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औरैया में शिक्षक की पिटाई से नहीं हुई थी मौत, पीएम रिपोर्ट में खुलासा

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Published : Sep 29, 2022, 7:11 PM IST

Updated : Sep 29, 2022, 8:37 PM IST

दलित छात्र की पिटाई के बाद मौत (Dalit student death due to beating) मामले में औरैया पुलिस ने आरोपित शिक्षक को गिरफ्तार किया है. एसपी ने गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को इनाम भी दिया है.

जानकारी देतीं एसपी चारू निगम.
जानकारी देतीं एसपी चारू निगम.

औरैया: अछल्दा थाना क्षेत्र में हुए दलित छात्र की पिटाई के बाद मौत (Dalit student death due to beating) मामले में अब नया खुलासा हुआ है. वहीं, पुलिस ने गुरुवार को आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, छात्र की मौत पिटाई से नहीं बल्कि रीनल फेलियर और सेप्टीसीमिया से हुआ है.

जानकारी देतीं एसपी चारू निगम.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, निखित की मौत रीनल फेलियर और सेप्टीसीमिया (खून में जहर फैलना) से हुआ था. पुलिस ने दावा किया है कि निखित किडनी डिसीज से संक्रमित था. वहीं, छात्र के परिजनों ने इस बात से साफ मना कर दिया था. परिजनों कहना है कि आदर्श इंटर कॉलेज (Adarsh Inter College auraiya) में पढ़ाने वाले उसके शिक्षक अश्विनी सिंह ने 7 सितंबर को उसे कथित तौर पर लात-घूंसों और डंडे से पीटा था. उसके बाद से ही उसकी तबीयत खराब होने लगी थी. पिटाई के करीब 15 दिन बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. निखित की गलती यह थी कि उसने एक एग्जाम के ओएमआर सीट में 'सामाजिक विज्ञान' विषय का नाम गलत लिखा था.

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एसपी चारू निगम ने बताया कि दलित छात्र की मौत के मामले में फरार चल रहे शिक्षक अश्वनी कुमार को पुलिस ने गुरुवार की दोपहर ग्वारी गांव स्थित अछल्दा पेट्रोल पम्प के पास से गिरफ्तार कर लिया है. शिक्षक को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है. वहीं, एसपी ने गिरफ्तार करने वाली टीम को पुरस्कार के तौर पर 20 हजार रुपये दिए हैं.

क्या है पूरा मामला?
अछल्दा थाना क्षेत्र के कस्बा फफूंद रोड स्थित आदर्श इंटर कॉलेज(Adarsh ​​Inter College) में वैशोली गांव निवासी निखित कुमार(15) दसवीं का छात्र था. छात्र के पिता राजू दोहरे ने बताया कि 7 सितंबर को सामाजिक विज्ञान के टीचर अश्वनी सिंह(Teacher Ashwani Singh) ने क्लास में टेस्ट लिया था. टेस्ट के लिए उनके बेटे ने खूब तैयारी भी की थी. वह पढ़ने लिखने में होशियार था, लेकिन टेस्ट में उसने कोई शब्द गलत लिख दिया. इसी बात को लेकर टीचर अश्वनी सिंह ने उनके बेटे के बाल पकड़कर लात-घूसों और डंडों से इतना पीटा कि वह स्कूल में ही बेहोश हो गया.

शिक्षक ने कुछ दिन तक कराया था इलाज
पिटाई से घायल छात्र की हालत को देखकर परिजनों ने पहले तो शिक्षक को धमकाया. वहीं, प्रिंसिपल के दखल के बाद टीचर अश्वनी सिंह(Teacher Ashwani Singh) ने उसका इलाज इटावा के एक प्राइवेट अस्पताल में कराने की बात कही. शिक्षक के मुताबिक इलाज के दौरान करीब 40 हजार का खर्च आया. डाक्टरों ने बताया कि बच्चे को बहुत सारी अंदरूनी चोटें आई थी. वहीं, जब इटावा के डॉक्टरों से मामला नहीं संभला तो पहले बच्चे को लखनऊ रेफर कर दिया था.

उपद्रव और आगजनी के मामले में पुलिस 17 को भेज चुकी है जेल
बता दें कि 26 सितंबर को छात्र की मौत के बाद आक्रोशित लोगों ने शव को सड़क पर रखकर सड़क जाम कर दिया था. मौके पर पहुंची पुलिस पर लोगों ने पथराव भी किया और उनकी गाड़ी को आग के हवाले कर दिया था. जिसके बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों के आधार पर चिन्हित हुए 35 नामजद और 250 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर दिया था. इस मामले में 17 लोगों को अब तक जेल भेज दिया गया है. वहीं, अन्य लोगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार प्रयास कर रही है.

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Last Updated :Sep 29, 2022, 8:37 PM IST
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