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cultivate jackfruit in chhattisgarh: प्रदेश के किसान कटहल की खेती कब और किस मौसम में करें, आइए जानते हैं

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Published : Jan 27, 2023, 6:35 PM IST

छत्तीसगढ़ में कटहल की खेती प्रदेश के किसान कब और किस मौसम में करना चाहिए? इसके लिए कौन सा जलवायु उपयुक्त रहता है? किस तरह की जमीन में कटहल की खेती की जाए, जिससे प्रदेश के किसानों को अच्छी पैदावार के साथ ही अच्छा लाभ और मुनाफा कमा सकें. इन सभी सवालों के जवाब ढुंढने ईटीवी संवाददाता ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू से खास चर्चा की. आइये जानते हैं उन्होंने क्या बताया.

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छत्तीसगढ़ में कटहल की खेती

जानिए छत्तीसगढ़ में कटहल की खेती करने के तरीके

रायपुर: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ फल वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू ने छत्तीसगढ़ में कटहल की खेती के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि "कटहल उत्पादन के लिए बिलासपुर से लेकर अमरकंटक का क्षेत्र कटहल के लिए अच्छा माना गया है. इसके साथ ही प्रदेश के कोंडागांव, दंतेवाड़ा, बीजापुर और नारायणपुर में भी कटहल का उत्पादन किसान अच्छे से कर सकते हैं.
कटहल एक बहूवर्षीय फल है. कटहल को धूप पसंद है. इसकी फसल किसानों के लिए फायदेमंद साबित होती है.

इस तरीके से करें कटहल की खेती: वरिष्ठ फल वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू ने बताया कि "कटहल की खेती करते समय पौधे या बीज को 8-8 मीटर की दूरी पर लगाया जाना चाहिए. कटहल को अगर प्रदेश के किसान मुख्य फसल के रूप में नहीं लगाते हैं, तो फेंसिंग या बाउंड्री के रूप में भी कटहल को लगाया जा सकता है. यह हवा को रोकने का काम करता है. फल उद्यान या सब्जी उद्यान के बाउंड्री में कटहल का रोपण 8-8 मीटर की दूरी पर लगाकर फल या सब्जी उद्यान में सब्जी और फलों में तेज हवा आने से रोका जा सकता है."

ये हैं कटहल की अच्छी किस्में: फल वैज्ञानिक डॉ घनश्याम साहू ने बताया कि "जीकेवीके 1, सिलोन और रुद्राक्षी भी कटहल की अच्छी किस्म मानी जाती है. लेकिन जीकेवीके 1 और सीलोन जैसी किस्में 5 से 7 वर्ष में फल देना शुरु करती हैं. दोनों किस्मों को प्रदेश के किसान मुख्य खेत या फिर फेंसिंग के रूप में भी लगा सकते हैं.

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कटहल लगाते समय इन वातों का रखें ध्यान: कटहल लगाते समय किसानों यह ध्यान रखें कि जिस जगह पर कटहल लगाया जा रहा है, उस जगह पर नियमित रूप से सूर्य का प्रकाश पड़ना चाहिए. किसानों को गड्ढे की तैयारी अच्छे से करनी चाहिए. गड्ढे की तैयारी करते समय किसानों को एक 1 मीटर की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई वाली गड्ढे होने चाहिए. उसके बाद ही कटहल का रोपण उन गड्ढों में किया जाना चाहिए.

कटहल के पत्तों का करें खाद में इस्तेमाल: कटहल की पत्तियां पेड़ों से लगातार गिरते रहती है. किसान इन पत्तियों का उपयोग हरी खाद या कंपोस्ट खाद के रूप में भी कर सकते हैं. बरगद झाड़ की पत्तियों की तरह ही कटहल झाड़ की पत्तियां उपयोगी मानी गई है."

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