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बीत गए दो साल, पक्की नौकरी की आस में अभी भी RMR कर्मचारी बेहाल

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Published : Feb 9, 2022, 11:04 PM IST

एनडीएमसी के 4500 अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने के काउन्सिल के निर्णय लेने के लगभग 2 साल बीतने के बावजूद उन्हें पक्का नहीं किए जाने से नाराज आरएमआर कर्मचारियों में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है.

dl_sd_01_RMR staff of NDMS started indefinite strike to fulfil their demand to make them permanent as decision was taken in the council meeting_vis_DLC10030
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नई दिल्ली : एनडीएमसी के 4500 अस्थाई कर्मचारियों को स्थाई करने के काउन्सिल के निर्णय लेने के लगभग 2 साल बीतने के बावजूद उन्हें पक्का नहीं किए जाने से नाराज आरएमआर कर्मचारियों में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. इस बार कर्मचारी पक्का निश्चय करके धरने पर बैठे हैं कि जब तक उन्हें पक्का करने की दिशा में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जाएगी. तब तक वे लोग धरना-प्रदर्शन जारी रखेंगे. विगत दो वर्षों से इसको लेकर कोई आधिकरिक सूचना जारी नहीं की गई है. अधिकारियों का कहना है कि फ़ाइल को मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय भेजा जा चुका है, लेकिन निर्णय लेने के डेढ़ साल बाद भी जब स्थिति पहले जैसी ही है तो कर्मचारियों के सब्र का बांध टूटने लगा है.


इन कर्मचारियों का कहना है कि 10-15 सालों से पक्का होने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन काउन्सिल की मीटिंग में निर्णय लेने के बावजूद उन्हें पक्का नहीं किया जा रहा है. आखिर कब तक 10-12 हजार की दिहाड़ी पर परिवार चलाएंगे? कर्मचारी स्थाई होने की जो बाट जोह रहे हैं कि आखिर वह घड़ी कब आएगी. इसको लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं होने की वजह से उनमें अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है. पिछले वर्ष 4 जून 2020 को काउंसिल की मीटिंग में 5000 कर्मचारियों को स्थाई करने का निर्णय लिया जा चुका है. लेकिन इसे अमलीजामा कब पहनाया जाएगा. इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं है. इस फाइल को मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय के पास भेज दिया गया है, लेकिन डेढ़ साल बीतने के बावजूद स्थाई किए जाने का कोई रास्ता नहीं दिख रहा है. एक कार्यक्रम में नई दिल्ली से संसद एवं मंत्री मीनाक्षी लेखी से पूछा गया कि कब उन्हें स्थाई किया जाएगा, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.

बीत गए दो साल, पक्की नौकरी की आस में अभी भी RMR कर्मचारी बेहाल




दो चेयरमैन आए-गए, लेकिन पक्का करने की शुभ घड़ी नहीं आई
एनडीएमसी कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष सुधाकर कुमार ने बताया कि पिछले चार-पांच सालों से अध्यक्ष पद पर काम करते हुए नरेश कुमार का बीत गया, लेकिन वह आश्वासन के नाम पर आरएमआर कर्मचारियों के लिए कुछ नहीं कर पाए. उनकी जगह पर धर्मेंद्र चेयरपर्सन बनकर आए हैं, लेकिन ये भी इनकी तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. इनकी समस्याओं को लेकर और उनके नियमित किए जाने को लेकर नए चेयर पर्सन धर्मेंद्र भी उदासीन नजर आ रहे हैं. सिर्फ 12000 की सैलरी पर नौकरी करते 10-12 साल बीत गए. लेकिन इनकी नौकरी पक्की नहीं हो रही है.

Two years have passed RMR employees still in hope of getting a sure job
बीत गए दो साल, पक्की नौकरी की आस में अभी भी RMR कर्मचारी बेहाल


पांच हजार आरएमआर स्टाफ का जीवन में अधर में
एक आरएमआर कर्मचारी ने बताया कि एनडीएमसी में लगभग 5000 एआरएमआर कर्मचारी हैं. ये पिछले 10 से 15 वर्षों से काम कर रहे हैं, लेकिन आज तक स्थाई नहीं किए गए हैं. परिषद में इनके नियमितीकरण की फाइल पास होने के बावजूद यह पक्के कर्मचारी नहीं बन पाए हैं. दिल्ली स्टाफ सर्विस कमीशन से जब इसके बारे में शिकायत की गई तो वहां से जवाब आया कि यह आपका आंतरिक मामला है. गृह मंत्रालय से भी यही जवाब आया है. वहां भी यही कहा गया कि यह एनडीएमसी का इंटरनल मामला है. आप किसी भी पद पर किसी की भी प्रतिनियुक्ति कर सकते हैं. इसके बावजूद एनडीएमसी इन कर्मचारियों के हितों का ध्यान नहीं रख पा रही है.

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