ETV Bharat / state

दिल्ली के झिमरपुर गांव के लोग नेताओं के झूठे वादों से नाराज, करेंगे NOTA पर वोट

author img

By

Published : Nov 24, 2022, 4:45 PM IST

बादली और बुराड़ी विधानसभा में आने वाले झिमरपुर गांव और कॉलोनी के लोग स्थानीय नेताओं के झूठे वादों से नाराज हैं. इस इलाके में सड़क, पीने का पानी और साफ़ सफाई समेत कई मुद्दे हैं. लेकिन स्थानीय नेताओं ने यहां कोई कार्य नहीं किया, जिससे परेशान होकर यहां के लोग इस बार नोटा का बटन दबाकर नेताओं के बहिष्कार की बात कर रहे हैं. (Jhimarpur villagers are angry with the false promises of the leaders)

Etv Bharat
Etv Bharat

नई दिल्ली: दिल्ली की बादली और बुराड़ी विधानसभा के अंतर्गत आने वाली झीमर गांव और कॉलोनी के लोग सालों से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. इनका आरोप है कि दोनों विधानसभाओं में नेताओं और पार्षदों ने वादों की झड़ी लगा रखी है, लेकिन काम कराने के नाम पर सालों से इलाके में काम नहीं है.

लोगों का कहना है कि क्षेत्र में सालों से समस्या का अंबार है, समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई जा रही है. हालात यह है कि कोई भी प्रतिनिधि जनता की आवाज सुनने को तैयार नहीं है. निगम प्रत्याशी वोट दोनो ही इलाके में मांगने के लिए द्वार पर आ रहे हैं. इस बार लोगों का मन है कि जो प्रतिनिधि काम करेगा उसी को वोट मिलेंगे, नहीं तो नोटा का बटन दबाकर नेताओं का बहिष्कार करेंगे. (People of Jhimarpur village will press NOTA button)

झीमर गांव और कॉलोनी की बात की जाए तो यह बुराड़ी और बादली विधानसभा के अंतर्गत आता है. बादली विधानसभा से आम आदमी पार्टी के विधायक अजेश यादव और बुराड़ी से संजीव झा है. झीमर कॉलोनी का हिस्सा मुकुंदपुर वार्ड नंबर 8 में आता है, जहां से आम आदमी पार्टी के ही पार्षद अजय शर्मा रहे हैं. वहीं भलस्वा वार्ड में गांव का हिस्सा आता है जहां से भाजपा के पार्षद विजय भगत थे. लेकिन किसी भी निगम पार्षद ओर विधायक ने इलाके में लोगों की समस्या पर समाधान नहीं दिया. लोगों की शिकायत है कि बचपन बीत गया, बुढ़ापे के दौर में पहुंच गए, लेकिन हालात सुधारने के बजाय लगातार खराब हो गए, जिसके जिम्म्मेदार इलाके के नेता है. इलाके में पीने के पानी से लेकर बरसात के पानी की निकासी का समाधान नहीं है.

झिमरपुर गांव

ये भी पढ़ें: एटीएम मशीन में फेवीक्विक डालकर अटका देते थे कार्ड, फिर इस तरह देते थे ठगी को अंजाम

बाहरी रिंग रोड से सटा दिल्ली का अकेला गांव है, जहां पर सरकारी यातायात नहीं है. लोगों को करीब 2 से 3 किलोमीटर तक रोज पैदल चलना पड़ता है. कॉलोनी और गांव के मुहाने पर कूड़ा घर बना दिया गया है, जिससे गंदी बदबू आती है. दिल्ली नगर निगम ने स्कूल का ढांचा तैयार कराकर छोड़ दिया, लेकिन अभी तक उसे शुरू नहीं कराया जा सका है.

बरसात के दिनों में इलाके की मुख्य सड़क तालाब में तब्दील हो जाती हैं, कई-कई फीट गंदे पानी के बीच से इलाके के लोगों को आना जाना पड़ता है. आपात स्थिति में एंबुलेंस की गाड़ी अभी नहीं पहुंच सकती, क्योंकि सड़के टूटी ओर उबड़ खाबड़ हैं. इलाके में ज्यादातर कामकाजी, गरीब मजदूर लोग रहते हैं.

ये भी पढ़ें: एटीएम मशीन में फेवीक्विक डालकर अटका देते थे कार्ड, फिर इस तरह देते थे ठगी को अंजाम

झीमर गांव और कॉलोनी के वोटरों की बात की जाए तो करीब 1000 वोटर इलाके के रहते हैं. हालात देखकर अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि यह देश की राजधानी दिल्ली का बदहाल इलाका है. जहां के लोग अपने प्रतिनिधियों से विकास के गुहार लगा रहे हैं. दिल्ली सरकार भी बीते आठ सालों से दिल्ली में विकास के दावों की बौछार कर लोगो को उम्मीद बंधाये हुए है. झीमर गांव और कालोनी का यह इलाका दिल्ली सरकार के नजरों से कोसों दूर है, इलाके के लोगों का कहना है कि प्रत्याशी इलाके में वोट लेने के लिए आते हैं, लेकिन इस बार इलाके के लोग उनके झांसे में नही आएंगे. जो भी उनकी समस्या का समाधान करेगा ओर उनको बदहाली से निजात दिलाएगा और इलाके में विकास की बात करेगा उसी को वोट दिया जाएगा. नहीं तो अब इलाके के लोग नोटा का बटन दबाकर उनका बहिष्कार करने की बात भी कर रहे हैं.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.