नई दिल्ली : महंगाई का असर त्योहारों पर भी पड़ने लगा है. सरोजिनी नगर मार्केट का कुम्हार मार्केट में गणेश चतुर्थी से पहले भगवान गणेश की मूर्ति खरीदने के लिए भीड़ उमड़ती थी. अब उसी मार्केट में सन्नाटा पसरा हुआ है. कोरोना महामारी के बाद दुकानदारों ने इस बार ज्यादा तैयारी की थी. लेकिन मार्केट पिछले साल से भी खराब है. दुकानदार इस बार की दुकानदारी से निराश है.
एक बुजुर्ग महिला पिछले कई दशकों से इस मार्केट में मूर्ति बेचती है. उनका कहना है कि इस बार इस मार्केट की जो हालत है, इससे पहले शायद कभी नहीं हुई थी. यहां के दुकानदारों ने इस साल भगवान गणेश की प्रतिमा के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी. कोलकाता से विशेष तौर पर इको फ्रेंडली गणपति मंगाया गए थे. दर्जनों परिवार यहां गणपति को सजाने में जुटा हुआ है, लेकिन इस मार्केट में सन्नाटा पसरा हुआ है. महज एकाद ग्राहक ही मार्केट में आ रहे हैं.
इस मार्केट के प्रधान का कहना है कि इस बार जो हालात हैं इससे पहले कभी नहीं थे. पिछले साल ज्यादा मूर्तियां बीकी थी. महंगाई के चलते लोग यहां नहीं आ रहे हैं. जो लोग आ रहे हैं वह सस्ती मूर्तियां मांग रहे हैं. महंगाई के चलते दुकानदारों को मूर्तियों की खरीदारी भी महंगी पड़ी है. इसके विपरीत ग्राहक इनसे उन्हीं मूर्तियों को सस्ते दाम में देने की डिमांड कर रहे हैं.
बता दें कि सरोजिनी नगर मार्केट का कुम्हार मार्केट कई दशक पुराना है. यहां पर दिल्ली और एनसीआर के लोग गणपति की मूर्ति लेने के लिए आते हैं. इस बार भले ही इस मार्केट में रौनक न हो लेकिन जो भी ग्राहक आ रहे हैं उनके अंदर गणपति बप्पा के त्योहार को लेकर खासा उत्साह देखने को मिला. यह त्योहार मुख्य रूप से महाराष्ट्र में मनाया जाता है. लेकिन बीते कई सालों से दिल्ली वाले भी इस त्योहार को हर्षोल्लास से मना रहे हैं.
सरोजनी नगर मार्केट के पास कुम्हार बस्ती काफी पुराना है. यहां हर समय रौनक हुआ करती थी. यहां मिट्टी के कई तरह के बर्तन, सजावट के समान और हर त्योहार के लिए आकर्षक मूर्तियां मिलती है. इसके कारण यहां सालों भर रौनक बनी रहती थी. दूर-दूर से ग्राहक यहां मिट्टी के समानों को खरीदने के लिए आया करते थे. लेकिन पिछले दो सालों से यहां सन्नाटा है. दुकानदारों के लिए अपनी रोजी रोटी चलाना मुश्किल हो गया है.