नई दिल्ली: राजधानी की कड़कड़डूमा कोर्ट ने मौजपूर इलाके में हिंसा के आरोप में जेल में बंद शाहरुख पठान की अपनी मां की सर्जरी के लिए दायर अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत ने ये आदेश दिया. कोर्ट ने कहा कि आरोपी की मां की देखभाल के लिए उसका भाई मौजूद है.
जमानत देने पर आरोपी के भागने की आशंका
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की इस दलील से सहमति जताई की अगर शाहरुख पठान को जमानत दी गई तो वो भाग सकता है, क्योंकि घटना वाले दिन वह दिल्ली से भाग गया था. जिसे गुप्त सूचना पर दिल्ली पुलिस ने यूपी से गिरफ्तार किया था. कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने अपने पिता की सर्जरी के लिए हाईकोर्ट में अंतरिम जमानत याचिका दायर की थी. जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा कि आरोपी के पिता भी पहले गिरफ्तार हो चुके हैं.
मां के ऑपरेशन के लिए मांगी थी जमानत
शाहरुख पठान की ओर से वकील सुनील मेहता ने कहा कि घटनास्थल पर एकत्र लोग अपने मौलिक अधिकारों का उपयोग कर रहे थे और वे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ सरकार का विरोध कर रहे थे. आरोपी लोगों को शांत कराने की कोशिश कर रहा था, जब उस पर पत्थर से हमला किया गया, तो वह आश्रय लेने के लिए भागा और उसने अपनी सुरक्षा में गोली चलाई. उसे किस व्यक्ति ने हथियार दिया, जिसे वह नहीं जानता है. उसकी नीयत किसी को नुकसान पहुंचाने की नहीं थी. इस मामले में जांच पूरी हो चुकी है और चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है. उन्होंने कहा कि आरोपी की मां की सर्जरी 10 नवंबर को बरेली के अस्पताल में होनी है. उसकी मां अपनी बेटी के यहां थी, जहां वो सीढ़ियों से गिर गई थी. उनका ऑपरेशन पहले 26 अक्टूबर को होना था, लेकिन ब्लडप्रेशर बढ़ने की वजह से 10 नवंबर को करने का फैसला किया गया.
आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप
शाहरुख पठान की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से वकील देवेन्द्र कुमार भाटिया ने कहा कि आरोपी के खिलाफ गंभीर आरोप हैं. उसे पुलिस पर रिवाल्वर ताने देखा गया, जिसकी फोटो कई न्यूज चैनल्स और अखबारों में छपी थी. घटना के बाद शाहरुख यूपी भाग गया. क्राइम ब्रांच के नारकोटिक्स सेल की खुफिया खबर के आधार पर 3 मार्च को शाहरुख को शामली बस स्टैंड से गिरफ्तार किया गया था.
पिता के इलाज के लिए नहीं मिली थी जमानत
पिछले 24 जून को दिल्ली हाईकोर्ट ने शाहरुख पठान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. शाहरुख ने हाईकोर्ट से अपने पिता के इलाज और आपरेशन कराने के लिए जमानत की मांग की थी. पिछले 8 मई को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शाहरुख पठान की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि सरकार की नीतियों का विरोध करने का अधिकार मौलिक अधिकार है, लेकिन इसका ये मतलब नहीं है कि इससे व्यवस्था बिगड़े. कोर्ट ने कहा था कि जो वीडियो फुटेज वायरल हुआ है, उसमें आरोपी एक पुलिस अधिकारी पर पिस्तौल ताने हुए दिख रहा है. ऐसी स्थिति में जमानत नहीं दिया जा सकता है.
कॉन्स्टेबल पर रिवाल्वर तानने वाला फोटो वायरल
शाहरुख को उत्तर प्रदेश के शामली से 3 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने उसकी रिवाल्वर उसके घर से ही बरामद की थी. पुलिस ने उसके घर से तीन कारतूस भी बरामद किए थे. दिल्ली पुलिस ने शाहरुख का मोबाइल फोन भी बरामद किया था.दिल्ली हिंसा के दौरान शाहरुख का हेड कॉन्स्टेबल दीपक दहिया पर रिवाल्वर तानने वाला फोटो भी काफी वायरल हुआ था.