिस के एडीजी योगेश देशमुख बताते हैं कि 2022 में करीब 1.75 करोड़ रुपए रिकवर किए और 130 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

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