नई दिल्ली: यूट्यूब देखकर आज लोग आसानी से नई-नई चीजें घर बैठे सीख रहे हैं लेकिन क्या कभी सुना है कि किसी को यूट्यूब से ठगी का आइडिया आया हो. हाल ही में रोहिणी जिले की साइबर थाना पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो भोले-भाले लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी को अंजाम देता था. लेकिन पूछताछ में पुलिस में उसने बताया कि उसे ठगी करने का आइडिया यूट्यूब से ही आया था.
डीसीपी प्रणव तायल के अनुसार, हाल ही में एक व्यक्ति ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी जिसमें उसने बताया था कि उसने नौकरी के संबंध में अपना रिज्यूमे जॉब पोर्टल पर अपलोड किया था. इसके कुछ दिनों बाद उसे एक मैसेज के साथ व्हाट्सअप पर एक लिंक आया जिसमें 10 रुपए का रजिस्ट्रेशन करने को कहा गया था. ऐसा करने के बाद पीड़ित के अकाउंट से 18,362 रुपए निकाल लिए गए. मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर थाना की एक टीम का गठन किया जिसने लोकल इनपुट और टेक्निकल सर्विलांस की मदद से पता लगाया कि आरोपी गाजियाबाद क्षेत्र से काम कर रहे हैं.
इसके बाद साइबर पुलिस टीम ने गाजियाबाद में छापेमारी करते हुए आरोपी को धर दबोचा जिसके साथ 3 टेली कॉलर भी थे. हालांकि टेली कॉलरों को नोटिस देकर छोड़ दिया गया. आरोपी की पहचान गाजियाबाद निवासी जॉनी कुमार के रूप में हुई है. पूछताछ में उसने बताया कि ठगी का आइडिया उसे यूट्यूब से आया था. उसने बताया कि वह जॉब पोर्टल वेबसाइटों से पीड़ितों का डेटा प्राप्त करते थे और नौकरी दिलाने के बहाने भोले-भाले लोगों को ठगी का शिकार बनाते थे. आरोपी के पास से 1 एटीएम, 1 पासबुक, 2 मोबाइल फोन, 2 सिम कार्ड और 01 लैपटॉप बरामद किया. जांच में यह भी पता चला कि आरोपी के खिलाफ राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर भी तीन शिकायतें हैं. साइबर थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ संबंधित धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है और आगे की कार्रवाई कर रही है.
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