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बच्चे आ रहे हैं कोरोना की चपेट में, क्या यह तीसरी लहर की दस्तक है ?

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Published : Aug 13, 2021, 8:16 PM IST

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कर्नाटक और पंजाब में बच्चों के कोविड की चपेट में आने की खबर से लोग सहम गए हैं, सवाल यह है कि क्या भारत में कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे दी है. आईआईटी के रिसर्चर मान चुके हैं कि तीसरी लहर आ चुकी है मगर सरकार का कहना है कि अभी तो कोविड-19 दूसरी लहर ही खत्म नहीं हुई. अभी तक हुए सभी आंकलन और सर्वे के अनुसार, भले तीसरी लहर अभी नहीं आई है, मगर आएगी जरूर.

हैदराबाद : एक से 11 अगस्त के बीच कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू में ही 543 बच्चों में कोरोना की पुष्टि हुई है. पिछले 6 दिन में यहां करीब 300 बच्चे कोविड पॉजिटिव हुए. उनमें से 127 बच्चों की उम्र 10 साल से कम है जबकि174 कोरोना संक्रमित बच्चों की उम्र 10 से 19 साल के बीच है. इसके अलावा इस अवधि के दौरान उत्तराखंड में 46 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले. लुधियाना ( पंजाब) के दो सरकारी स्कूलों में 20 छात्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. कई एक्सपर्ट इसे बड़ा खतरा मान रहे हैं यानी तीसरी लहर की आहट बताई जा रही है.

केरल में वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले भी हो रहे इफेक्टेड : केरल में कोरोना संक्रमण के केस लगातार बढ़ रहे हैं. केरल में पॉजिटिविटी रेट14 पर्सेंट से अधिक है. केरल के 9 जिलों में वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग भी करोना के डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित हो रहे हैं. वहां जांच कर रही केंद्र की टीम यह जांच कर रही है कि कोरोना के नए म्यूटेशन के कारण वैक्सीन का असर कम तो नहीं हो रहा है. अगर जांच में कोविड-19 के म्यूटेशन साबित हो जाती है तो तीसरी लहर के लिए खतरे की घंटी बज जाएगी.

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आईआईटी एक्सपर्ट के दावे के अनुसार, अक्टूबर में पीक पर होगी तीसरी लहर

आईआईटी एक्सपर्ट का दावा : अगस्त में आएगी तीसरी लहर

आईआईटी हैदराबाद और कानपुर के मैथमैटिकल रिसर्च के अनुसार, अक्टूबर में तीसरी लहर का पीक हो सकता है. आईआईटी हैदराबाद के मथुकुमल्ली विद्यासागर और आईआईटी कानपुर के मनिंद्र अग्रवाल ने कोरोना की दूसरी लहर की भविष्यवाणी की थी, जो बहुत हद तक सटीक साबित हुई थी. उनकी स्टडी के अनुसार, अगस्त में तीसरी लहर आ गई है. स्टडी में बताया गया है कि तीसरी लहर में कोरोना के मामले दूसरी लहर की तरह भयावह नहीं होंगे. हालांकि पीक डेज में रोजाना एक से डेढ़ लाख केस आ सकते हैं. बता दें कोविड की दूसरी लहर में रोजाना 4 लाख से अधिक मामले आ रहे थे.

हालात : केस में उछाल तो आया मगर 84.29 % मामले 5 राज्यों में हैं

अब आईआईटी की स्टडी की पड़ताल कर लेते हैं. आज 13 अगस्त यानी महीने का मिड है. पिछले 7 दिनों से कोरोना के 40 हजार से अधिक मामले आ रहे हैं. इनमें से 57.7 फीसदी केस केरल से आ रहे हैं. अगर देश के स्तर पर कोरोना के नए मामलों को आकलन किया जाए तो देश के 84.29 प्रतिशत मामले 5 राज्यों (केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक) से है. देश के बाकी बचे राज्यों में कोरोना काबू में है. पॉजिटिविटी रेट पिछले 18 दिनों से 3 फीसद के नीचे है. साप्ताहिक संक्रमण दर भी 2.13 प्रतिशत है. एक्सपर्ट इस हालात को कोरोना की लहर की शुरुआत नहीं मानते हैं.

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तीसरी लहर पहली और दूसरी लहर जितनी घातक नहीं होगी

चौथे सीरो सर्वे में भी राहत भरी खबर है : आईसीएमआर और एम्स-WHO के सीरो सर्वे में भी तीसरी लहर की बात स्वीकार की गई है. सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, तीसरी लहर पहली और दूसरी लहर जितनी घातक नहीं होगी. रिपोर्ट में इसके कारण भी बताए गए हैं.

  • सीरो सर्वे के दौरान देश की 67 प्रतिशत से ज्यादा आबादी पॉजिटिव पाई गई थी. उनमें एंटीबॉडी मिली.
  • भारत में 52.2 करोड़ से अधिक लोगों को पहली या दोनों डोज वैक्सीन लगाई जा चुकी है, इससे संक्रमण की रफ्तार कम होगी
  • अधिक से अधिक लोग कोविड प्रोटोकॉल को लेकर अवेयर हैं, इसका असर भी तीसरी लहर में दिखेगा.

तीसरी लहर में कौन आएंगे कोरोना की चपेट में : भारत में तीसरी लहर आई तो उसमें बड़े-बच्चों सभी एक समान प्रभावित होंगे. मगर बच्चे पहली और दूसरी लहर के मुकाबले ज्यादा प्रभावित होंगे, क्योंकि उनमें पहले से एंटीबॉडी होने की संभावना कम है. तीसरी लहर में भारत की वैक्सीन नहीं लेने वाली 40 करोड़ आबादी भी कोरोना की चपेट में आने की आशंका बनी रहेगी. सीरो सर्वे के अनुसार, तीसरी लहर में अगर वैरिएंट म्यूटेट होता है, तो कोविड-19 के मामले बढ़ेंगे. अगस्त के दौरान सिर्फ महाराष्ट्र में कोरोना के डेल्टा प्लस वैरिएंट से एक मौत हुई है. बाकी राज्यों में डेल्टा वैरिएंट के ही केसेज हैं.

चिंता का विषय यह है कि अमेरिका में तीसरी लहर के दौरान बच्चे लंबी अवधि तक कोविड इफेक्टेड रह रहे हैं. इससे पहले तक बच्चों पर कोविड का प्रभाव अधिकतम 7 दिन ही रहता था. बच्चों में गंभीर संक्रमण के केस कम आए थे. अभी भी भारत में ज्यादातर बच्चे एसिम्टमैटिक हो रहे हैं. यूएस नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इन्फेक्शन डिजीज (NIAID) के डायरेक्टर डॉ एथंनी फौसी ने चेतावनी दी है कि बच्चों को बचाने के लिए बड़ों का वैक्सिनेशन जरूरी है.

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बच्चों को बचाने के लिए उनके आसपास रहने वाले व्यस्कों के लिए वैक्सीन लेना जरूरी है

बच्चों को बचाने के लिए क्या करें

  • अभी तक भारत में बच्चों में कोविड के गंभीर लक्षण नजर नहीं आए हैं, इसलिए घबराएं नहीं.
  • 2 साल और उससे अधिक उम्र के बच्चों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनाएं
  • छोटे बच्चे मास्क में घुटन महसूस कर सकते हैं, इसलिए इस दौरान उन पर नजर रखें
  • बच्चों को खेल खेलते समय या दौड़ते-भागते समय मास्क जरूर से हटा दें
  • सभी बच्चों को सैनिटाइजेशन के बारे में अवेयर करें, 10 साल से बड़े बच्चों को सैनिटाइजर का उपयोग करना सिखाएं. ध्यान रहे वह सैनिटाइजर की कुछ बूंदों का प्रयोग करे
  • स्कूल जाने वाले बच्चों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन करने के लिए अवश्य बताएं
  • एक सर्वे में सामने आया है कि अभी देश के 28 प्रतिशत लोगों ने सैर-सैपाटे की प्लानिंग की है. अगर मामले बढ़ते हैं तो इसे रोक दें

तीसरी ही नहीं, अभी कई लहरें आएंगी.

किसी भी महामारी के गिनी- चुनी लहर नहीं आती. एक्सपर्टस के अनुसार, कोरोना लगातार नए वैरिएंट के साथ अपना स्वरूप बदल रहा है, इसलिए इसकी कई लहरें आएंगी. सामान्य तौर जाने जाने वाला वायरल भी कई रूप बदल चुका है. स्‍पैनिश फ्लू की भी चार लहरें आईं थीं . मगर लहर की पहचान कैसे होगी. दूसरी लहर में 15 दिनों के भीतर नए केस दोगुने हो गए थे. इसलिए आप भी अपने इलाके में केस की संख्या पर नजर रखें. अगर केस बढ़ने की रफ्तार ज्यादा है तो मान लें कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है. फिलहाल केरल को छोड़कर भारत के अन्य राज्यों में ऐसी स्थिति नहीं है.

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