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दिल्ली में डेंगू के 1572 मामले, कैसे रोकें इसका फैलाव और बचने का क्या है उपाय, पढ़ें

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Published : Oct 17, 2022, 6:33 PM IST

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राजधानी दिल्ली में डेंगू तेजी से पैर पसार रहा (Dengue spreading rapidly in Delhi) है. दिल्ली में डेंगू से पीड़ित लोगों का आंकड़ा इस वर्ष अब तक 1572 तक पहुंच चुका है. बीते एक हफ्ते में डेंगू के 314 नए मामले सामने आए हैं. आइए जानते हैं दिल्ली में डेंगू का प्रसार और इससे बचने के उपाय को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट.

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में डेंगू तेजी से पैर पसार रहा (Dengue spreading rapidly in Delhi) है. दिल्ली में डेंगू से पीड़ित लोगों का आंकड़ा इस वर्ष अब तक 1572 तक पहुंच चुका है. बीते एक हफ्ते में डेंगू के 314 नए मामले सामने आए हैं. दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम डेंगू की रोकथाम के लिए फॉगिंग, एंटी लार्वा दवाओं के छिड़काव के साथ ही लोगों को जागरूक करने का दावा कर रही है. सीविक एजेंसियों के दावे की हकीकत क्या है, ये जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने पूर्वी दिल्ली के अलग अलग इलाके के लोगों से बातचीत की.

ईटीवी भारत से बातचीत में ज्यादातर लोगों ने बताया कि उनके इलाके में नगर निगम की तरफ से अब तक फॉकिंग नहीं की गई है और ना ही एंटी लार्वा दवाओं का छिड़काव किया गया है. कुछ लोगों ने माना कि फागिंग तो हुई है, लेकिन सिर्फ सड़कों पर ही फागिंग की गई. गलियों में जहां लोग रहते हैं, वहां फागिंग नहीं हुई है. इन गलियों में डेंगू का लार्वा अधिक पलता है, क्योंकि यहां पर कई ऐसी छोटी-छोटी नालियां हैं, जिसमें जलभराव रहता है.

दिल्ली में डेंगू को लेकर ग्राउंड रिपोर्ट

बता दें, राजधानी में अभी डेंगू का पीक सीजन चल रहा है. पिछले दिनों हुई बारिश ने मच्छरों को पनपने के लिए अनुकूल मौसम बना दिया है. नतीजा यह है कि अब दिल्ली के तमाम अस्पतालों में भी बुखार के ज्यादातर मरीजों की जांच में डेंगू निकल रहा है.

डॉक्टर कहते हैं कि जिन मरीजों को पहले से कोई गंभीर बीमारी है और उन्हें डेंगू हुआ है तो उन्हें बेहतर इलाज के लिए आईसीयू में भर्ती करना पड़ रहा है. अगर कुछ दिनों तक सावधानी नहीं बरती तो स्थिति और खराब हो सकती है.

दिल्ली में तेजी से पैर पसार रहा डेंगू
दिल्ली में तेजी से पैर पसार रहा डेंगू

गंगा राम अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन के डॉ अतुल गोगिया कहते हैं कि अभी जो भी मरीज फीवर की वजह से इलाज के लिए आ रहे हैं, उनकी जांच रिपोर्ट में डेंगू पाया जा रहा है. पहले जिस तरह कोविड के मरीज आ रहे थे, अभी डेंगू के आ रहे हैं. कुछ दिनों में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ी है. 25 से 30 फीसदी मरीज की एडमिट हो चुके हैं. इलाज के लिए आने वाले मरीजों में से लगभग 10 फीसदी को आईसीयू की जरूरत हो रही है. खासकर जो पहले से बीमार हैं.

वहीं, दिल्ली के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल एलएनजेपी के निदेशक डॉ सुरेश कुमार का कहना है कि डेंगू के मामले अब बढ़ रहे हैं. ओपीडी में फीवर के मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है. अभी अस्पताल में 20 से अधिक मरीज इलाज के लिए एडमिट हैं. डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है.

डेंगू के कारणः डेंगू चार वायरसों के कारण होता है, जो इस प्रकार हैं- डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4. जब यह पहले से संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है और वायरस व्यक्ति के रक्त प्रवाह के जरिए फैलता है. एक बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं. यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है.

डेंगू के लक्षणः आमतौर पर डेंगू बुखार के लक्षणों में एक साधारण बुखार होता है और किशोरों एवं बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं की जा सकती है. डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है, जिसके साथ इनमें से कम से कम दो लक्षण होते हैंः

  • सिर दर्द
  • मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द
  • जी मिचलाना
  • उल्टी लगना
  • आंखों के पीछे दर्द
  • ग्रंथियों में सूजन
  • त्वचा पर लाल चकत्ते होना

डेंगू का उपचार और बचावः डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट इलाज नहीं है, क्योंकि डेंगू एक वायरस है. यथासमय देखभाल से इससे बचाव में मदद मिल सकती है, जो इस बात पर निर्भर करता है कि बीमारी कितनी गंभीर है. शोधकर्ता अभी भी डेंगू बुखार के लिए एक विशिष्ट इलाज खोजने पर काम कर रहे हैं. डेंगू बुखार के इलाज में एसिटामिनोफेन टैबलेट के साथ दर्द निवारकों का प्रयोग शामिल है. इसके अतिरिक्त आपका डॉक्टर आपको खूब तरल पदार्थ पीने और आराम करने की सलाह देगा. सबसे अच्छा तरीका रोकथाम है.

त्वचा को खुला न छोड़ें: अपनी त्वचा की सतहों को ढकने और मच्छर के दंश की संभावना को कम करने के लिए लंबी पैंट और पूरी बाजू की शर्ट पहनने की कोशिश करें. डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें.

मच्छर रोधी क्रीम: डाइथाइलटोलुआमाइड (डीईईटी) के कम से कम 10 प्रतिशत कंसंट्रेशन वाला रेपेलेंट प्रभावी रहता है. लंबे समय तक जोखिम हो तो फिर उच्च कंसंट्रेशन वाले रेपलेंट की आवश्यकता होती है. मच्छरों को दूर रखने के लिए आप रोजाना ऐसी क्रीम लगा सकते हैं.

व्यक्तिगत स्वच्छता: जब आप किसी वायरस से संक्रमित होते हैं, तो आप अन्य बीमारियों के प्रति अतिरिक्त संवेदनशील हो जाते हैं. लिक्विड हैंडवॉश का प्रयोग करें, जो कीटाणुओं को दूर रखने का काम करता है.

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ठहरे हुए पानी को कीटाणु रहित करें: एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है. पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें और यदि आवश्यक हो तो एक उचित कीटाणुनाशक का उपयोग करें. मच्छरों के लिए एक प्रजनन आधार विकसित करने की संभावनाओं को कम करने के लिए ऐसे किसी भी बर्तन या सामान को उल्टा करके रखें, जिसमें पानी इकट्ठा हो सकता है और सतहों को अच्छी तरह से साफ करें.

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