नई दिल्ली/ नोएडाः नोएडा में महिला के साथ बदसलूकी करने वाले बीजेपी नेता श्रीकांत त्यागी (BJP Leaser Shrikant Tyagi) की जमानत अर्जी को कोर्ट ने खारिज कर दी. उसे अभी जेल में ही रहना होगा. त्यागी को मंगलवार को मेरठ से नोएडा पुलिस और STF की 12 टीमों ने अरेस्ट किया था और अदालत ने उसको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज था.
बुधवार को श्रीकांत त्यागी के अधिवक्ता सुशील भाटी की तरफ से उनकी बेल एप्लीकेशन कोर्ट में प्रस्तुत की गई थी, जिसे अदालत ने आज खारिज कर दिया. साथ ही अदालत ने मामले की जांच कर रहे अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है.
बता दें, सेक्टर 93 बी ओमैक्स ग्रैंड सोसाइटी में पेड़ लगाने को लेकर 5 अगस्त को हुआ था, जिसमें खुद को बीजेपी नेता बताने वाले श्रीकांत त्यागी ने महिला से बदसलूकी और गाली गलौज की थी. इस पूरी घटना का सोसायटी के रहने वाले लोगों ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था. इसके बाद तमाम प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं थी. मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने भी संज्ञान लिया. साथ ही बीजेपी के कुछ नेताओं ने ट्वीट करके त्यागी के ऊपर कार्रवाई करने की बात कही. इस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज किया था. मामला इस कदर तूल पकड़ा की श्रीकांत त्यागी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट लगाया गया और उस पर 25 हजार का इनाम भी किया गया था.
त्यागी की पत्नी बोली- पुलिस ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया
त्यागी (BJP Leaser Shrikant Tyagi) की पत्नी अनु त्यागी ने अब पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि नोएडा पुलिस ने मेरे और हमारे ड्राइवरों-नौकरों के साथ मुजरिमों जैसा व्यवहार किया. पुलिसकर्मियों ने हमारे साथ दुर्व्यवहार किया और हमें जबरन पकड़कर गाड़ी में बैठा कर थाने ले गई. इसके साथ ही पुलिस ने हमारे साथ गाली-गलौज भी की. वही थाने ले जाकर हमारे नौकर और ड्राइवर को मारा-पीटा गया.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमें डराया और धमकाया. साथ ही मानसिक तौर पर टॉर्चर भी किया. जबकि हम उन्हें पूरी तरह से जांच में सहयोग कर रहे थे. घर से लेकर थाने तक कहीं पर भी हमें आराम करने और सोने तक नहीं दिया गया. घर से बाहर जाने की जगह हमें घर के ही अंदर पुलिसकर्मियों ने नजरबंद कर दिया. हम न ही किसी से बात कर सकते थे और न ही किसी से मिल सकते थे. हमें मीडिया से भी बात करने पर पूरी तरह रोक लगा दी गई थी. हमारे खाने-पीने पर भी निगरानी रखी जा रही थी. पहले दिन से ही हम लोग पुलिस द्वारा पूछे गए हर सवाल का जवाब सही से दिया और पूरा सहयोग किया, फिर भी हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया.