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दिल्ली में डेंगू को लेकर केजरीवाल सरकार अलर्ट, अस्पतालों में मरीजों के लिए 10-15 फीसदी बेड रिजर्व

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Published : Oct 11, 2022, 10:40 PM IST

राजधानी दिल्ली में डेंगू के बढ़ते मामलों ने अब डराना शुरू कर दिया है. हालात के मद्देनजर दिल्ली सरकार अब अलर्ट मोड में आ गई है और दिल्ली के सभी अस्पतालों से 10-15 फीसदी बेड डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित रखने को कहा गया है.
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उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया

नई दिल्ली: दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डेंगू की मौजूदा स्थिति का संज्ञान लेते हुए निर्देश दिया कि दिल्ली के सभी अस्पतालों में 10 से 15 फीसदी बेड्स वेक्टर जनित बीमारियों खास तौर पर डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित रखा जाए. इस बाबत केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों/नर्सिंग होम को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि डेंगू, बुखार या किसी अन्य वेक्टर जनित बीमारी से पीड़ित किसी भी मरीज को अस्पताल में बिस्तरों की कमी के कारण प्रवेश से वंचित न किया जाए. इसके लिए अस्पताल अपने यहां कुल बेड्स के 10 से 15 फीसदी बेड्स को इन मरीजों के लिए आरक्षित रखे.

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जारी आदेश के अनुसार, जिन सरकारी और निजी अस्पतालों में कोविड-19 के मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड आरक्षित हैं, अस्पताल उन बेड्स का इस्तेमाल डेंगू या अन्य वेक्टर जनित मरीजों के लिए करें, क्योंकि दिल्ली में कोरोना के मामले बेहद कम आ रहे हैं. ऐसे में जरूरत पड़ने पर इन खाली बेड्स का बेहतर इस्तेमाल हो सकेगा.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि मौजूदा मौसम में डेंगू और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों के फैलने की आशंका काफी अधिक होती है. साथ ही पिछले दो हफ्तों में इन मामलों में वृद्धि देखी गई है, लेकिन लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि अस्पतालों में मरीजों को इलाज मुहैया कराने के लिए केजरीवाल सरकार द्वारा सभी इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने दिल्ली के सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है और पूरे हालात पर नजर रखे हुए हैं.

उपमुख्यमंत्री ने तैयारियों पर चर्चा करते हुए कहा कि दिल्ली के सभी अस्पतालों को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि वे अपने यहां कुल बेड्स क्षमता का 10 से 15 फीसदी बेड्स वेक्टर जनित रोगियों के इलाज के लिए आरक्षित करें, ताकि किसी भी मरीज को बिस्तरों की कमी के कारण इलाज से वंचित न रहना पड़े.

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वर्तमान समय में दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों में कोरोना के लिए लगभग 8800 बेड्स आरक्षित किए गए हैं. लेकिन दिल्ली में कोरोना के मामले बेहद कम आ रहे हैं और वर्तमान में आरक्षित बेड्स के 1% से भी कम बेड्स उपयोग में आ रहे हैं. ऐसे में सरकार द्वारा अस्पतालों को निर्देश दिया गया है कि इन बेड्स का उपयोग वेक्टर जनित बीमारियों के रोगियों के लिए किया जाए. जिससे मरीजों के इलाज में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.

वहीं, स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पतालों और संबंधित अधिकारियों को डेंगू के मामलों से निपटने व बेहतर रणनीति बनाने में मदद करने के लिए एकीकृत पोर्टल पर मामलों के विवरण को लगातार अपडेट करने का निर्देश दिया गया है.

दिल्ली नगर निगम की बैठक

दिल्ली नगर निगम के अतिरिक्त आयुक्त सुनील भादू की अध्यक्षता में मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए अंर्तविभागीय समन्वय बैठक हुई. इसमें मच्छरजनित बीमारियों की स्थिति की समीक्षा की गई तथा इस बैठक में अंतर्क्षेत्रीय सहभागी विभागों ने दिल्ली में डेंगू एवं चिकनगुनिया की रोकथाम एवं नियंत्रण के विभिन्न उपाय अपनाने के लिए भाग लिया.

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अतिरिक्त आयुक्त (चिकित्सा) सुनील भादू ने कहा कि मच्छर जनित बीमारियों से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका मच्छरों के प्रजनन की रोकथाम है. अभी हाल ही में हुई वर्षा के कारण मच्छरों के प्रजनन की संभावना काफी बढ़ गई है. उन्होंने कहा कि ऐसे में सभी हितधारकों की जिम्मेदारी है कि अपने अधिकार क्षेत्र में जलजमाव न होने दें, जिससे की डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के फैलने की आशंका को खत्म किया जा सके.

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