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उत्तराखंड में आंधी से गिरे पेड़, 2 की मौत 7 घायल, आम और लीची की फसल तबाह

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Published : May 17, 2022, 2:26 PM IST

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आंधी तूफान समाचार

उत्तराखंड में आंधी तूफान ने भारी तबाही मचाई है. रामनगर क्षेत्र में आंधी ने आम और लीची की फसल को 30 से 35 फीसदी तक बर्बाद (mango crop damage) कर दिया है. इससे काश्तकारों को करीब 40 करोड़ का नुकसान हुआ है. आंधी से पेड़ गिरने से उत्तराखंड में दो लोगों की मौत हो गई तो 7 लोग घायल हुए हैं.

नैनीताल/देहरादून: उत्तराखंड में आंधी तूफान ने तबाही मचाई है. पेड़ गिरने से दो व्यक्तियों की मौत हो गई. सात लोग घायल हो गए. नैनीताल जिले के कालाढूंगी में एक व्यक्ति पेड़ की चपेट में आने से जान गंवा बैठा. रुद्रपुर में झोपड़ी में दबकर एक बुजुर्ग की जान चली गई. नैनीताल में देर रात तेज बारिश और आंधी से जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. कई विशालकाय पेड़ धराशायी हो गई. कई पेड़ विद्युत लाइनों पर गिरे जिसके बाद शहर की बिजली आपूर्ति ठप रही. तल्लीताल बोर्ड स्टैंड के पास एक विशालकाय पेड़ चलती कार के ऊपर जा गिरा जिसमें एक शख्स घायल हो गया. उधर देहरादून में ओल्ड मसूरी रोड पर पेड़ की चपेट में आकर छह लोग घायल हो गए.

रामनगर: नैनीताल जनपद के रामनगर क्षेत्र में देर रात आई आंधी तूफान से 17 सौ हेक्टेयर में होने वाली आम और लीची की फसल को 40 करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. उद्यान विभाग की मानें तो आम और लीची की 35 से 40 फीसदी तक फसल बर्बाद हो चुकी है, जिससे किसानों से सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.

आंधी से आम की फसल तबाह

बता दें, रामनगर में करीब 800 हेक्टेयर में आम और 900 हेक्टेयर में लीची के बगीचे हैं. यहां के आम और लीची की डिमांड इंटरनेशनल मार्केट तक है. इस बार काश्तकारों को 1 अरब 36 करोड़ रुपये से ज्यादा की फसल होने की उम्मीद थी पर देर रात आये आंधी तूफान से 35 से 40 फीसदी फसल का नुकसान हुआ है. आम और लीची को खरीदने के लिए दूरदराज के व्यापारी रामनगर, बैलपड़ाव, कालाढूंगी और आसपास के क्षेत्रों में पहुंचते हैं.

रामनगर की लीची स्वाद के लिए मशहूर है. रामनगर की लीची पंजाब, हरियाणा, मुम्बई और दुबई समेत अन्य देशों के लोगों की पहली पसंद है. आम को भी काफी नुकसान पहुंचा है. आम के बगीचे के ठेकेदार कल्लू ने बताया कि देर रात आए तूफान में करीब 30 से 35 फीसदी कच्चे आम गिर गए हैं. कई पेड़ में गिर गए हैं. ऐसे में उनको करीब 8 से 10 लाख का नुकसान हुआ है. उन्होंने कहा कि इस बार उनको अच्छी फसल की उम्मीद थी लेकिन तूफान ने काफी नुकसान हुआ है.
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बीती रात आए तूफान के बाद उद्यान अधिकारी अर्जुन सिंह परवाल (Horticulture Officer Arjun Singh Parwal) ने रामनगर क्षेत्र के काश्तकारों से मुलाकात की और होने वाले नुकसान का आकलन किया है. उन्होंने बताया कि तूफान से रामनगर क्षेत्र में 30 से 35 फीसदी आम और लीची की फसल को नुकसान हुआ है. 15 से 20 दिन में लीची की फसल तैयार होने वाली थी. पहली खेप में रामनगर में लीची अपनी मिठास के कारण 70 से 80 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिकती है.

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