नई दिल्ली : भाजपा किसानों के साथ मुख्यमंत्री आवास के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. इनकी मांग है कि दिल्ली के किसानों को किसान का दर्जा दिया जाए और उनकी मांगें मानी जाएं. किसान नेताओं का कहना है कि सरकार दिल्ली के किसानों को किसान नहीं मानती है. इसलिए दिल्ली के कई इलाकों में खेती का दर्जा खत्म किया जा चुका है.
किसान नेताओं की मांग है कि जब तक दिल्ली के लोगों को पूर्ण रूप से किसान का दर्जा नहीं मिलेगा और उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी, तब तक यह अनिश्चितकालीन धरना जारी रहेगा. हालांकि किसानों के नाम पर चल रहे इस धरना-प्रदर्श में गिनती के भी किसान नजर नहीं आए. मौके पर ज्यादातर कुर्सियां और पूरा मंच खाली नजर आया.
चंदगीराम अखाड़े के पास भाजपा के कार्यकर्ता दिल्ली के किसानों के साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. दिल्ली के 172 गांवों में खेती होती है और दिल्ली के किसान लगातार मुख्यमंत्री से अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. इसके अलावा कई बार मुख्यमंत्री से पत्राचार किया जा चुका है, लेकिन मुख्यमंत्री दिल्ली के किसानों की समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
वहीं भारतीय किसान मोर्चा के अन्य पदाधिकारियों का कहना है कि दिल्ली के कुछ इलाकों में किसानों को कृषि का दर्जा नहीं दिया गया है. क्योंकि कुछ इलाके दूसरे रेवेन्यू क्षेत्राधिकार में आते हैं.
इसलिए उनका रेवेन्यू अधिकार बदल जाता है और उन इलाकों में खेती नहीं मानी जा रही है. जबकि वहां पर बड़े स्तर पर खेती की जाती है. दिल्ली की सीमा के चारों ओर बड़े स्तर पर किसान खेती करते हैं. जिसमें दूसरे लोगों को रोजगार भी मिलता है.
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दिल्ली सरकार किसानों की फसल खराब होने के बावजूद मुआवजा नहीं दे रही है. किसानों की जमीन का सर्किल रेट भी नहीं बढ़ाया जा रहा है. दिल्ली में किसानों की समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में किसानों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि किसानों का उग्र रूप भी सरकार को देखना पड़ सकता है.