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आज वर्ल्ड नर्स डे: 'सेवा परमो धर्म' की भावना से काम करती हैं नर्सें

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Published : May 12, 2020, 12:27 PM IST

पहली नर्स फ्लोरेंस नाइटिंगेल के सम्मान में नर्स डे मनाया जाता है, आज उनका 200वें जन्मदिन है.वर्ल्ड नर्स डे पर ETV भारत इन महान कोरोना वॉरियर्स का सम्मान करता है.

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'सेवा परमो धर्म' की भावना से काम करती हैं नर्सें

राजनांदगांव/डोंगरगांव: चिकित्सा के क्षेत्र में नर्स के बिना मरीजों का उपचार और सेवा संभव नहीं है. इसका जीता जागता उदाहरण हम सभी ने देखा है कि, किस तरह नर्स अपनी ड्यूटी के दौरान बिना रुके मरीजों की सेवा में लगी रहती है. 12 मई को नोबल नर्सिंग सेवा की शुरुआत करने वाली फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जन्मदिवस को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के रूप में मनाया जाता है.

'सेवा परमो धर्म' की भावना से काम करती हैं नर्सें

सामान्य दिनों में हो या वर्तमान में कोरोना संक्रमण जैसी विपदा के समय डॉक्टरों के साथ-साथ अस्पतालों में नर्स का अहम योगदान है. नर्स या सिस्टर्स की ड्यूटी अस्पतालों में डॉक्टरों से ज्यादा जिम्मेदारी भरी होती है और वे अपनी पारिवारिक जिम्मदारियों और परेशानियों को दरकिनार कर विषम परिस्थितियों में भी पूरी निष्ठा से अपनी सेवाएं देती हैं. मरीजों की देखरेख, चिकित्सक के नियंत्रण में उपचार सहित परिवार कल्याण की विभिन्न योजनाओं में नर्स की अहम भूमिका है. अस्पताल में बेड की चादर बदलने से लेकर, मरीजों की निरंतर देखरेख के साथ दवाईयां देना और हर तरह से बिना थके और परेशान हुए सेवा करना इनकी ड्यूटी में शामिल है.नवजात शिशु से लेकर बुजुर्ग मरीज सभी की देखभाल नर्स एक जैसे ही करती हैं.

'मरीज की खुशी में मिलती है खुशी'

डोंगरगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ नर्सिंग सिस्टर्स सहित अन्य नर्सों ने ETV भारत से बातचीत में बताया कि 'उन्हें कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन जब वे मरीजों को बीमारी और उनकी तकलीफों से राहत दिलाने में कामयाब हो जाते है तो उन्हें काफी खुशी होती है'. हालांकि कोरोना के इस मौजूदा मुश्किल दौर में नर्स अपनी और मरीजों की सुरक्षा के लिए PPE किट की मांग कर रही हैं.

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सिस्टर सुलोचना रामटेके का कहना है कि 'डोंगरगांव अस्पताल सहित इसके अंतर्गत आने वाले सभी सातों प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में नर्सों की ड्यूटी से लेकर उनके कार्य का विभाजन उनकी जिम्मेदारी है, जिसमें सभी नर्स स्टॉफ का भरपूर सहयोग मिलता है'. सीनियर नर्स पूनम निराला का कहना है कि 'मरीजों की भर्ती से लेकर उनके उपचार की व्यवस्था उनकी ड्यूटी है. इन अस्पतालों की नर्सों की कोशिश रहती है कि अस्पताल में ज्यादातर नॉर्मल डिलीवरी हो ताकि एक स्वस्थ माता के साथ स्वस्थ बच्चे का जन्म हो'. वहीं जूनियर नर्स सुमन सेन का कहना है कि 'नर्सिंग एक ऐसा पेशा है, जिसमें सेवाभाव होता है और मरीज के स्वस्थ होने से खुशी होती है'.

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नगर में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सहित क्षेत्र के कुल सात प्राथमिक स्वास्थ्य केन्दों में 26 स्टाफ नर्स अपनी सेवाएं दे रही हैं. इनमें एक नर्सिंग स्टाफ और एक स्टॉफ नर्स एनसीडी शामिल हैं. नगर के सीएचसी में 10 स्टॉफ नर्स पदस्थ हैं, जो रोस्टर के अनुसार अस्पताल की व्यवस्था और मरीजों की सेवा में अपना योगदान दे रही हैं. वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अर्जुनी, टप्पा, तुमड़ीबोड़, आसरा, खुज्जी, चारभाठा और करमतरा में 2-2 स्टॉफ नर्सों की ड्यूटी है. साथ ही एएनएम भी नर्सिंग स्टॉफ के साथ पूरे क्षेत्र में स्वास्थ्य और अन्य जागरूकता कार्यक्रमों में अपनी सहभागिता देती आ रही हैं.

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