नई दिल्ली : जेएनयू में पिछले 22 दिनों से अखिल भारतीय विधार्थी परिषद (ABVP) ने बुधवार देर रात धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया है. जेएनयू एबीवीपी के अध्यक्ष रोहित कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने उनकी मांगें मान ली है. इसलिए अखिल भारतीय विधार्थी परिषद सत्याग्रह को समाप्त कर जेएनयू मेन गेट को खोल रही है.
ABVP के छात्र पिछले 22 दिन टी पॉइंट पर जिसको ABVP ने सत्याग्रह स्थल नाम दिया है, अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे थे. जब कुछ दिनों तक कोई सुनवाई नहीं हुई तो ये छात्र कैंपस में एक कार्यक्रम में आए रेक्टर प्रोफेसर अजय दुबे का घेराव किया. उनकी गाड़ी के आगे अवरोध पैदा किया और खूब नारेबाजी की. उसके बाद स्कॉलरशिप ऑफिस का घेराव किया, जहां सुरक्षा गार्डों द्वारा इनके साथ मारपीट की गई, जिसमें दर्जनों छात्रों को चोट आई.
इसके बाद जेएनयू कन्वेंशन सेंटर में एक कार्यक्रम में आये कई केंद्रीय मंत्री और वाइस चांसलर को ज्ञापन दिया और शान्ति पूर्ण प्रदर्शन किया. वीसी ने छात्रों से बात की और उनकी मांगें माने जाने की बात कही, लेकिन छात्र मौखिक आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए और शाम में अपने सत्याग्रह स्थल से मेन गेट तक मार्च निकाला और रेक्टर का पुतला जलाया. मुख्य गेट को बंद कर वहीं धरने पर बैठ गए.
एक गर्भवती महिला असिस्टेंट प्रोफेसर और टीचर एसोसिएशन ने रेक्टर और जेएनयू प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए. इसके बाद रेक्टर प्रोफेसर अजय दुबे ने रेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया और बुधवार देर रात जेएनयू प्रशासन ने ABVP के लगभग सभी मांगों को मान लिया.
ABVP की प्रमुख मांगें
- स्कॉलरशिप का बकाया पैसा छात्रों को मिले.
- हॉस्टल की हालात को ठीक कराया जाय.
- हॉस्टल में पीने का स्वच्छ पानी सुचारु की जाय.
- स्कॉलरशिप ऑफिस में स्टॉफ बढ़ाया जाय.
- लाइब्रेरी मे किताब पेपर नियमित किया जाय.
ये भी पढ़ें : जेएनयू रेक्टर अभय दुबे ने दिया इस्तीफा, ABVP के छात्रों ने पहली जीत बताया