नई दिल्ली/गाजियाबाद: कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं. किसानों का आंदोलन 12वें महीने में प्रवेश कर चुका है. 26 नवंबर को किसान आंदोलन एक साल का सफर तय कर लेगा. एक तरफ संयुक्त किसान मोर्चा किसान आंदोलन को तेज करने की कवायद में जुटा है तो वहीं दूसरी तरफ किसान नेता राकेश टिकैत भी आंदोलन को नई दिशा देने की तैयारी कर रहे हैं.
गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत का एक नया बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि किसानों द्वारा तैयार की गई दवाई का असर भाजपा पर पूरी तरह से हो रहा है. समय जरूर लगेगा, लेकिन 2022 तक स्वास्थ्य लाभ होगा. पहले भी किसान नेता राकेश टिकैत बयानों में भाजपा का इलाज करने की बात कहते आए हैं.
टिकैत ने कहा था कि बंगाल में किसानों ने भाजपा का इलाज किया था और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में भी किसान भाजपा का इलाज करेंगे. बता दें कि किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच 11 दौर की वार्ता अब तक हो चुकी है.
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बीते नौ महीने से वार्ताओं का दौर रुका हुआ है और किसानों और सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है. किसान साफ कर चुके हैं कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा मांगें पूरी नहीं की जाती है वो दिल्ली के बॉर्डरों से गांवों के लिए घर वापसी नहीं करेंगे.
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