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Modi Millet Menu : पीएम मोदी के व्हाइट हाउस स्टेट डिनर का मिलेट मैन्यू चर्चा में, जानिए बाजरा डिश का छत्तीसगढ़ी स्टाइल

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Published : Jun 22, 2023, 6:42 PM IST

Updated : Jun 22, 2023, 10:44 PM IST

Chhattisgarhi Style of Millet Dish पीएम मोदी अमेरिका दौरे पर हैं. खास बात यह है कि उनके खाने में कुछ बाजरा आधारित व्यंजनों को भी मैन्यू में शामिल किया गया है. छत्तीसगढ़ में भी बाजरा से कई व्यंजन बनाए जा रहे हैं.

CHHATTISGARH MILLETS STORY
पीएम मोदी ने विदेश में चखा मिलेट्स का स्वाद

रायपुर: अमेरिका में पीएम मोदी के व्हाइट हाउस स्टेट डिनर का खास मैन्यू तैयार किया गया है. स्टेट डिनर में मिलेट्स से बनी डिश भी शामिल है. इसमें क्रिस्प्ड मिलेट केक, मैरिनेटेड मिलेट, ग्रिल्ड कॉर्न कर्नल सलाद, कंप्रेस्ड वाटरमेलन के साथ ही स्टफ्ड पोर्टोबेल्लो मशरूम भी है. दरअसल पीएम मोदी मिलेटस पर जोर दे रहे हैं. यही वजह है कि उनके भोजन में मिलेट्स से बनी डिश शामिल की गई है. छत्तीसगढ़ में भी मिलेट्स से कई डिश बनाई जा रही है, जिसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं.

छत्तीसगढ़ी स्टाइल मिलेट्स डिश: मिलेट्स से कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं. छत्तीसगढ़ में मिलेट्स से इडली, दोसा, पोहा, उपमा, भजिया, खीर, हलवा, माल्ट, कुकीज भी बनाए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ में मिलेट्स की टी, लस्सी, बटर मिल्क, पराठा, केक, मंचूरियन भी फेमस है.

छत्तीसगढ़ में मिलेटस की कुकीज: छत्तीसगढ़ में मिलेट्स की कुकीज भी बनाई जा रही है. रायपुर के सेरीखेड़ी में कल्पतरु मल्टी यूटिलिटी सेंटर में स्व-सहायता समूह की महिलाएं यह कुकीज बना रही हैं. रागी, कोदो, कुटकी, बाजरा, मशरूम पाउडर, मुनगा पाउडर, ओट्स, मैदा, चोको चिप्स, केसर पिस्ता से बने कुकीज की लगातार डिमांड बढ़ती जा रही है.

पोषक तत्वों से भरपूर है मिलेट्स: मिलेट्स (मोटे अनाज) जैसे कोदो, कुटकी, रागी एक पौष्टिक खाद्य विकल्प हैं. यह दैनिक पोषण की जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकते हैं. यह शिशुवती महिलाओं के लिए भी काफी फायदेमंद है. मिलेट्स में कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, मिनरल्स जैसे पोषक तत्व होते हैं. छत्तीसगढ़ में पोषण कल्याण के लिए श्री अन्न यानी मिलेट्स का प्रचार प्रसार कर उसकी लोकप्रियता बढ़ाने की हर संभव कोशिश की जा रही है.

मिलेट्स के फायदे: मिलेट्स पचने में आसान होते हैं, इसलिए बच्चे से लेकर बुजुर्गों तक के लिए उपयोगी हैं. कम पानी और जमीन में ज्यादा उपज के कारण यह पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है. मिलेट्स ज्यादा महंगे भी नहीं होते. प्रोसेस्ड फूड या जंक फूड में कैलोरी ज्यादा होती है, जबकि प्रोटीन और फाइबर बहुत कम होते हैं. यही वजह है कि युवाओं को उचित पोषण नहीं मिल रहा है. मिलेट्स के जरिए युवा संतुलित आहार ले सकते हैं.

छत्तीसगढ़ में मिलेट कैफे: रायगढ़ जिले में मई 2022 में छत्तीसगढ़ के पहले मिलेट्स कैफे की शुरूआत की गई. इसका संचालन महिला समूह कर रहा है. रायगढ़ के बाद कोरबा जिले में मिलेट्स कैफे की शुरुआत की गई. 27 फरवरी 2023 को बालोद में भी मिलेट कैफे की शुरुआत की गई. यहां स्वसहायता समूह की महिलाएं मिलेट कैफे का संचालन कर रहीं हैं. सभी मिलेट कैफे में कोदो, कुटकी, रागी और दूसरी लघु धान्य फसलों से बने इडली, दोसा, पोहा, उपमा, भजिया, खीर, हलवा, माल्ट, कुकीज बनाए जा रहे हैं.

कोरिया में भी 10 मई 2023 को मिलेट कैफे शुरु हुआ है. यहां मिलेट्स कुटकी टी, किनवा लस्सी, किनवा स्पाइस बटर मिल्क, बाजरे का पराठा, बाजरा चीला, रागी चीला, रागी आलू पान केक, ज्वार पकोड़ा, रागी मसाला दोसा, ज्वार मसाला दोसा, कोदो उत्तपम, मिलेट्स मंचूरियन, मिलेटस लॉलीपॉप, मिलेट्स पनीर चिल्ली, कोदो फ्राई चावल, मिलेट्स बिरयानी, बाजरा रोटी, ज्वार रोटी, किनाना की खीर, कुटकी की खीर बनाई जा रही है.

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ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित प्रदेश के पहले मिलेट कैफे का शुभारंभ 15 जून 2023 को कोड़ेनार के रीपा में किया गया. यहां कोदो कुटकी का चावल, आटा बनाया जा रहा है. कोदो का नमकीन, मिठाई, इडली, डोसा, चीला भी बनाया जा रहा है.

छत्तीसगढ़ देश का मिलेट हब: छत्तीसगढ़ देश का मिलेट हब बन रहा है. यहां मिलेट की खेती को बढ़ावा देने के लिए मिलेट मिशन भी शुरू किया गया है. छत्तीसगढ में खरीफ वर्ष 2023 में मिलेट्स की खेती का रकबा 96 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 1 लाख 60 हजार हेक्टेयर करने का टारगेट रखा गया है.

Last Updated :Jun 22, 2023, 10:44 PM IST
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