ETV Bharat / bharat

आतंकियों का पनाहगार पाकिस्तान भारत में चाहता है 'अशांति'

author img

By

Published : Aug 28, 2020, 1:08 PM IST

आतंकवाद पाकिस्तान की नस्लवाद जारी रखने के लिए भारत के खिलाफ शीतयुद्ध की रणनीति है. वास्तविकता यह है कि इस्लामाबाद भारत को खतरे की भूमि में बदलने के लिए प्रेरित करता है और आतंकवादियों को दशकों से पनाह देता और उनका पालन-पोषण करता रहा है.

123
फोटो

हैदराबाद : पाकिस्तान आए दिन भारत में अशांति फैलाने की कोशिश करता रहता है. यह सर्वविदित है कि पाकिस्तान ने हाल ही में मजबूरी वश दो सूची जारी की है जिससे वह वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के और कड़े प्रतिबंधों से बच सके. एफएटीएफ एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो आतंकवादियों को वित्त पोषण की निगरानी और उसे नियंत्रित करता है. इस सूची में 88 प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों और उनके नेताओं का विस्तृत ब्योरा दर्ज है.

इसमें दाउद इब्राहिम का भी नाम है जो 1993 के मुंबई बम विस्फोटों का मास्टरमाइंड है.

रूटीन वाला बयान बताया

पाकिस्तान दाउद और मसूर अजहर जैसे अन्य दुर्दांत आतंकवादियों की संपत्ति जब्त करने उनके बैंक खातों पर रोक लगाने की घोषणा के कुछ ही दिनों के अंदर इस बयान से पलट गया और कहा कि वह एक रूटीन वाला बयान था और उसने कभी आतंकवादियों को पनाह नहीं दी.

इमरान सरकार की नीति

इमरान सरकार की अपनी नीतियों से बार-बार पलटने वाला रवैए की तुलना उस बिल्ली से की जा सकती है जो अपनी आंखें बंद कर चोरी-छुपे दूध पीती है और सोचती है कि दुनिया उसे देख नहीं रही है.

आतंकवादियों को संरक्षण देने की वजह से जब भी उसके खिलाफ प्रतिबंध लगने की बात होती है तो पाकिस्तान आतंकवादियों के खिलाफ कुछ मुकदमे दर्ज करने का नाटक करता है, लेकिन वह हमेशा उनके साथ घनिष्ठ संबंध रखता है और उनके हितों का समर्थन करता है.

आतंकी संगठनों का पनाहगार पाकिस्तान

जमात-उद-दावा, लश्कर-ए-तोइबा, जैश-ए-मोहम्मद, हक्कानी नेटवर्क और तालिबान के नेतृत्व वाले उग्रवादी संगठनों के लिए वह सुरक्षित पनाहगार रहा है तब भी दुनिया की आंखों में धूल झोंकने की व्यर्थ की कोशिश करता है कि वह निर्दोष है.

उसका नाम हालांकि पाकिस्तान (पवित्र भूमि) है लेकिन वास्तव में आतंकवादियों के पक्ष में है. वह भारत के खिलाफ हिंसा का पोषण करता है और उपमहाद्वीप के लिए बहुत बड़ा खतरा है.

पाकिस्तान का कभी-कभार अपने ही खिलाफ बोलने की मजबूरी का मुख्य कारण वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) का डर है.

ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान

आतंकवादियों को धन मुहैया कराने का मुद्दा पेरिस में 2001 में हुए जी-7 देशों के सम्मेलन में गठित एक विशेष कार्यबल के दायरे में आता है. इसका गठन धन शोधन (मनी लांड्रिग) को नियंत्रित करने के लिए किया गया था.

एक दशक तक रुख में बार-बार बदलाव के बाद पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में शामिल किया गया.

इमरान सरकार ने एक साल पहले खुद स्वीकार किया है कि उसकी सरजमीं पर 30-40 हजार आतंकवादी हैं.

अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद को ‘सर’ कहकर संबोधित कर प्रधानमंत्री ने बहुत विनम्रता दिखाई और उसके बाद उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल आतंकवादियों को उनके देश में पकड़ना मुश्किल है.

भारत को दे रहा चुनौती

पाकिस्तान वर्षों से भारत से लगी सीमाओं में ड्रोन की मदद से हथियारों को गिरा कर एक नई चुनौती पेश कर रहा है. भारतीय स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पड़ोसी देश ने आतंकवादी हमला करने का एक षडयंत्र रचा जिसका पर्दाफाश हो गया और खतरा टाल दिया गया. चीन,

तुर्की और मलेशिया की मदद से पाकिस्तान एफएटीएफ की कार्रवाई से बचता रहा है. हालांकि उसकी असली प्रकृति का दुनिया के सामने एक बार फिर खुलासा हो गया है.

अभी यह देखना बाकी है कि कार्य बल के अधिकारी किस तरह से इस्लामाबाद का जवाब देते हैं. वह जब तक चीन का समर्थन है तब तक इस विश्वास से लबरेज है कि उसका कुछ नहीं हो सकता है.

पढ़ें: भारत-चीन के बीच तनाव कम करना चाहता है अमेरिका : रक्षा सचिव

भारत ने तीन हफ्ते पहले ही सुरक्षा परिषद को स्पष्ट कर दिया है कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादियों के खिलाफ एक संयुक्त रूप से तैयार दृढ़ रणनीति से ही मानवता विनाश से बच सकती है.

सख्ती के साथ मात्र यही एक अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई आतंकी शक्तियों पर रोक लगा सकती है और पाकिस्तान को आतंकवादियों को अपनी धरती पर राजनीतिक संरक्षण और उसका समर्थन करने के लिए यथोचित सबक सिखा सकती है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.