नई दिल्ली/ गाजियाबाद: दिल्ली की सीमा पर किसान डटे हुए हैं. किसान नेता राकेश टिकैत ने कल अमरोहा में बयान दिया था कि अगर किसानों को जबरन रोड से हटाया जाएगा, तो देशभर के सरकारी दफ्तरों को मंडिया बना देंगे. इसका अर्थ यह बताया जा रहा है कि अगर आने वाले वक्त में पुलिस ने किसानों को रोड से हटाने की कोशिश की तो देशभर में प्रदर्शन होगा और सरकारी दफ्तरों पर किसानों का डेरा हो सकता है.
इस पर किसान नेता अनुज कुमार ने कहा कि सरकार अगर हमें परेशान करेगी तो हम भी परेशान करेंगे. उन्होंने कहा कि हमने रास्ता नहीं रोका हुआ है. दिल्ली पुलिस सिर्फ दिखावा कर रही है. किसान नेता जय कुमार मलिक ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने दिखावे के लिए नेशनल हाईवे नौ पर लगे बैरिकेड हटा दिए हैं. इससे वह सुप्रीम कोर्ट में यह बता सकें कि पुलिस ने रास्ता बंद नहीं किया है. जबकि, नेशनल हाईवे नौ पर पुलिस के टेंट पहले की तरह लगे हुए हैं. सिर्फ इमरजेंसी वाहनों को दिल्ली पुलिस आगे जाने दे रही है.
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वहीं, नेशनल हाईवे नौ के नीचे वाले हिस्से से बैरिकेड नहीं हटाया गया है. उन्होंने मांग की है कि दिल्ली पुलिस सभी जगह से अपने बेरिकेड हटाए और किसानों को दिल्ली जाने दें, ताकि रास्ता खुल पाए. किसान नेताओं के इस बयान से साफ है कि अभी रास्ता तो खुलने वाला नजर नहीं आता है, लेकिन यह मामला बड़ी बहस का मुद्दा बनता जा रहा है. फिर से सवाल खड़ा हो रहा है कि रास्ता आखिर बंद करने की असली वजह क्या है. किसान नेताओं का यह कहना है कि आगामी 7 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई के लिए किसानों ने अपना जवाब तैयार कर लिया है.
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