ETV Bharat / state

भारी बारिश से दलहन तिलहन की फसलें प्रभावित

author img

By

Published : Aug 13, 2022, 11:21 PM IST

छत्तीसगढ़ में बीते 3 दिनों से लगातार हो रही बारिश की वजह से धान की फसलों को इस बारिश से सीधा फायदा होगा. लेकिन अधिक बारिश की वजह से दलहन और तिलहन की फसलों को नुकसान होने के साथ ही कीट का प्रकोप भी देखने को मिलेगा.

Pulses oilseed crops
दलहन तिलहन की फसलें होंगी प्रभावित

रायपुर: प्रदेश में हो रहे लगातार बारिश से धान फसलों में जैसे धान, मक्का, कोदो, कुटकी, रागी और कपास लगाने वाले किसानों के लिए यह बारिश फायदेमंद है. लेकिन 3 दिन से हुई भारी बारिश के चलते दलहन और तिलहन फसलें जैसे सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, उड़द, मूंग और अरहर की फसलों को नुकसान (Pulses oilseed crops will be affected by heavy rains) होने की पूरी संभावना है. बारिश का पानी खेतों में जमा होने के कारण दलहन और तिलहन की फसलें सड़ने लगती हैं. यही वजह है कि इस बार इन फसलों के खराब होने की संभावना बढ़ गई है. ऐसे में खेतों से पानी निकासी करना किसानों के लिए जरूरी हो गया है. फसल को कीट प्रकोप से बचाने के लिए भी कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव करना भी जरूरी है.

अधिक बारिश धान फसलों के लिए फायदेमंद: इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक घनश्याम दास साहू का कहना है कि "लगातार 3 दिनों तक हुई बारिश धान्य फसलों के लिए लाभदायक है. लेकिन यही बारिश दलहन तिलहन की फसलों के लिए अच्छी नहीं है. फसल खराब होने के साथ ही उसमें कीट का प्रकोप भी देखने को मिलेगा. ऐसे में किसान भाइयों को खेतों में जमा पानी को बाहर निकालने के साथ ही फसलों पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करना भी जरूरी है. 3 दिनों तक हुई बारिश के बाद किसान खेतों में धान की फसल का रोपा लगाने का काम भी अच्छे से कर सकते हैं. ऐसे फसलों के लिए की प्रारंभिक अवस्था में पानी की अधिक आवश्यकता पड़ती है."

दलहन तिलहन की फसलें होंगी प्रभावित
यह भी पढ़ें: किसानों को फसल बीमा दावा राशि के भुगतान में छत्तीसगढ़ अव्वल"अधिक बारिश दलहन तिलहन के लिए नुकसानदायक, पानी का जमाव ना होने दें": इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक घनश्याम दास साहू ने बताया कि "इन फसलों के साथ ही प्रदेश के कुछ किसान कपास की खेती भी करते हैं, उनके लिए भी यह बारिश काफी अच्छा और फायदेमंद है. दलहन तिलहन की खेती करने वाले किसानों को चाहिए कि वह ऐसी जगह पर पानी का जमाव ना होने दें और पानी निकासी की व्यवस्था तुरंत करें. जिससे फसल को बचाया जा सके. नाली बनाकर खेत से पानी को बाहर निकाला जाए. खराब हो रहे है फसलों में कीट प्रकोप के साथ ही खरपतवार का भी प्रकोप बढ़ जाता है. ऐसे में किसानों को कीटनाशक दवाइयों का समय समय पर छिड़काव करते रहना चाहिए. दलहन तिलहन की फसलों को फल आने के पहले ही ज्यादा देखरेख करने की जरूरत पड़ती है. 10 लीटर पानी में 100ml नीम का तेल मिलाकर भी इस कीट के प्रकोप से बचा जा सकता है."
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.