नई दिल्ली: दिल्ली नगर निगम के चुनावों से पहले निगम की बीजेपी सरकार लगातार कई घोषणाएं कर रही हैं. उत्तरी दिल्ली नगर निगम जल्द ही भारत दर्शन पार्क की तर्ज पर करोल बाग स्थित अजमल खान पार्क (Ajmal Khan Park of Karol Bagh) में वेस्ट टू आर्ट पार्क बनाएगा. जल्दी ही इस नए प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा सकती है.पूरे प्रोजेक्ट को नॉर्थ एमसीडी द्वारा प्राइवेट पार्टनर की सहायता से लगभग नाै एकड़ में Develop किया जाएगा. कुल लागत लगभग 27.14 करोड़ रुपए आंकी गई है.
नॉर्थ एमसीडी द्वारा बनाए जा रहे इस पूरे पार्क में विश्व की प्रसिद्ध 25 ऐतिहासिक इमारतों की प्रतिलिपियों/ नमूनों का निर्माण निगम के द्वारा किया जाएगा. पूरे प्रोजेक्ट के मद्देनजर निगम के अधिकारियों द्वारा लगातार प्रस्ताव पर काम किया जा रहा है. जल्द ही पास करके इसकी घोषणा की जाएगी. नॉर्थ एमसीडी द्वारा बनाए जा रहे इस पार्क में पुरानी गाड़ियां, ऑटोमोबाइल पार्ट्स और खराब हो चुकी चीजें यानी कि वेस्ट मेटेरियल का प्रयोग कर ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण ठीक वैसे ही किया जाएगा जिस तरह से भारत दर्शन पार्क और वेस्ट टू वंडर पार्क में एसडीएमसी के द्वारा किया गया है.
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जानकारी के मुताबिक नॉर्थ एमसीडी के द्वारा इस पार्क में (Waste to Art Park to be built in Ajmal Khan Park) ग्रेट वॉल ऑफ चाइना, इजिप्ट की कुछ ऐतिहासिक इमारतों के साथ जापान में बुद्धा का स्टेचू और ओपेरा हाउस के साथ लिटिल मरमेड और टारगेट फैमिलिया जैसी ऐतिहासिक और मशहूर इमारतों के मोनुमेंट्स को बनाकर दर्शाया जाएगा. फिलहाल यह पूरा प्रोजेक्ट अभी शुरुआती दौर में है. पार्क के अंदर निगम के द्वारा दुनिया के सबसे बड़े स्टैचू ऑफ यूनिटी सरदार वल्लभभाई पटेल की मूर्ति जो गुजरात में लगाई गई है उसकी रिप्लिका भी बनाने की प्लानिंग है.
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नॉर्थ एमसीडी के हॉर्टिकल्चर विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार करोल बाग का अजमल खान पार्क 24 एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है. इस पूरे पार्क के आसपास घनी आबादी है. ऐसे में अजमल खान पार्क में इस पूरे प्रोजेक्ट को Develop करने से ना सिर्फ बड़ी संख्या में टूरिस्ट पार्क को देखने आएंगे बल्कि निगम को बड़ी संख्या में राजस्व की प्राप्ति होने का भी अनुमान है. इस पूरे प्रोजेक्ट में बच्चों के लिए विशेष तौर पर खेलने की जगह, ऑडिटोरियम और फूड कोर्ट का निर्माण भी निगम के द्वारा किया जाएगा. इस प्रोजेक्ट के संपन्न होने के बाद प्राइवेट पार्टनर को ही अगले 20 साल के लिए इसकी देखरेख की जिम्मेदारी दी जाएगी.