नई दिल्ली: अपराधियों पर नकेल कसने के लिए पुलिस अब बदमाशों के सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगी. पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने इसे लेकर दिल्ली पुलिस को निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने अपराधियों की गिरफ्तारी के समय उसके सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी को भी रिकार्ड में शामिल करने के निर्देश दिये हैं नई. उनका मानना है कि इससे भविष्य में ऐसे अपराधियों पर नजर रखना पुलिस के लिए आसान होगा.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बीते कुछ वर्षों के दौरान बदमाशों के बीच भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ा है. वह फेसबुक और इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करते हैं. दिल्ली में कई ऐसे गैंग हैं जो अपने सरगना के वीडियो फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अपलोड करते हैं. हाल ही में हुई सिद्धु मूसेवाला की हत्या के बाद कनाडा में बैठे गैंगस्टर गोल्डी बरार ने फेसबुक पर पोस्ट डालकर इस हत्याकांड की जिम्मेदारी ली थी. बीते कुछ वर्षों में गैंगस्टरों के बीच जिस तरह से सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ा है, इसे ध्यान में रखते हुए उनकी धरपकड़ के लिए पुलिस भी सोशल मीडिया को हथियार बनाना चाहती है.
उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस कमिश्नर की यह पहल बेहद सकारात्मक परिणाम सामने लाएंगी. पुलिस के पास जब इन बदमाशों के सोशल मीडिया अकाउंट की जानकारी होगी तो उन तक पहुंचने के लिए पुलिस के पास कुछ सुराग होंगे. पुलिस के लिए इससे बदमाशों तक पहुंचना भविष्य में उसी तरह से आसान होगा जैसे पूर्व में मोबाइल ट्रैकिंग सिस्टम से होता रहा है. पूर्व एसीपी वेदभूषण ने बताया कि आने वाले समय में इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल बढ़ेगा और पुलिस की यह पहल काफी मददगार साबित होगी.
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