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संगरूर के आलमपुर गांव में बंदरों का आतंक, माता-पिता अपने बच्चों को डंडा लेकर स्कूल छोड़ने आने को विवश

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Published : Aug 8, 2022, 5:40 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 6:08 PM IST

संगरूर के आलमपुर में बंदरों के आतंक से परेशान होकर लोग बचने के लिए हाथों में डंडा लेकर चलते हैं. इतना ही नहीं वे बच्चों स्कूल तक छोड़ने जाने के दौरान डंडा लेकर जाते हैं, जिससे बंदर उन पर हमला न कर सकें.

Terror of monkeys in Alampur village of Sangrur
संगरूर के आलमपुर गांव में बंदरों का आतंक

संगरूर (पंजाब): पंजाब जिले के संगरूर के आलमपुर में बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं. हालात कुछ इस तरह के हैं कि गांव के चप्पे-चप्पे पर दिखाई देते बंदर राहगीर के हाथों में थैला देखकर हमला कर देते हैं. वहीं घरों में दाखिल होकर सामान उठाकर ले जाते हैं. ऐसे में घरों से बाहर निकलने से पहले लोग हाथों में डंडा उठाना नहीं भूलते हैं. बंदरों के इस आतंक से सबसे अधिक बच्चे भयभीत हैं. जिसकी वजह से बच्चे स्कूल जाने से डरते हैं.

हालात को देखते हुए गांव के लोग हाथ में डंडे लेकर अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने जाते हैं और छुट्टी के बाद बच्चों को इसी तरह लेने भी आते हैं. स्कूल के आसपास बंदरों की संख्या अधिक होने के कारण अध्यापक भी लोगों का सहारा लेकर ही स्कूल में जाते हैं. छात्र कक्षाओं से निकलने से भी डरते हैं. पिछले दो माह में बंदर कई बच्चों को काट चुके हैं. शुक्रवार को भी बंदरों ने स्कूल में अध्यापक पर हमला कर दिया था. इस बारे में बच्चों ने कहा कि जब वे क्लास में होते हैं तो बंदर आ जाते हैं इस वजह से टीचर पढ़ाई छोड़कर बंदरों को भगाने लगते हैं जिससे हमारी पढ़ाई खराब हो जाती है. उन्होंने कहा कि हम अकेले क्लास से बाहर भी नहीं जा सकते, इसलिए हम पंजाब सरकार से मांग करते हैं कि इन बंदरों का कोई हल निकाले.

एक रिपोर्ट

गांव के सरकारी स्कूल की मुख्यअध्यापिका गीता रानी और अध्यापक वरिंदर पाल ने बताया कि जब भी वे सुबह स्कूल पहुंचते है तो स्कूल के गेट पर बंदरों का समूह दिखाई पड़ता है, जिनके बीच से निकलकर स्कूल में आना मुश्किल है. वे स्कूल के बाहर खड़े होकर छात्रों के साथ आने वाले परिजनों का इंतजार करते हैं क्योंकि उनके पास डंडे होते हैं और वे उनके साथ स्कूल में जाते हैं. स्कूल समय में भी बांदर पेड़ों पर बैठे रहते हैं. जब भी वह कक्षाओं से बाहर निकलते है तो बंदरों के हमले का डर बना रहता है. छात्रा नवजोत कौर और लवप्रीत सिंह का कहना है कि माता-पिता ही डंडे लेकर रोजाना स्कूल छोड़ने आते है. बंदर कई बार बच्चों पर हमला कर जख्मी कर चुके हैं.

वहीं, गांव की सरपंच के बेटे दलविंदर सिंह ने बताया कि 3-4 वर्षों से गांव में बंदरों की संख्या 200 से अधिक हो गई है. पंचायत बंदरों की समस्या के समाधान के लिए कई बार उच्चाधिकारियों से भी मिल चुकी है मगर कोई समाधान नहीं हुआ. अब गांव के लोग काफी परेशान हो चुके हैं. गांववासी बिक्कर सिंह, दर्शन सिंह, बूटा सिंह ने बताया कि बंदर घरों से सामान उठा ले जाते हैं. राहगीर से छीना छपटी करते हैं. जब रोकने की कोशिश करते है तो हमला कर देते हैं. बंदरों के आतंक के कारण गांव में रिश्तेदारों ने भी आना बंद कर दिया है.

इस बारे में एसडीएम लहरा नवरीत कौर सेखों का कहना है कि गांव आलमपुर में बंदरों की समस्या उनके ध्यान में आई है. वह वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत कर बंदरों की समस्या का हल करने का प्रयास करेंगे. बंदरों को गांव से दूर करने की योजना बनाई जाएगी.

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Last Updated :Aug 8, 2022, 6:08 PM IST
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