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#etv dharma: विशेष संयोग में मनाया जायेगा करवा चौथ

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Published : Oct 23, 2021, 10:50 AM IST

Updated : Oct 24, 2021, 6:37 AM IST

इस साल यानि 2021 में एक शुभ और विशिष्ट संयोग करवा चौथ व्रत के दिन निर्मित हो रहा है. करवा चौथ पर चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में उदित होगा. धार्मिक दृष्टि से यह नक्षत्र बेहद शुभ माना जाता है. तो आइये जानते हैं, इस करवा चौथ पर क्या है खास...

करवा चौथ
करवा चौथ

नई दिल्लीः हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत करती हैं. इस दिन को करवाचौथ कहते हैं. रात में चांद का दीदार करने और चलनी से पति का चेहरा देखने के बाद महिलाएं यह व्रत तोड़ती हैं.

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास बताते हैं कि इस साल यह तिथि रविवार यानि कि 24 अक्टूबर को है. माना जा रहा है कि करवा चौथ पर इस बार पांच साल बाद यह शुभ योग बन रहा है कि करवा चौथ के व्रत की पूजा रोहिणी नक्षत्र में की जाएगी. इसके अलावा रविवार को यह व्रत होने से भी सूर्यदेव का शुभ प्रभाव भी इस व्रत पर पड़ेगा. करवा चौथ व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस व्रत में चंद्रमा की पूजा करने से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और पति की आयु लंबी होती है. इसलिए विवाहित महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए इस व्रत को रखती हैं. इस दिन चंद्रमा के साथ शिव-पार्वती सहित गणेशजी व मंगल ग्रह के स्वामी कार्तिकेय की भी विशेष पूजा होती है.

करवा चौथ

अनीष व्यास ने बताते हैं कि इस साल यानि 2021 में एक शुभ और विशिष्ट संयोग करवा चौथ व्रत के दिन निर्मित हो रहा है. करवा चौथ पर चंद्रमा रोहिणी नक्षत्र में उदित होगा. धार्मिक दृष्टि से यह नक्षत्र बेहद शुभ माना जाता है. इस नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं और माना जाता है कि चंद्र दर्शन से मनोकामना पूर्ण होती है. चंद्र दर्शन मनवांछित फल प्रदान करता है. इस बार करवा चौथ पर चांद रात 8 बजकर 7 मिनट पर निकलेगा. ऐसे में इसी समय व्रती महिलाओं को चंद्र दर्शन हो सकता है. वहीं, चंद्र दर्शन के बाद ही महिलाएं व्रत खोलेंगी.

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करवाचौथ के दिन व्रत रखने वाली महिलाएं यदि लाल रंग के कपड़े पहनती हैं तो उन्हें जिंदगी भर पति का प्यार मिलेगा. माना जाता है कि लाल रंग गर्मजोशी का प्रतीक है और मनोबल भी बढ़ाता है. लाल रंग प्यार का प्रतीक भी माना जाता है. लाल रंग में महिलाएं अधिक सुंदर और आकर्षित दिखती हैं और सबके आकर्षण का केंद्र बिंदू बनती हैं. नीले, भूरे और काले रंग के कपड़े न पहनें, क्योंकि ये अशुभता के प्रतीक है. करवा चौथ को लेकर मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणें सीधे नहीं देखी जाती हैं, उसके मध्य किसी पात्र या छलनी द्वारा देखने की परंपरा है, क्योंकि चंद्रमा की किरणें अपनी कलाओं में विशेष प्रभावी रहती हैं, जो लोक परंपरा में चंद्रमा के साथ पति-पत्नी के संबंध को उल्लास से भर देती है. चंद्र के तुल्य ही पति को भी माना गया है, इसलिए चंद्रमा को देखने के बाद तुरंत उसी छलनी से पति को देखा जाता है. इसका एक और कारण बताया जाता है कि चंद्रमा को भी नजर न लगे और पति-पत्नी के संबंध में भी मधुरता बनी रहे.

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करवा चौथ से बाजार को भी बड़ी उम्मीद है. दरअसल, कोरोना महामारी के कारण मंदी है. जानकारों का मानना है कि दिवाली से पहले पड़ने वाले करवा चौथ से ही बाजार की रौनक लौट सकती है. इस दिन महिलाओं के लिए शॉपिंग की जाती है, उन्हें सोने के आभूषण भेंट किए जाते हैं.

करवा चौथ के व्रत से एक-दो दिन पहले ही सारी पूजन सामग्री को इकट्ठा करके घर के मंदिर में रख दें. पूजन सामग्री इस प्रकार है- मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, चावल, मिठाई, चीनी का बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे.

करवा चौथ पर दिनभर व्रत रखा जाता है और रात में चंद्रमा की पूजा की जाती है. इसके लिए पूजा-स्थल को खड़िया की मिट्टी से सजाया जाता है और पार्वती की प्रतिमा की भी स्थापना की जाती है. पारंपरिक तौर पर पूजा की जाती है और करवा चौथ की कथा सुनाई जाती है. करवा चौथ का व्रत चांद देखकर खोला जाता है, उस मौके पर पति भी साथ होता है. दीये जलाकर पूजा की शुरुआत की जाती है. करवा चौथ की पूजा में जल से भरा मिट्टी का टोंटीदार कुल्हड़ यानी करवा, ऊपर दीपक पर रखी विशेष वस्तुएं, श्रृंगार की सभी नई वस्तुएं जरूरी होती है. पूजा की थाली में रोली, चावल, धूप, दीप, फूल के साथ दूब अवश्य रहती है. शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय की मिट्टी की मूर्तियों को भी पाट पर दूब में बिठाते हैं. बालू या सफेद मिट्टी की वेदी बनाकर भी सभी देवताओं को विराजित करने का विधान है. अब तो घरों में चांदी के शिव-पार्वती पूजा के लिए रख लिए जाते हैं. थाली को सजाकर चांद को अर्घ्य दिया जाता है, फिर पति के हाथों से मीठा पानी पीकर दिन भर का व्रत खोला जाता है. उसके बाद परिवार सहित खाना होता है.

करवा चौथ शुभ मुहूर्त

-करवा चौथ का व्रत 24 अक्टूबर 2021

-चतुर्थी तिथि आरंभ- 24 अक्टूबर 2021 को सुबह 03:01 मिनट से

-चतुर्थी तिथि समाप्त- 25 अक्टूबर 2021 को सुबह 05:43 मिनट पर

-करवा चौथ व्रत पूजा शुभ मुहूर्त 24 अक्टूबर को शाम 05:43 मिनट से 06:59 मिनट तक रहेगा

करवा चौथ पर राशि के अनुसार वस्त्र पहनने से वैवाहिक जीवन होता है खुशहाल

1. मेष राशि की महिलाएं करवा चौथ के दिन गोल्डन रंग की साड़ी, लहंगा या सूटकर पूजा करें.

2. वृषभ राशि की महिलाओं का सिल्वर रंग के वस्त्र धारण करना शुभ रहेगा.

3. करवा चौथ के दिन मिथुन राशि की महिलाएं हरे रंग के वस्त्र धारण करें.

4. कर्क राशि के लिए करवा चौथ के दिन शुभ रंग लाल है.

5. सिंह राशि वालों के लिए लाल, ऑरेंज या गोल्डन रंग के वस्त्र शुभ माने जाते हैं.

6. करवा चौथ के दिन कन्या राशि की महिलाएं लाल, हरी या गोल्डन रंग की साड़ी पहनें.

7. तुला राशि की महिलाएं लाल, गोल्डन या सिल्वर रंग के वस्त्र धारण करें.

8. वृश्चिक राशि की महिलाओं के लिए लाल रंग सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन आप महरून या गोल्डन रंग के कपड़े पहनकर पूजा कर सकती हैं.

9. धनु राशि की महिलाओं को आसमानी या पीले रंग के वस्त्र धारण करने की सलाह दी जाती है.

10. मकर राशि वालों के लिए नीला रंग शुभ माना जाता है.

11. कुंभ राशि की महिलाएं नीले रंग या सिल्वर कलर के वस्त्र धारण कर सकती हैं.

12. मीन राशि की महिलाएं पीले या गोल्डन कलर के कपड़े पहनकर पूजा करें। मान्यता है कि ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी.

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Last Updated :Oct 24, 2021, 6:37 AM IST
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