नई दिल्ली: किसान बिल के विरोध के चलते पंजाब में रेलगाड़ियों का परिचालन नहीं हो पा रहा है. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह दिल्ली के जंतर मंतर पर अपने अन्य विधायकों के साथ राज्य में बिजली और अन्य जरूरी चीजों के समस्या के चलते प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं उत्तर रेलवे के जनरल मैनेजर आशुतोष गंगल का कहना है कि ट्रेनों की नहीं चलने का एकमात्र कारण प्रदर्शनकारियों का स्टेशन और ट्रैक पर मौजूद होना है. सरकार या तो प्रदर्शन खत्म करा दे या प्रदर्शनकारियों को कहीं और ले जाए, तभी रेलगाड़ियां चल सकती हैं.
प्रदर्शनकारी रेलवे स्टेशनों पर बैठे
गंगल कहते हैं कि सुबह की स्थिति है कि 32 जगहों पर प्रदर्शनकारी रेलवे स्टेशनों पर बैठे हुए हैं. ये स्थिति 1 अक्टूबर से बनी हुई है. असर ये हैं कि 40 ट्रेनों की लोडिंग जो पंजाब से होती है और 30 ट्रेन जो अनलोडिंग होती है, वो नहीं हो पा रहा है. ये 70 ट्रेनों से 33 दिन के अंदर करीब 1200 करोड़ के राजस्व की नुकसान हुआ है.
वो बताते हैं कि पैसेंजर गाड़ियों पर भी इसका असर पड़ रहा है. करीब 1400 गाड़ियां प्रभावित हैं. इसके चलते राजस्व के साथ-साथ लोगों को भी समस्या हुई है. उन्होंने कहा यदि प्रदर्शनकारी वहां से हटा दिए जाते हैं, तो रेलवे यही प्रयास करेगी कि जल्दी से जल्दी ट्रैक को देखा जाए और फिर रेलगाड़ियों का परिचालन शुरू किया जाए.
'रेलगाड़ियों का परिचालन हो निर्बाध्य'
उन्होंने कहा कि हम राज्य सरकार के निरंतर संपर्क में है और यह कोशिश की जा रही है कि या तो वह प्रदर्शनकारियों से निवेदन कर उनका प्रदर्शन खत्म करा दे या फिर उन्हें कहीं और ले जाएं. इससे रेलगाड़ियों का परिचालन निर्बाध्य हो जाएगा. हालांकि अभी इसकी कोई तिथि निर्धारित नहीं हुई है.
बताते चले कि मौजूदा समय में रेलवे ने पंजाब में अपनी सभी गाड़ियों का परिचालन बंद किया हुआ है. माल गाड़ियों के बंद होने से राज्य में कोयले की आपूर्ति नहीं हो पा रही है जिसके चलते वहां बिजली का संकट पैदा हो गया है. इसी के साथ अन्य जरूरी चीजों के लिए भी परेशानी हो रही है. रेलवे का कहना है कि सुरक्षा के मद्देनजर जब तक प्रदर्शनकारी नहीं हटेंगे तब तक परिचालन मुमकिन नहीं है.