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CM केजरीवाल ने कहा, शिक्षा और स्वास्थ्य को मुफ्त की रेवड़ी कहना बंद करे केंद्र

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Published : Aug 16, 2022, 12:36 PM IST

Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि देश के नागरिकों को शिक्षा और स्वास्थ्य फ्री में उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है. इसलिए इसे मुफ्त की रेवड़ी कहना बंद करें. हम उनके साथ मिलकर काम कर सकते हैं. केजरीवाल ने इस दौरान शिक्षा और स्वास्थ्य पर एक रोडमैप भी खींचा.

CM Arvind Kejriwal
CM Arvind Kejriwal

नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार से अपील की कि उनके द्वारा दी जा रही शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को मुफ्त की रेवड़ी (Freebies) कहना बंद करे. उन्होंने कहा कि हमें देश के हर नागरिक तक शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाना है. इसके लिए सरकारी स्तर पर काम करना होगा. उन्होंने कहा कि सरकार के पास बहुत पैसा है और वह अपने नागरिकों को फ्री में सुविधा दे सकती है. यूरोपीय सहित कई देशों ने अपने नागरिकों के लिए यह सारी सुविधाएं मुफ्त कर रखी है.

CM केजरीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि भारत को अगर अमीर बनना है तो अच्छी शिक्षा देनी होगी. उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा के लिए हमें चार काम करना होगा. इसमें सबसे पहले हमें पूरे देश में सरकारी स्कूल को शानदार बनाना होगा. जो भी स्कूल जर्जर हो गए हैं, उन्हें सुधारना होगा. दूसरी बात, हमें ढ़ेर सारी सरकारी स्कूलें खोलनी होगी. तीसरी बात, हमें कच्चे शिक्षकों को पक्का करना होगा और चौथी बात, हमें इन शिक्षकों को शानदार ट्रेनिंग देनी पड़ेगी. जरूरत हुई तो इन्हें विदेश में भी ट्रेनिंग देनी होगी.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल

केजरीवाल ने आगे कहा कि अभी सरकारी स्कूल की हालत खराब है. गरीब का बच्चा सरकारी स्कूल जाता है. उस सरकारी स्कूल में उसे अच्छी शिक्षा मिलती है तो उसका जीवन बदल सकता है. वो बच्चा अपने परिवार की गरीबी को दूर कर सकता है. देश में 17 करोड़ बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं. कुछ सरकारी स्कूल को छोड़ दें तो इनकी हालत बहुत खराब है. अगर दिल्ली जैसे सरकारी स्कूल हर जगह खुल जाए तो बदलाव संभव है. 17 करोड़ बच्चों को अच्छी शिक्षा देना है.

उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ हमें अपने देशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था करना होगा. दिल्ली में हमने ढ़ाई करोड़ लोगों का इलाज मुफ्त कर दिया है. यह पूरे देश में संभव है. सरकार के पास पर्याप्त पैसा है. वह अपने नागरिकों के लिए बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध करा सकती है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य में हर व्यक्ति का औसतन सालाना दो हजार रुपये खर्च होता है. अगर 130 करोड़ लोगों पर खर्च को देखें तो ढ़ाई लाख करोड़ रुपये बैठता है और इसमें देश के सभी नागरिकों का इलाज हो जाएगा और हम इतना खर्च कर सकते हैं. हमें खूब सरकारी अस्पताल खोलना होगा और मोहल्ला क्लिनिक खोलने पड़ेंगे.

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उन्होंने आरोप लगाया कि कई सरकारें जानबूझकर देश की सरकारी स्कूल और अस्पतालों का कबाड़ा कर रहे हैं ताकि प्राइवेट स्कूल फल-फूल सके. वे अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल भेज सके. उन्होंने कहा कि कई सरकार पांच लाख तक का इंश्योरेंस कार्ड दे रहे हैं. कई जगह तो अस्पताल नहीं है, गरीब लोग इस कार्ड का क्या करेंगे. सरकार बस इन घोषणाओं के जरिए अपना पल्ला झार रही है. उन्होंने कहा कि हम केंद्र के साथ मिलकर काम करने को तैयार हैं. इसके लिए वह हमारी सुविधाओं का भी इस्तेमाल कर सकती है.

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