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सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला - बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में नहीं होगी गणेश पूजा

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Published : Aug 30, 2022, 6:23 PM IST

Updated : Aug 31, 2022, 6:14 AM IST

सुप्रीम कोर्ट ने बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश पूजा को इजाजत नहीं दी. कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने यह फैसला सुनाया है. कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. हाईकोर्ट ने पूजा की इजाजत दे दी थी. Ganesh Chaturthi at Idgah Maidan Bengaluru.

Eidgah maidan bengaluru
ईदगाह मैदान बेंगलुरु

नई दिल्ली : बेंगलुरु के ईदगाह मैदान में गणेश चतुर्थी मनाने पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. बता दें, हाईकोर्ट की अनुमति के खिलाफ याचिका पर सर्वोच्च अदालत की बेंच ने यह फैसला दिया है. कोर्ट ने गणेश पूजा की इजाजत नहीं दी है. कोर्ट ने अपने फैसले में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है. कर्नाटक वक्फ बोर्ड ने उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी थी.

कर्नाटक उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने 26 अगस्त को राज्य सरकार को चामराजपेट में ईदगाह मैदान का इस्तेमाल करने के लिए बेंगलुरु (शहरी) के उपायुक्त को मिले आवेदनों पर विचार करके उचित आदेश जारी करने की अनुमति दी थी. Ganesh Chaturthi Idgah Maidan Bengaluru.

ईदगाह मैदान
ईदगाह मैदान

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एमएम सुंदरेश की स्पेशल बेंच में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि क्या पहले इस स्थान पर कोई अन्य धर्म का कार्यक्रम हुआ है. रोहतगी ने कहा कि राज्य सरकार ने ऐसी कोई इजाजत नहीं दी. रोहतगी ने कहा कि मालिकाना हक को लेकर कभी विवाद नहीं था. सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी मालिकाना हक को लेकर नहीं है, यह भूमि राज्य सरकार की है.

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर वक्फ की ओर से गलतबयानी की जा रही है, तो अदालत अवमानना की कार्यवाही शुरू करेगी. रोहतगी ने कहा कि राजस्व और बीबीएमपी रिकॉर्ड में भूमि का उल्लेख खेल के मैदान के रूप में किया गया है. यह एक सरकारी भूमि के रूप में जाना जाता है. सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष वाद एक निषेधाज्ञा वाद था, ना कि मालिकाना हक का वाद.

ईदगाह मैदान
ईदगाह मैदान

मुस्लिम निकाय का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने मामले का उल्लेख और तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए कहा था कि क्षेत्र में अनावश्यक धार्मिक तनाव पैदा किया जा रहा है. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को मामले की सुनवाई के लिए तैयार हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने पहले सुनवाई की, लेकिन दोनों ने अलग-अलग फैसले दिए, लिहाजा इस मामले को तीन सदस्यीय बेंच के पास भेज दिया गया था.

ईदगाह मैदान की सुरक्षा बढ़ाई गई

ईदगाह मैदान की सुरक्षा बढ़ाई गई: सुप्रीम कोर्ट के यथास्थिति बनाए रखने के आदेश के बाद बेंगलुरु के ईदगाह मैदान की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. ईदगाह मैदान के आसपास भारी संख्या में पुलिस और आरएएफ जवानों की तैनाती की गई है. तीन डीसीपी, 21 एसीपी, 47 इंस्पेक्टर, 130 पीएसआई, 126 एएसआई, 900 कांस्टेबल, आरएएफ 120 सहित 1500 पुलिस को ईदगाह की सुरक्षा के लिए लगाया गया है. साथ ही पुलिस ने चामराजपेट मैदान के आसपास फ्लैग मार्च निकाला.

फिलहाल चामराजपेट मैदान के चारों ओर बैरिकेडिंग कर दी गई है और मैदान में सिर्फ एक तरफ जाने की इजाजत है. पुलिस ने एहतियात के तौर पर पश्चिमी सेक्टर में कुछ घरों में पहले ही छापेमारी की है. पुलिस ने फरार अपराधियों को भी हिरासत में लिया है और सीआरपीसी की धारा 110 के तहत चेतावनी जारी की गई है.

हुबली-धारवाड़ नगर निगम (एचडीएमसी) ने ईदगाह मैदान में तीन दिनों के लिए गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति देने का फैसला किया गया. हुबली-धारवाड़ के महापौर इरेश अचंतगेरी ने निर्वाचित प्रतिनिधियों और अधिकारियों के साथ चली लंबी बैठक के बाद सोमवार देर रात इस फैसले की घोषणा की. उन्होंने बताया कि यह फैसला नगर निकाय द्वारा इस मुद्दे पर गठित सदन की समिति की अनुशंसा पर लिया गया. karnataka eidgah maidan controversy.

महापौर के अनुसार सदन की समिति ने कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बाद गणेश उत्सव की अनुमति देने की अनुशंसा की थी. इसे उत्सव को अनुमति देने के पक्ष में 28 और विरोध में 11 ज्ञापन मिले थे. उन्होंने बताया कि समिति की रिपोर्ट और विस्तृत चर्चा के बाद तीन दिन के लिए गणेश उत्सव की अनुमति देने का फैसला किया गया. महापौर ने बताया कि छह संगठनों ने गणेश प्रतिमा स्थापित करने की अनमुति मांगी थी, जिनमें से एक को चुना गया और बाकी से सद्भावनपूर्वक तरीके से उत्सव मनाने में सहयोग करने का अनुरोध किया गया. गौरतलब है कि नगर निगम ने यह फैसला कांग्रेस पार्षदों के विरोध के बावजूद लिया.

यहां यह जानना जरूरी है कि एक विवाद के बाद उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार मुस्लिम समुदाय को इस मैदान में साल में केवल दो बार नमाज पढ़ने की अनुमति दी जाती है और नगर निगम स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर वहां राष्ट्र ध्वज फहराता है.

यह भी पढ़ें- बेंगलुरु के बाद हिंदू संगठनों ने की हुबली के ईदगाह मैदान में गणेशोत्सव मनाने की मांग

Last Updated :Aug 31, 2022, 6:14 AM IST
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