नई दिल्ली: दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने अपने बहुचर्चित वेस्ट टू वंडर और भारत दर्शन पार्क के विस्तार को लेकर निगम के द्वारा फेज 2 के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है. जिसके बाद अब इन दोनों पार्को का विस्तार किया जाएगा. पार्कों का विस्तार पहले पीपीपी मॉडल के तहत किया जाना था, लेकिन अब निगम के द्वारा दोनों पार्को को खुद डेवलप किया जाएगा. दोनों पार्कों से औसतन प्रति दिन निगम को लगभग 5-5 लाख रुपये की आमदनी हो रही है. साथ ही जनता का रिस्पांस भी काफी अच्छा है. फेज दो के तहत भारत दर्शन पार्क और वेस्ट टू वंडर पार्क के अंदर फूड कोर्ट, बच्चों के लिए खेलने का स्थान, लेजर लाइट शो के लिए स्टेज ऑडिटोरियम समेत अन्य चीजों को डेवलप किया जाएगा. भारत दर्शन पार्क में मोनुमेंट्स की संख्या को 21 से बढ़ाकर 28 किया जाएगा.
आगामी चंद महीनों में होने वाले दिल्ली नगर निगम के प्रमुख चुनाव से पहले राजधानी दिल्ली का सियासी पारा लगातार गरमाया हुआ है. इस बीच साउथ एमसीडी में शासित बीजेपी की सरकार द्वारा लगातार एक के बाद एक विभिन्न घोषणाएं करके सीधा दिल्ली के मतदाताओं को प्रभावित कर मतों को साधने का प्रयास किया जा रहा है. एसडीएमसी ने अपने द्वारा बनाए गए बहुचर्चित वेस्ट टू वंडर और भारत दर्शन पार्क जो वर्तमान केंद्र दिल्ली के अंदर बन रहे हैं. इन दोनों पार्कों के एक्सटेंशन को लेकर फेज 2 के तहत द्वितीय चरण के प्रस्ताव को पारित किया गया है. जिसके बाद इन दोनों पार्को का फेज 2 के तहत ना से विस्तार होगा बल्कि डेवेलप भी किया जाएगा.
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गौरतलब है कि पार्कों को वर्तमान समय में न सिर्फ जनता द्वारा पसंद किया जा रहा है बल्कि दोनों पार्कों से निगम को बड़ी संख्या में राजस्व की प्राप्ति भी हो रही है. ऐसे में इनके प्रोजेक्ट्स को फेज 2 के तहत अब और डिवेलप किया जाएगा, जिसके तहत पार्को के अंदर न सिर्फ फूड कोर्ट के लिए अलग से जगह डेवलप की जाएगी. बल्कि लेजर लाइट शो स्टेज ऑडिटोरियम के साथ बच्चों के खेलने के लिए जगह को भी विकसित किया जाएगा.
पहले इन दोनों पार्कों को फेज दो चरण के तहत कमिश्नर के द्वारा पीपीपी मॉडल के आधार पर विकसित करने का सुझाव दिया गया था. लेकिन निगम में शासित बीजेपी की सरकार के द्वारा उस सुझाव को रद्द कर दिया गया और निगम ने खुद ही दोनों पार्को को डेवेलप करने का फैसला किया. पूरे मामले पर नेता सदन इंद्रजीत सहरावत ने बातचीत के दौरान बताया कि दोनों पार्को को लेकर जनता का अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है, और दोनों पार्को से औसतन हर रोज पांच लाख रुपये की आमदनी भी हो रही है. ऐसे में निगम ने फैसला किया कि इन दोनों पार्कों को खूब डेवलप किया जाएगा.