नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में पुरुष हॉकी टीम को कांस्य पदक मिलने के बाद देशभर में बधाइयों का तांता लगा है. इसी बीच राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड कर दिया गया है. पीएम मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है.
टोक्यो ओलंपिक में एतिहासिक जीत के बाद ईटीवी भारत ने हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि यह जीत देशभर के करोड़ों लोगों की दुआओं का फल है. इस दौरान उन्होंने हॉकी के जादूगर की उपलब्धियों के बारे में बताया. गुलाम भारत से लेकर आजाद भारत की तस्वीरें भी ईटीवी के साथ शेयर कीं.
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उन्होंने बताया कि ध्यान सिंह को हॉकी में बहुत अच्छा खेल रहे थे. विदेशों में लगातार भारत का नाम रोशन कर रहे थे. इसलिए जब वो देश वापस लौटकर आए तो उन्हें लोगों ने ध्यान सिंह को छोड़कर ध्यानचंद बुलाना शुरू कर दिया और फिर उनका पुराना नाम पीछे ही छूट गया.
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मेजर ध्यानचंद से जुड़े हुए सभी किस्सों को, आजादी से पहले और आजादी के बाद, चाहे वो जर्मनी से जुड़े हुए हों, जिसमें जर्मनी का तानाशाह हिटलर हार के बाद मैदान छोड़कर भाग गया था और या फिर अलग-अलग देशों में लोगों द्वारा उनकी हॉकी को छूकर देखना हो. ऐसे ही कई किस्से सुनने के लिए सुनिए उनके बेटे अशोक कुमार से, देखिए पूरा वीडियो.