नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है. इसी स्तर को नियंत्रण में लाने के लिए एंटी स्मॉग गन (मिस्ट कैनन) का इस्तेमाल हो रहा है. जिसे प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सबसे असरदार कदम बताया जा रहा है. इस मशीन की मारक क्षमता महज सौ मीटर है, लेकिन एक दिन में ये कई किलोमीटर के प्रदूषण को काबू करने के लिए सक्षम है.
क्या है एंटी स्मॉग गन?
दरअसल, ये पानी की मदद से धूल से छुटकारा पाने की एक ऐसी तकनीक है. जिसके पीछे का मैकेनिज्म बेहद आसान है और बहुत असरदार भी. ये वाटर-मिस्ट टेक्नोलॉजी पर काम करती है. इसमें पानी के अलावा किसी अन्य केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता. पंप, जेट और फैन की मदद से इससे पानी की इतनी छोटी बूंदे निकलती हैं कि वो धूल के बराबर की होती हैं. ये बूंदे धूल के कणों के साथ मिलकर भारी हो जाती है और अपने साथ धूल को भी जमीन पर गिरा देती हैं. इस तरह जहां-जहां ये चलती है वहां धूल नहीं उड़ती.
कितने इलाके को करती है कवर?
यूं तो इस गन की मारक क्षमता महज 100 मीटर है, लेकिन अधिकारियों का दावा है कि यह गण 1 दिन में कई किलोमीटर के प्रदूषण को काबू में कर सकती है. एक जगह खड़े होकर यह गन 340 डिग्री तक घूम सकती है. इसका प्रयोग ऐसी जगहों पर खासकर किया जाता है, जहां धूल उड़ने का ही काम हो रहा हो.
साउथ एमसीडी के पास 10 गन
मौजूदा समय में दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू किया गया है. इस प्लान के तहत धूल नहीं उड़ने देना पहला उद्देश्य होता है. साउथ एमसीडी की बात करें तो यहां ऐसी कुल 10 एन्टी स्मोग गन हैं जिनका इस्तेमाल किया जा रहा है.