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पेगासस मामला मनगढ़ंत मुद्दा, कोरोना पर संसद में चर्चा न होने देना राष्ट्रविरोधी : भाजपा

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Published : Jul 28, 2021, 5:32 PM IST

पेगासस मामला
पेगासस मामला

भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का सामना कर रहा है और तीसरी लहर से निपटना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, कांग्रेस द्वारा कथित पेगासस जासूसी मामले को सबसे बड़ा मुद्दा बताना विपक्ष के दिवालियेपन का परिचायक है.

नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party-BJP) ने बुधवार को कथित पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Spyware Case) को मनगढ़त मुद्दा करार दिया. इसे लेकर संसद में हंगामा करने के लिए विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कोविड-19 मुद्दे (Covid-19 issue) पर संसद में चर्चा न होने देना राष्ट्रविरोधी कृत्य है.

भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि ऐसे समय में जब पूरा विश्व कोरोना महामारी का सामना कर रहा है और तीसरी लहर से निपटना सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, कांग्रेस द्वारा कथित पेगासस जासूसी मामले को सबसे बड़ा मुद्दा बताना विपक्ष के दिवालियेपन का परिचायक है.

उन्होंने कहा कि संसद में कोविड-19 (मुद्दे) पर चर्चा न करना राष्ट्रविरोधी है. पूरे विश्व में जिस महामारी को लेकर सैकड़ों लोगों की जान चली गई, जिस महामारी को लेकर हर देश में आज परेशानी है, उस विषय पर अगर हमारे चुने हुए प्रतिनिधि चर्चा न करें, बहस न करें, तो वह देश के खिलाफ है.

पात्रा ने कहा कि जो भी इस विषय पर होने वाली चर्चा को रोकता है तो वह कहीं ना कहीं देश के ऊपर आघात करता है.

'पेगासस पर हंगामा कर देश को बरगला नहीं सकता विपक्ष'

उन्होंने कहा कि कोरोना पर संसद में चर्चा होनी चाहिए की नहीं होनी चाहिए? हर जिले में ऑक्सीजन संयंत्र लगे इसकी चिंता की जानी चाहिए कि नहीं? लेकिन चर्चा नहीं होने दी जा रही है, कागज फाड़ा जा रहा है, यह धोखा है, देश के साथ और देश की जनता के साथ.

उन्होंने कहा कि पेगासस मुद्दा मनगढ़ंत है और यह कोई विषय ही नहीं है जिस पर इतना हंगामा मचाया जाए. ऐसा करके विपक्ष देश को बरगला नहीं सकता है.

ज्ञात हो कि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल पेगासस जासूसी विवाद पर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा कर रहे हैं. हंगामे के कारण मानसून सत्र में अब तक कोई विशेष कामकाज नहीं हो सका है.

उल्लेखनीय है कि सत्र से ठीक पहले पिछले सप्ताह कुछ मीडिया संगठनों के अंतरराष्ट्रीय समूह ने कहा था कि भारत में पेगासस स्पाइवेयर के जरिए 300 से अधिक मोबाइल नंबरों की संभवत: निगरानी की गई. इसमें दो मंत्री, 40 से अधिक पत्रकारों, तीन विपक्षी नेताओं के अलावा अनेक कार्यकर्ताओं के नंबर भी थे. सरकार इस मामले में विपक्ष के सभी आरोपों को खारिज करती रही है.

केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद के दोनों सदनों में पिछले दिनों पेगासस मामले पर बयान दिया था और संबंधित आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. हालांकि, राज्यसभा में वह जब इस मुद्दे पर बयान दे रहे थे तक तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) के सदस्य शांतनु सेन ने उनके हाथों से बयान की प्रति छीन उसके टुकड़े हवा में लहरा दिए थे.

इस घटना का उल्लेख करते हुए पात्रा ने कहा कि यह बेहद ही गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार था और मंत्री के हाथ से कागज छीनकर उसे फाड़ना लोकतंत्र की मर्यादाओं से खिलवाड़ करना है.

भाजपा नेता ने कहा कि आज विपक्ष, खासकर पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिवालियेपन के शिकार हो गए हैं.

'राहुल का अर्थ ही गैर-जिम्मेदार'

उन्होंने कहा कि आज अगर देश के सामने सबसे बड़ा मुद्दा कोई है तो वह तीसरी लहर (कोरोना की) को रोकना है. टीकाकरण अभियान को सुचारू रूप से पूरे देश में चलाना है. किस प्रकार कोरोना के मद्देनजर ऑक्सीजन के लिए तैयारी करनी है. यही आज राष्ट्र के लिए सबसे बड़ा मुद्दा है.

राहुल गांधी पर गैर-जिम्मदाराना व्यवहार का आरोप लगाते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी और जिम्मेदारी साथ-साथ नहीं चल सकते. राहुल का अर्थ ही गैर जिम्मेदार होना है. अगर राहुल गांधी को लगता है कि फोन के माध्यम से उनकी जासूसी हो रही है तो उन्हें तुरंत इसकी शिकायत पुलिस थाने पर करनी चाहिए.

विपक्षी एकजुटता के बारे में पात्रा ने कहा कि तथाकथित विपक्ष पहले भी एकजुट हो चुका है लेकिन इसका नतीजा देश देख चुका है. आज जो आप विपक्ष देख रहे हैं वो क्या चाहता है? इन सभी की एक ही मंशा है अपने परिवार को बचाने की.

सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर (Ashwini Vaishnaw Pegasus) के जरिए भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं. लोकसभा में स्वत: संज्ञान के आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.

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क्या है पेगासस स्पाईवेयर ?
पेगासस एक पावरफुल स्पाईवेयर सॉफ्टवेयर है, जो मोबाइल और कंप्यूटर से गोपनीय एवं व्यक्तिगत जानकारियां चुरा लेता है और उसे हैकर्स तक पहुंचाता है. इसे स्पाईवेयर कहा जाता है यानी यह सॉफ्टवेयर आपके फोन के जरिये आपकी जासूसी करता है. इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का दावा है कि वह इसे दुनिया भर की सरकारों को ही मुहैया कराती है. इससे आईओएस या एंड्रॉइड ऑपरेटिंग सिस्टम चलाने वाले फोन को हैक किया जा सकता है. फिर यह फोन का डेटा, ई-मेल, कैमरा, कॉल रिकॉर्ड और फोटो समेत हर एक्टिविटी को ट्रेस करता है.

संभल कर, जानिए कैसे होती है जासूसी ?
अगर यह पेगासस स्पाईवेयर आपके फोन में आ गया तो आप 24 घंटे हैकर्स की निगरानी में हो जाएंगे. यह आपको भेजे गए मैसेज को कॉपी कर लेगा. यह आपकी तस्वीरों और कॉल रिकॉर्ड तत्काल हैकर्स से साझा करेगा. आपकी बातचीत रिकॉर्ड किया जा सकता है. आपको पता भी नहीं चलेगा और पेगासस आपके फोन से ही आपका विडियो बनता रहेगा. इस स्पाईवेयर में माइक्रोफोन को एक्टिव करने की क्षमता है. इसलिए किसी अनजान लिंक पर क्लिक करने से पहले चेक जरूर कर लें.

क्या है पेगासस स्पाईवेयर, जिसने भारत की राजनीति में तहलका मचा रखा है ?

कैसे फोन में आता है यह जासूस पेगासस ?
जैसे अन्य वायरस और सॉफ्टवेयर आपके फोन में आते हैं, वैसे ही पेगागस भी किसी मोबाइल फोन में एंट्री लेता है. इंटरनेट लिंक के सहारे. यह लिंक मेसेज, ई-मेल, वॉट्सऐप मेसेज के सहारे भेजे जाते हैं. 2016 में पेगासस की जासूसी के बारे में पहली बार पता चला. यूएई के मानवाधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि उनके फोन में कई एसएमएस आए, जिसमें लिंक दिए गए थे. उन्होंने इसकी जांच कराई तो पता चला कि स्पाईवेयर का लिंक है. एक्सपर्टस के मुताबिक, यह पेगागस का सबसे पुराना संस्करण था. अब इसकी टेक्नॉलजी और विकसित हो गई है. अब यह 'जीरो क्लिक' के जरिये यानी वॉइस कॉलिंग के जरिये भी फोन में एंट्री ले सकता है .

(पीटीआई-भाषा)

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