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कृषि कानून गतिरोध का 87वां दिन : यूपी के किसानों और केजरीवाल की बैठक, महाराष्ट्र में सभा की अनुमति नहीं

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Published : Feb 21, 2021, 8:23 AM IST

Updated : Feb 21, 2021, 3:10 PM IST

कृषि कानून गतिरोध
कृषि कानून गतिरोध

15:09 February 21

15:09 February 21

झोपड़ीनुमा तिपहिया आर्कषण का केंद्र

झोपड़ीनुमा तिपहिया आर्कषण का केंद्र

गाजीपुर बार्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में रोहतक से आया झोपड़ीनुमा तिपहिया आर्कषण का केंद्र बना हुआ है. तिपहिए को पूरी तरह फूस की झोपड़ी से कवर किया गया है. इस झोपड़ी को तिरंगे के रंगों से रंगा गया है. उसके ऊपर तिरंगा लहरा रहा है और बगल में लगा है किसानी का झंडा. ऑटो के ऊपर बनाई गई झोपड़ी करीब 10 फीट लंबी 3 फीट चौड़ी है. 

15:00 February 21

जानकारी देते संवाददाता

सहारनपुर और मुजफ्फरनगर से यहां पहुंचे कुछ किसानों से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उनका कहना था कि वे तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हैं और चूंकि आम आदमी पार्टी उनके इस आंदोलन को समर्थन दे रही है, इसलिए वे यहां सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ मीटिंग के लिए पहुंचे हैं. यह पूछने पर कि मेरठ में होने वाली महापंचायत के मद्देनजर यह बैठक कितनी महत्वपूर्ण होगी, इसपर उनका कहना था कि इसकी रणनीति इस बैठक में तैयार होगी.

14:59 February 21

बॉर्डर पर गन्ने का कोल्हू

25 साल पुराना गन्ने का कोल्हू

गाजीपुर बॉर्डर पर 25 साल पुराना गन्ने का कोल्हू लाया गया है. जिसका उद्घाटन राकेश टिकैत ने किया. इसी से गन्ने का जूस निकाला जा रहा है. खुद राकेश टिकैत ने इस कोल्हू से गन्ने का जूस निकाला. बताया जा रहा है कि 25 साल पहले लाल किले पर इसी कोल्हू को बाबा महेंद्र सिंह टिकैत ने स्थापित किया था. जहां किसानों के आंदोलन की विजय हुई थी. किसानों के लिए इस कोल्हू का काफी महत्व है.

14:59 February 21

राकेश टिकैत का जवाब

राकेश टिकैत का बयान

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात के सवाल पर किसान नेता राकेश टिकैत अब जवाब दिया है. टिकैत ने कहा है कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि किसानों को केजरीवाल ने चर्चा के लिए बुलाया है. उनका कहना है कि जो भी फैसला होगा, वो संयुक्त किसान मोर्चा करेगा. राकेश टिकैत ने कहा कि समर्थन के नाम पर यहां राजनीतिक पार्टियां आकर सूखा समर्थन दे रही है. कोई पार्टी का नेता यहां आकर अपना टेंट लगाकर नहीं बैठा है. बिना घी के तो सूखा आटा खाना नामुमकिन होता है.

13:47 February 21

यूपी के किसान नेताओं के साथ केजरीवाल की बैठक

दिल्ली विधानसभा में आज सीएम अरविंद केजरीवाल ने उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं के साथ बैठक की. केजरीवाल सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत और राजेंद्र पाल गौतम भी बैठक में शामिल हुए. इस दौरान कृषि कानून और किसानों के अन्य मुद्दों पर बात की गई.

08:16 February 21

महाराष्ट्र में कोरोना के कारण किसानों को सभा की अनुमति नहीं : टिकैत

किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि कोरोना महामारी के कारण महाराष्ट्र में कई इलाकों में पाबंदियां लागू की गई हैं. कई स्थानों पर धारा 144 लागू की गई है. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों का हवाला देते हुए किसान संगठनों को सभा करने की अनुमति नहीं दी है. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक बंदिशों के कारण वे महाराष्ट्र में सभा नहीं कर सकते हैं.

08:04 February 21

किसान आंदोलन लाइव

गुरनाम सिंह चढूनी का बयान

नई दिल्ली / चंडीगढ़ : किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बयान दिया है कि दिल्ली पुलिस की ओर से जिन 1700 लोगों को नोटिस भेजे गए है, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है. अगर दिल्ली पुलिस उन्हें बुलाती है तो उन्हें वहां जाने की जरूरत नहीं है. अगर दिल्ली पुलिस उनके गांव में आती है तो पूरा गांव उन्हें घेर कर वहां रखे और प्यार से उन्हें खाना खिलाए और प्रशासन को सूचित करे कि आपके आदमियों को हमने यहां रखा है.

दरअसल, चंडीगढ़ में भारतीय किसान यूनियन की पहली महापंचायत का आयोजन किया गया था. जिसमें भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, पंजाब किसान यूनियन मानसा रुलदू सिंह मानसा और बीकेयू उग्रहं के अध्यक्ष जोगिंदर उग्रहा भी मौजूद रहे.

'दिल्ली पुलिस के पास कोई ना जाए'

इस दौरान मीडिया से बात करते हुए चढूनी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की ओर से 1700 लोगों को नोटिस दिए गए हैं, किसी को भी दिल्ली पुलिस से डरने की जरूरत नहीं है और ना ही उनके पास जाने की जरूरत है. इसके आगे चढूनी ने कहा कि अब अंबानी और अडानी के बाद रामदेव भी मोदी जी के दोस्त बन गए हैं, इसलिए अब उनका सामान भी ना खरीदा जाए.

गुरनाम चढूनी ने कहा कि अगर बीजेपी के लोग मंच लगाते हैं तो इन्हें भगा दो, काम भी करना है और आंदोलन भी करना है. ऐसे में कमेटी बनाई जाए.

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चढूनी ने कहा कि चडीगढ़ में पढ़े लिखे लोगों को समझ आ चुका है कि मामला क्या है ? पूरे देश पर कॉर्पोरेटर घरानों ने कब्जा कर लिया है. पॉलिसी आ चुकी है, 400 से 500 एकड़ पर कंपनियां खेती करेगी. किसान खेती नहीं करेगा. चढूनी ने आरोप लगाया कि एमएसपी का पहले से 4 लाख करोड़ कम मिल रहा है.

Last Updated :Feb 21, 2021, 3:10 PM IST
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