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कोयला घोटाला: पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और अन्य दोषी करार

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Published : Jul 29, 2022, 8:24 PM IST

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कोयला घोटाला मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा, ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और उसके निदेशक मुकेश गुप्ता को अदालत ने दोषी करार दिया है. हालांकि, अभी इनकी सजा पर फैसला होना बाकी है. यह घोटाला यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2005 और 2011 के बीच हुआ था.

नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार को महाराष्ट्र में लोहारा पूर्वी कोयला ब्लॉक के आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित घोटाला मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा को आपरााधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार में शामिल होने का दोषी ठहराया. विशेष न्यायाधीश अरूण भारद्वाज ने ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (जीआईएल) और उसके निदेशक मुकेश गुप्ता को भी आपराधिक साजिश रचने और धोखाधड़ी में शामिल होने का दोषी करार दिया.

अब इस मामले पर अगली सुनवाई चार अगस्त को होगी. अगली सुनवाई में अदालत चारों दोषियों को कितनी अवधि की सजा होनी चाहिए, इस बारे में दलील सुनेगी. गुप्ता को कोयला घोटाले के तीन अन्य मामलों में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है. इसके खिलाफ गुप्ता की अपील दिल्ली उच्च न्यायालय में लंबित है. वह अभी जमानत पर है.

सीबीआई के मुताबिक 2005 और 2011 के बीच आरोपी व्यक्तियों ने आपराधिक साजिश रचकर कोयला मंत्रालय और भारत सरकार के साथ धोखा किया. कुल संपत्ति, क्षमता, उपकरण, खरीद स्थिति और संयंत्र की स्थापना के बारे में गलत सूचना देकर मंत्रालय के जरिए 'लोहारा ईस्ट कोयला ब्लॉक' जीआईएल को आवंटित करवा दिया.

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जांच एजेंसी ने कहा कि कंपनी ने अपने आवेदन में कुल संपदा 120 करोड़ रुपये बताई जबकि यह महज 3.3 करोड़ रुपये थी. कंपनी ने अपनी मौजूदा क्षमता 1,20,000 टन सालाना बताई थी जो वास्तव में 30,000 टन प्रतिवर्ष थी. उच्चतम न्यायालय ने 25 अगस्त 2014 को कोयला ब्लॉक का पूरा आवंटन ही रद्द कर दिया था.

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