नई दिल्ली : जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के दबाव में रेक्टर अभय दुबे ने अपना इस्तीफा दे दिया है. जेएनयू में पिछले 15 दिनों से चल रहे प्रदर्शन के कारण मुख्य मांगों में से एक आज पूरा हो गया. दरअसल जेएनयू में ABVP के छात्र हॉस्टल की दुर्दशा और स्कॉलरशिप के पैसे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. बाद मे इन छात्रों ने रेक्टर अभय दुबे का घेराव किया. इनपर छात्रों ने आरोप लगाया था कि रेक्टर अभय दुबे एनजीओ चलाते हैं. इस माध्यम से उन्होंने पैसे का घोटाला किया है.
इसके बाद छात्रों ने स्कॉलरशिप ऑफिस का घेराव किया था. जहां सुरक्षा गार्डों ने छात्रों के साथ मारपीट की, जिसमें दर्जनों छात्रों को चोटें आई थी. ये आरोप वीसी और रेक्टर पर लगा. इसके बाद छात्रों ने अपना प्रदर्शन और तेज किया और रेक्टर का पुतला जलाया एवं जेएनयू मेन गेट पर धरणा पर बैठ गए. इन छात्रों का मुख्य मांग रेक्टर इस्तीफा दें, हॉस्टल की समस्या दुरुस्त किया जाय और छात्रों के स्कॉलरशिप का पैसा दिया जाय. बाद जेएनयू की एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर जो आठ माह की गर्भवती हैं, उन्होंने रेक्टर अभय दुबे पर गंभीर आरोप लगाए थे. उन्होंने रेक्टर पर मानसिक और शारीरिक प्रतारणा का आरोप लगाया था और रेक्टर का इस्तीफा मांगा था.
मंगलवार को रेक्टर अभय दुबे ने रेक्टर पद से इस्तीफा वीसी को सौंप दिया है. रेक्टर अभय दुबे के इस्तिफे की खबर जैसे ही एबीवीपी के छात्रों को लगी तो वो काफी खुश हुए. उन्होंने अपनी पहली जीत बताई. लेकिन अभी प्रदर्शन समाप्त करने को तैयार नहीं है. उनका कहना है कि जबतक सभी मांगे नहीं मानी जाएगी, तबतक धरणा जारी रहेगा.
छात्रों का आरोप है कि रेक्टर अभय दुबे जेएनयू में रेक्टर पद पर होते हुए कई तरह के अवैध गतिविधियों मे संगलिप्त है. साथ ही अवैध तरीके से एनजीओ चलाते हैं, जिसमें जेएनयू का करोड़ों रुपये का हेराफेरी किये हैं. रेक्टर अभय दुबे पर छात्रों के साथ-साथ कर्मचारियों ने भी दुर्व्यवहार का आरोप लगाए हैं. छात्रों का कहना है कि ये इस्तीफा उनके दबाव के कारण हुआ है.