नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में जहां पहले से ही इलेक्ट्रिक गाड़ियां चल रही हैं इसमें टू-व्हीलर, फोर व्हीलर शामिल हैं. अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इलेक्ट्रिक बस को शामिल कर लिया गया है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का दावा है कि आने वाले दिनों में दिल्ली में 300 के करीब इलेक्ट्रिक बस दौड़ेंगी. पर्यावरण पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा. इसके साथ ही सरकार एग्रीगेटर्स पॉलिसी भी लेकर आई है, जिसमें आम लोगों से उनकी राय मांगी गई है.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार वाहनों से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लगातार प्रभावी पहल कर रही है. इसमें बेहतर यातायात प्रबंधन प्रणाली, सार्वजनिक परिवहन प्रणाली में वृद्धि, जन जागरूकता पैदा करना, मिलावट रोकने के लिए अभियान, नए और उपयोग में आने वाले वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए कड़े मानदंडों को लागू करना, कुशल पीयूसीसी प्रणाली, वाहनों की तकनीक में सुधार, ईंधन की गुणवत्ता में सुधार और स्वच्छ वाहनों पर स्विच जैसे उपाय शामिल हैं.
ये भी पढ़ें : दिल्ली को मिली पहली इलेक्ट्रिक बस, महिला सुरक्षा के विशेष इंतजाम
सोमवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पहली इलेक्ट्रिक बस को हरी झंडी दिखाई. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज का दिन कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है. सबसे पहले, दिल्ली में ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत हुई है. इलेक्ट्रिक से चलने वाली पहली बस आज सड़क पर उतरी है. मैं समझता हूं कि आने वाले वर्षों के अंदर जैसे-जैसे पुरानी बसें हटती जाएंगी, वैसे-वैसे इलेक्ट्रिक बसें दिल्ली की सड़कों पर आती जाएंगी. प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में यह बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है. इस बस के चलने के दौरान आवाज नहीं आती है और इस बस से जरा सा भी धुआं नहीं निकलता है. आज पहली बार बस सड़क पर उतरी है. हमें उम्मीद है कि अप्रैल तक 300 बसें आ जाएंगी. इसके बाद हमारा लक्ष्य अगले कुछ वर्षों के अंदर दो हजार और इलेक्ट्रिक बसें लाने का है.
डीटीसी के बेड़े में पहली इलेक्ट्रिक बस हुई शामिल
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में एक और बड़ी बात यह हुई है कि 2011 के बाद से आज तक डीटीसी के बेड़े में एक भी नई बस नहीं आई थी. कुछ न कुछ ग्रहण लगा हुआ था. जब भी कोशिश की जा रही थी, उसमें तरह-तरह की अड़चनें आ जाती थी. मैं समझता हूं कि 2011 के बाद आज डीटीसी की बेड़े में पहली बस आ गई है. यह बस क्लस्टर के बेड़े में शामिल नहीं है. यह बस पूरी तरह से डीटीसी के अधिकार क्षेत्र में है. हमने आज हवन यज्ञ भी किया है और भगवान से प्रार्थना की है. अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मैं समझता हूं कि अब यह ग्रहण खत्म होगा और अब डीटीसी के अंदर और नई बसें आनी चालू होंगी. इस बस की बैट्री एक से डेढ़ घंटे में पूरा चार्ज हो जाती है. एक बार बैट्री चार्ज होने पर यह बस कम से कम 120 किलोमीटर तक चलती है. जितने भी हमारे डिपो हैं, उन सभी में चार्जिंग की व्यवस्था की जा रही है.
ये भी पढ़ें : डीटीसी में पहली इलेक्ट्रिक बस का जत्था शामिल होगा अरविंद केजरीवाल दिखाएंगे हरी झंडी
दिल्ली की पहली इलेक्ट्रिक बस की प्रमुख विशेषताएं
दिल्ली में आज पहली इलेक्ट्रिक बस का परिचालन शुरू हो गया. यह अत्याधुनिक बस शून्य टेलपाइप उत्सर्जन के साथ ही 100 फीसद इलेक्ट्रिक हैं. यह बस उन 300 इलेक्ट्रिक बसों में शामिल हैं, जिन्हें डीटीसी के तहत आने वाले दिनों में शामिल किया जाएगा. यह 300 बसें मुंडेला कलां (100 बसें), राजघाट (50) और रोहिणी सेक्टर-37 (150 बसें) डिपो से चलेंगी. इन बसों में विकलांग यात्रियों के लिए घुटनों के बल चलने वाले रेंप और महिला यात्रियों के लिए विशेष गुलाबी सीटें हैं. यह बसें सीसीटीवी कैमरों से लैस हैं, जो कश्मीरी गेट पर एक टूवे सेंट्रल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (सीसीसी) से जुड़ी हैं. प्रत्येक बस में 10 पैनिक बटन और एक हूटर है. यह पहली प्रोटोटाइप बस आईपी डिपो से 27 किमी लंबे रूट पर चलेगी. यह बस एक बार चार्ज करने पर कम से कम 120 किलोमीटर तक चलेगी और करीब 1.5 घंटे में फुल चार्ज हो जाएगी.
दिल्ली की पहली इलेक्ट्रिक बस का रूट
दिल्ली की पहली इलेक्ट्रिक बस आईपी डिपो से आईटीओ एजीसीआर, तिलक मार्ग, मंडी हाउस, बाराखंभा रोड, कनॉट प्लेस, जनपथ, राजेश पायलट रोड, पृथ्वीराज रोड, अरबिंदो मार्ग, सफदरजंग, रिंग रोड, साउथ एक्सटेंशन, आश्रम, भोगल, जंगपुरा, इंडिया गेट, हाई कोर्ट और प्रगति मैदान होकर गुजरेगी.
दिल्ली में पहली बार सड़कों पर दौड़ रहीं 6900 बसें
दिल्ली सरकार ने अपनी सार्वजनिक बस प्रणाली का काफी विस्तार किया है और वर्तमान में दिल्ली की सड़कों पर लगभग 6900 बसें चल रही हैं, जिसमें लो फ्लोर और स्टैंडर्ड फ्लोर, एसी और नॉन एसी बसें शामिल हैं. दिल्ली में यह पहली बार है कि बेड़े की संख्या लगभग 6900 बसों की है. पुरानी बसें हटने के बाद क्लस्टर में 450 और नई बसें जोड़ी जा रही हैं. बीते शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 100 बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किए थे. इसके अलावा, दिल्ली सरकार घुम्मनेहरा में 250 और बसें जोड़ने की योजना बना रही है. साथ ही दिल्ली सरकार जल्द ही क्लस्टर बेड़े में 300 इलेक्ट्रिक बसें और डीटीसी के बेड़े में करीब 2000 नई इलेक्ट्रिक बसें भी शामिल करने जा रही है.
ये भी पढ़ें : दिल्ली में आएंगी 190 इलेक्ट्रिक AC क्लस्टर बसें, कैबिनेट की मंजूरी
गूगल पर बसों को ट्रैक कर कभी भी बुक कर सकते हैं टिकट
दिल्ली सरकार का पूरा बस बेड़ा गूगल मैप पर है और दिल्लीवासी कभी भी अपनी यात्रा की योजना बनाकर बसों को ट्रैक कर सकते हैं. कोई भी एक मिनट से भी कम समय में टिकट बुक करने के लिए दिल्ली सरकार के वन दिल्ली एप का उपयोग कर सकता है. दिल्ली सरकार सभी डिपो को इलेक्ट्रिक में बदल रही है. दिल्ली में पहले से ही पांच और डिपो बन रहे हैं. डीटीसी इलेक्ट्रिक बसों के लिए मुंडेला कलां, रोहिणी और राजघाट के अलावा, रोहिणी सेक्टर-37 (140 बसें), बुराड़ी (190 बसें) में क्लस्टर योजना के तहत 330 इलेक्ट्रिक बसों के लिए बस डिपो और 330 एसी इलेक्ट्रिक बसों को शामिल करने की निविदा प्रक्रिया में है. दिल्ली सरकार के पास दो स्थानों, हरि नगर एक और वसंत विहार में मल्टी लेवल बस पार्किंग सुविधाएं भी हैं.
दिल्ली में आने वाली इलेक्ट्रिक बसों का रूट प्लान इस प्रकार होगा-
1- राजघाट इलेक्ट्रिक फ्लीट में शामिल 50 बसों का यह होगा रूट प्लान
1- रूट नंबर- टीएमएस (माइनस)
आईएसबीटी कश्मीरी गेट से चलने वाली इलेक्ट्रिक बस का यह रूट करीब 48 किलोमीटर लंबा होगा। इस रूट पर 9 बसें चलेंगी.
2- रूट नंबर- 211
मेरी गेट से मयूर विहार फेस तीन (वाया पेपर मार्केट) का यह रूट करीब 19 किलोमीटर लंबा होगा. इस रूट पर 6 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी.
3- रूट नंबर-604
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन गेट दो से लाडो सराय टर्मिनल तक का यह रूट करीब 26.5 किलोमीटर लंबा होगा. इस रूट पर 10 इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी.
4- रूट नंबर- टीएमएस (प्लस)
आईएसबीटी कश्मीरी गेट से चलने वाली बस का यह रूट 50.7 किमी लंबा होगा और इस रूट पर 9 बसें चलेंगी.
5- रूट नंबर- एयरपोर्ट एक्सप्रेस-4
आईएसबीटी कश्मीरी गेट से आईजीआई एयरपोर्ट गेट-3 तक के करीब 31.5 किमी लंबे इस रूट पर 14 बसें चलेंगी.
2- मुंडका कलां डिपो से चलने वाली 100 बसों का यह होगा रूट प्लान
1- रूट नंबर- 821
जफरपुर कलां से तिलक नगर तक का यह रूट 20 किलोमीटर लंबा होगा और इस रूट पर 5 बसें चलेंगी.
2- रूट नंबर- 835
ढांसा बॉर्डर से तिलक नगर तक का यह रूट 30.7 किमी लंबा होगा और इस रूट पर 10 बसें चलेंगी.
3- रूट नंबर-764
नजफगढ़ टर्मिनल से नेहरू प्लेस टर्मिनल तक का यह रूट 34.4 किमी लंबा होगा और इस रूट पर 25 बसें चलेंगी.
4- रूट नंबर- 978
नजफगढ़ टर्मिनल से आजादपुर टर्मिनल तक का यह रूट 26 किमी लंबा होगा और इस पर 20 बसें चलेंगी.
5- रूट नंबर-578
नजफगढ़ टर्मिनल से सफदरजंग टर्मिनल तक का यह रूट 37 किमी लंबा होगा और इस पर 20 बसें चलेंगी.
6- रूट नंबर 826
चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वैदिक हास्पिटल खेरा डबार से तिलक नगर तक का यह रूट 25.7 किमी लंबा होगा और इस पर 5 बसें चलेंगी.
7- रूट नंबर- 539ए
नजफगढ़ टर्मिनल से लाडो सराय फिरनी रोड तक का यह मार्ग 33.9 किमी लंबा होगा और इस पर 10 बसें चलेंगी.
3- वैकल्पिक रिजर्व रूट प्लान इस प्रकार होगा-
1- रूट नंबर-708
नजफगढ़ टर्मिनल से नरेला टर्मिनल तक का यह रूट 45 किमी लंबा होगा और इस पर 10 बसें चलेंगी.
2-रूट नंबर- 817एन
नजफगढ़ टर्मिनल से मोरी गेट टर्मिनल तक का यह रूट 31.8 किमी लंबा होगा और इस पर 10 बसें चलेंगी.
3- रूट नंबर-923
नजफगढ़ टर्मिनल से पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन तक का यह रूट 30.4 किमी लंबा होगा और इस पर 10 बसें चलेंगी.