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उत्तराखंड डॉक्टर दंपति सुसाइड मामला: बेटे के साथ लूडो में जीतने के बाद जिंदगी से हारे डॉक्टर इंद्रेश, बच्चा बोला- पापा जैसा बनना है

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Published : Jun 1, 2023, 5:36 PM IST

Updated : Jun 1, 2023, 7:18 PM IST

doctor couple suicide in kashipur
उत्तराखंड डॉक्टर दंपति सुसाइड मामला

काशीपुर में डॉक्टर दंपति के सुसाइड के बाद हर कोई हतप्रभ है. इस घटना के बाद घर का मासूम खुद में खोया है. वो माता-पिता के साथ अपने आखिरी लम्हों को याद कर बिलख रहा है. बच्चा बता रहा है कि कैसे उसके फिजीशियन पिता डॉ. इंद्रेश शर्मा ने सुसाइड से पहले उसके साथ लूडो खेला, जिसमें पापा ने उसको हराया था. जानें पूरी कहानी...

काशीपुर (उत्तराखंड): बीते रोज पत्नी के साथ मौत को गले लगाने वाले डॉक्टर इंद्रेश शर्मा ने मौत से कुछ घंटे पहले अपने 12 साल के बेटे के साथ लूडो खेला था. बेटे के साथ लूडो में तो डॉ. इंद्रेश शर्मा जीत गए, लेकिन इसके बाद उन्होंने जिंदगी से जंग हारकर मौत को गले लगा लिया. बीते रोज उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर शहर में हुए इस घटनाक्रम के बाद हर कोई हैरान और दुखी है.

कैंसर की बीमारी ने छीनी परिवार की खुशियां: काशीपुर में एक निजी हॉस्पिटल में इमरजेंसी चिकित्सक के तौर पर तैनात सर्जन एवं फिजीशियन डॉ. इंद्रेश शर्मा ने दो दिन पहले अपनी पत्नी वर्षा शर्मा की ब्लड कैंसर की बीमारी और मुफलिसी के चलते आत्महत्या कर ली. दिल को झकझोर देने वाली चिकित्सक की इस पीड़ा को जिसने भी सुना वह हक्का-बक्का रह गया. डॉ. इंद्रेश शर्मा की पत्नी वर्षा बीते 6-7 साल से ब्लड कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित थीं. वर्षा के महंगे इलाज से परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई थी. ऊपर से साल 2020 में लगे लॉकडाउन ने उन्हें इतना तोड़ दिया कि उन्होंने अपने बेटे की पढ़ाई तक बंद करवा दी थी.

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बेटे ने बताया पल-पल का हाल: उस रात का जिक्र करते हुए डॉ. इंद्रेश शर्मा के बेटे ने बताया कि वो मम्मी और पापा की बातचीत के बीच में ज्यादा दखल नहीं दिया करता था. उसके मुताबिक पापा उस शाम को हॉस्पिटल से घर आए. रोजाना की तरह आराम करने के बाद सब लोगों ने एक साथ खाना खाया. उसके बाद फिर इंद्रेश शर्मा ने बेटे के साथ लूडो खेला, जिसमें वो जीत गए. फिर डॉ. इंद्रेश ने उसे बताया कि ये इंजेक्शन है और आज सभी को लगाने हैं. अपने पापा के ऊपर उसे पूरा भरोसा था. उसने पापा से पहला इंजेक्शन खुद को लगाने के लिए कहा. ये सुनने के बाद डॉ. शर्मा की आंखें डबडबा गईं लेकिन पापा ने दुनिया छोड़ने से पहले अपने बेटे की ये इच्छा भी पूरी की. बच्चे ने बताया कि उसने अपने पापा से जिद कर कहा था कि आप और मम्मी जहां भी जाओगे उसे भी साथ ही चलना है.

doctor couple suicide in kashipur
परिवार व पड़ोसियों से घटना की जानकारी लेती पुलिस टीम.

बच्चे को लगाया था पहला इंजेक्शन: पहला इंजेक्शन बच्चे को ही लगाया गया. कुछ देर बाद बच्चा सो गया. इसके बाद जब वो सुबह उठा तो उसने सबसे पहले मम्मी को उठाया. जब उसकी मां वर्षा नहीं उठी तो उसने उनकी पल्स चेक की. पल्स मशीन में सीधी लाइन आ रही थी. सांस भी नहीं चल रही थी. जिसके बाद उसने अपने पापा को चेक किया. उनकी आंखें खुली हुई थीं, लेकिन सांस नहीं चल रही थी. घबराए बच्चे से उसने बाद अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को फोन कर इस घटना की जानकारी दी.
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पापा की तरह बनना चाहता है बेटा: बेटे के हीरो रहे पापा ने दुनिया छोड़ने से पहले अपने बच्चे की हर इच्छा पूरी की. हालांकि, इस बार पहला मौका था जब उन्होंने अपने लाडले से धोखा दिया. बेटे को पापा से शिकायत है कि वो उसे इस दुनिया में छोड़ गए हैं. डॉ. इंद्रेश शर्मा के बेटे के मुताबिक उसके पापा उसे डॉक्टर बनाना चाहते थे. उसे मोटिवेट करते थे कि हमेशा जरूरतमंदों की मदद करनी है. वो भी अपने पापा की तरह ही डॉक्टर बनना चाहता है.

बेटी की हो चुकी है शादी: डॉ. इंद्रेश शर्मा की एक बेटी भी है. इसी साल जनवरी में उसकी शादी जसपुर में हुई है. उसके मुताबिक बीते रोज सुबह उसने मम्मी के नंबर पर फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. जिसके बाद उसने अपने भाई के नंबर पर फोन किया तो भाई ने घटना के बारे में बताया. घटना का जिक्र सुनते ही उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. वह रोती बिलखती अपने मायके आ पहुंची. बेटी के मुताबिक आर्थिक तंगी के चलते महंगा इलाज न करा पाने की वजह से उनके पापा उनकी मम्मी का इलाज स्वयं ही कर रहे थे.

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मामले की जांच में जुटी पुलिस.

पत्नी के इलाज के कारण खराब हो गई थी आर्थिक स्थिति: मूल रूप से देहरादून निवासी डॉ. इंद्रेश शर्मा करीब 10-12 साल पहले पत्नी वर्षा, बेटी और बेटे के साथ काशीपुर आये थे. वर्तमान में वह सैनिक कॉलोनी में परिवार के साथ किराये के मकान में रह रहे थे. वे चामुंडा मंदिर के पास स्थित एक निजी अस्पताल में इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर थे. उनकी पत्नी वर्षा पिछले काफी समय से कैंसर से पीड़ित थीं. वह लगातार पत्नी का इलाज करा रहे थे, लेकिन इसके बाद भी वर्षा की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ. इसके उलट उनकी आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई.
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कर्ज में डूब गया था परिवार: बताया जा रहा है कि पत्नी के इलाज के लिए उन्होंने कई लोगों से कर्ज भी लिया था. पत्नी को वह अपना ब्लड भी देने लगे. काफी बार ब्लड देने के कारण वह भी बीमार रहने लगे थे. बची हुई कसर 2020 में आई कोरोना वैश्विक महामारी ने पूरी कर दी. आर्थिक स्थिति ऐसी बिगड़ी कि वर्ष 2020 में उन्होंने इकलौते बेटे की पढ़ाई भी छुड़वा दी. आर्थिक स्थिति से बेटा भी वाकिफ था, इसलिये उसने भी कभी स्कूल जाने की जिद नहीं की. धीरे-धीरे डॉक्टर शर्मा तनाव में रहने लगे, जिसके बाद उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया. परिवार की इस मजबूरी के चलते इकलौता बेटा भी चार साल से बिना पढ़ाई के घर बैठा है.
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बिखर गया एक हंसता-खेलता परिवार: दरअसल, वर्षा शर्मा के कैंसर से लड़ते-लड़ते डॉ. इंद्रेश शर्मा का परिवार बीते 12 साल में आर्थिक और मानसिक रूप से बुरी तरह टूट चुका था. इसके बाद भी इस परिवार में जबरदस्त आपसी जुड़ाव था. वर्षा का इलाज वह स्वयं कर रहे थे. पूरा परिवार एक-दूसरे इतना प्यार करता था कि मौत भी उन्हें अलग करने की नहीं सोच सकती थी. घर का माहौल भी सामान्य था. यही वजह रही कि कोई हकीकत को भांप भी नहीं पाया. डॉक्टर इंद्रेश के परिवार ने बीते कुछ सालों में बेइंतहा दर्द झेला. जब दर्द ने सब्र की इंतेहा तोड़ दी तो इंद्रेश ने परिवार के साथ जिंदगी खत्म करने की राह चुनी. एक हंसते-खेलते परिवार का ऐसा दर्दनाक अंत हुआ कि किसी की भी रूह कांप जाए.

Last Updated :Jun 1, 2023, 7:18 PM IST
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