भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई बलभद्र जी के रथ का नाम तालध्वज, जानें रोचक तथ्य
बलभद्र जी के रथ का नाम तालध्वज है. इनके रथ पर महादेव का प्रतीक होता है. इसे नंगलध्वजा रथ भी कहा जाता है. इस रथ में उनका साथ रामकृष्ण देते हैं. बलभद्र जी का रथ हरे और लाल रंग का होता है. यह तीन रथों में दूसरा सबसे बड़ा रथ है. कुल 763 लकड़ी के टुकड़े से बने बलभद्र जी के रथ की ऊंचाई 45 फीट होती है. इस रथ में 14 पहिए होते हैं. इसमें काले रंग के त्रिब्र, घोरा, दीर्गशर्मा और स्वोर्नानव चार घोड़े होते हैं. तालध्वज रथ के रक्षक वासुदेव और सारथी मताली हैं. रथ के द्वारपाल नंदा और सुनंदा हैं. रथ पर लगे ध्वज को उन्नानी के नाम से जाना जाता है. रथ को खींचने के लिए जिस रस्सी का उपयोग किया जाता है, उसे बासुकी के नाम से जाना जाता है. बलभद्र जी के साथ रथ में भगवान गणेश, कार्तिकेय, सर्वमंगला, प्रलम्बरी, हलयुध, मृत्युंजय, नतमवर, मुक्तेश्वर और शेषदेव की मूर्तियां होती हैं. तालध्वज रथ का मुख केतु भद्र के नाम से जाना जाता है और हथियार हल और मूसल हैं.