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दिल्ली सरकार के शिक्षा मॉडल की BJP ने खोली पोल! रिएलिटी चेक के बाद निशाने पर केजरीवाल

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Published : Jan 28, 2020, 4:02 PM IST

Updated : Jan 28, 2020, 4:38 PM IST

मंगलवार को पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विश्वस्तरीय स्कूलों के दावे करते हैं. हकीकत जानने के लिए सोमवार को दिल्ली के सभी सांसदों ने स्कूल का दौरा किया तो स्कूलों में शिक्षा एक कोने में सहमी और सिसकती हुई दिख रही थी.
manoj tiwari allegations on delhi education system
मनोज तिवारी का केजरीवाल सरकार पर निशाना

नई दिल्ली: दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के दावे कर रहे सीएम केजरीवाल के दावे को जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनौती देते हुए दिल्ली के सांसदों को सरकारी स्कूलों का रियलिटी चेक करने के लिए भेजा तो वहां के हालात देख बीजेपी ने अब आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला बोला है.

मनोज तिवारी का केजरीवाल सरकार पर निशाना

मंगलवार को पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विश्वस्तरीय स्कूलों के दावे करते हैं. हकीकत जानने के लिए सोमवार को दिल्ली के सभी सांसदों ने स्कूल का दौरा किया तो स्कूलों में शिक्षा एक कोने में सहमी और सिसकती हुई दिख रही थी.

इन स्कूलों का सांसद ने किया दौरा

मनोज तिवारी ने कहा कि वे खजूरी खास स्थित राजकीय बाल बालिका विद्यालय गए थे. मीनाक्षी लेखी पटेल नगर सरकारी स्कूल गई थी. रमेश बिधूड़ी तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी स्थित सरकारी स्कूल में गए थे. पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा गांव में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तो हंसराज हंस मंगोलपुरी के सरकारी स्कूल में गए. गौतम गंभीर स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय का दौरा किया था.

उनकी वीडियो दिखाते हुए तिवारी ने कहा कि सरकारी स्कूलों की जो हकीकत देखी, वह जिक्र करने लायक नहीं है. ऐसी दुर्दशा सुदूर राज्यों के ग्रामीण इलाकों की स्कूलों की भी नहीं होती होगी.

साफ सफाई, बुनियादी सुविधाएं सब बेकार

मनोज तिवारी बोले स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों से बात की तो उन्होंने क्लास रूम में जाकर शिक्षा के स्तर की हकीकत दिखाएं. टॉयलेट ब्लॉक और विद्यालय प्रांगण की साफ-सफाई का बुरा हाल था. स्कूल में बेंचे तोड़कर बाहर फेंकी हुई है. बच्चों के पीने पानी पीने की जगह सफाई नहीं है. एक बार फिर यह साबित हो गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनता की गाढ़ी कमाई से करोड़ों रुपये का विज्ञापन देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं.

ये देश की राजधानी का दुर्भाग्य है दिल्ली सरकार के स्कूलों में छात्र पेड़ के नीचे आकर पढ़ रहे हैं. स्कूलों में टीचरों का अभाव होने के कारण स्कूल 2 के बजाय चार पारियों में लगाया जा रहा है. छात्र अधूरा ज्ञान लेकर घर जाने को मजबूर हैं.

स्कूलों के रिएलिटी चेक के बाद मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार अपने कुल बजट का 25 फीसद शिक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने के नाम पर खर्च करती रही है. यह हाल तब है. इसी से पता चलता है कि सरकार में कितना भ्रष्टाचार हुआ है. अरविंद केजरीवाल झूठ की मशीन है और जनता यह सब जान चुकी है. उनके स्वभाव के पीछे सिर्फ सत्ता का स्वार्थ है जनता की सेवा नहीं.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली के शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के बार-बार बात कर रहे केजरीवाल के दावे को जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनौती देते हुए दिल्ली के सांसदों को सरकारी स्कूलों का रियलिटी चेक करने के लिए भेजा तो वहां के हालात देखा बीजेपी ने अब आम आदमी पार्टी सरकार पर हमला बोला है.


Body:स्कूलों को बेहतर बनाने के दावे झूठ

मंगलवार को पंडित पंत मार्ग स्थित प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विश्वस्तरीय स्कूलों के दावे करते हैं. हकीकत जानने के लिए सोमवार को दिल्ली के सभी सांसदों ने स्कूल का दौरा किया तो स्कूलों में शिक्षा एक कोने में सेहमी व सिसकती हुई दिख रही थी.

इन स्कूलों का सांसद ने किया दौरा

उन्होंने कहा कि वे खजूरी खास स्थित राजकीय बाल बालिका विद्यालय गए थे. मीनाक्षी लेखी पटेल नगर सरकारी स्कूल गई थी. रमेश बिधूड़ी तुगलकाबाद रेलवे कॉलोनी स्थित सरकारी स्कूल में गए थे. पश्चिमी दिल्ली से सांसद प्रवेश वर्मा गांव में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तो हंसराज हंस मंगोलपुरी के सरकारी स्कूल में गए. गौतम गंभीर स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय का दौरा किया था. उनकी वीडियो दिखाते हुए तिवारी ने कहा कि सरकारी स्कूलों की जो हकीकत देखी वह जिक्र करने लायक नहीं है. ऐसी दुर्दशा सुदूर राज्यों के ग्रामीण इलाकों की स्कूलों की भी नहीं होती होगी.

साफ सफाई, बुनियादी सुविधाएं सब बदत्तर

मनोज तिवारी बोले स्कूल के प्रधानाचार्य और शिक्षकों से बात की तो उन्होंने क्लास रूम में जाकर शिक्षा के स्तर की हकीकत दिखाएं. टॉयलेट ब्लॉक और विद्यालय प्रांगण की साफ-सफाई का बुरा हाल था. स्कूल में बेंचे तोड़कर बाहर फेंकी हुई है. बच्चों के पीने पानी पीने की जगह सफाई नहीं है. एक बार फिर यह साबित हो गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जनता की गाढ़ी कमाई से करोड़ों रुपए का विज्ञापन देकर जनता को गुमराह कर रहे हैं. यह देश की राजधानी का दुर्भाग्य है दिल्ली सरकार के स्कूलों में छात्र पेड़ के नीचे आकर पढ़ रहे हैं. स्कूलों में टीचरों का अभाव होने के कारण स्कूल 2 के बजाय चार पारियों में लगाया जा रहा है. छात्र अधूरा ज्ञान लेकर घर जाने को मजबूर हैं.


Conclusion:स्कूलों के रियलिटी चेक के बाद मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार अपने कुल बजट का 25 फीसद शिक्षा व्यवस्था बेहतर बनाने के नाम पर खर्च करती रही है. यह हाल तब है. इसी से पता चलता है कि सरकार में कितना भ्रष्टाचार हुआ है. अरविंद केजरीवाल झूठ की मशीन है और जनता यह सब जान चुकी है. उनके स्वभाव के पीछे सिर्फ सत्ता का स्वार्थ है जनता की सेवा नहीं.

समाप्त, आशुतोष झा
Last Updated :Jan 28, 2020, 4:38 PM IST
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