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monsoon late entry chhattisgarh : छत्तीसगढ़ में लेट मॉनसून से किसानों की परेशानी बढ़ी

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Published : Jun 23, 2023, 2:22 PM IST

छत्तीसगढ़ में लेट मॉनसून के कारण अब किसानों के लिए मुश्किलें बढ़ने लगी है. किसान जिन्होंने मॉनसून की आस में खेतों में बुवाई की थी उन्हें अच्छी बारिश का इंतजार है.लेकिन बारिश में देरी के कारण उन्हें नुकसान का डर है.हालांकि पिछले दो दिनों से प्रदेश के कई हिस्सों में बादल छाए हैं.लेकिन बारिश ना के बराबर हुई है. monsoon late entry chhattisgarh

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छत्तीसगढ़ में लेट मॉनसून से किसानों की परेशानी बढ़ी

रायपुर : छ्त्तीसगढ़ में अब तक मॉनसून की एंट्री नहीं हुई है.पूरे प्रदेश में दो दिनों से बादल छाए हुए हैं.लेकिन कई जगहों पर अब भी गर्मी और उमस के कारण लोग परेशान है. बात यदि रायपुर में गुरुवार की करें तो शाम के समय तेज और ठंडी हवाएं चली. इस दौरान माना एयरपोर्ट और लालपुर इलाके में शाम को छह से सात मिमी तक बारिश हुई. लेकिन शहर का भीतरी हिस्से में बारिश ना के बराबर हुई. शहर के अंदर के कई इलाके सूखे रहे. लेकिन आउटर में हुई बारिश के कारण शहर में पारा थोड़ा कम हुआ.दिन के वक्त ज्यादातर समय बादल छाए रहे. इसी वजह से गुरुवार को दिन का तापमान 36.4 डिग्री पर पहुंचा

राजधानी में भी तापमान में दर्ज की गई गिरावट : यह पिछले कुछ दिनों में सबसे कम अधिकतम तापमान है.आपको बता दें कि रायपुर समेत प्रदेश के कई हिस्सों में पिछले दो दिनों से लू चल रही थी.लेकिन गुरुवार आते आते मौसम का मिजाज बदल गया.आसमान में बादल छाए रहने के कारण गर्मी थोड़ी कम हुई. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक शुक्रवार के दिन भी गर्मी से राहत रहेगी. दिन का तापमान 36 और रात में पारा 25 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है.

छत्तीसगढ़ का मौसम पूर्वानुमान: मौसम वैज्ञानिक जनक राम साहू के अनुसार, अगले दो-तीन दिनों के दौरान दक्षिण भारत, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार के साथ ही छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में दक्षिण पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं. एक द्रोणिका दक्षिण पंजाब से उत्तर प्रदेश के मध्य भाग में स्थित है. जो समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है.

एक चक्रवात पश्चिम मध्य और उसके आसपास उत्तरी आंध्र प्रदेश, दक्षिणी ओडिशा, बंगाल की खाड़ी पर स्थित है, जो समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है. इस सिस्टम के प्रभाव से शुक्रवार को प्रदेश के कई स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है. इसके साथ ही प्रदेश के एक-दो स्थानों पर गरज चमक के साथ भारी बारिश और आंधी भी चल सकती है.

छत्तीसगढ़ के अधिकतर जिलों में रैन डिफिशिएंस

पिछले साल के मुकाबले कम हुई बारिश: छत्तीसगढ़ में इस बार अब तक मानसून पहुंचने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई हैं. जिससे अधिकतर जिलों में रैन डिफिशिएंसी, यानी बारिश की कमी बताई जा रही है. हर साल 22 जून तक छत्तीसगढ़ में लगभग 106mm बारिश हो जाया करती थी. लेकिन इस बार 23 जून तक केवल 13.7 मिलीमीटर बारिश ही हुई है. जिससे साफ है कि इस साल प्रदेश में 87 फीसदी कम बारिश हुई है. 22 जून तक किस जिले में कितनी कम बारिश हुई है, आइये जिलेवार आंकड़ों पर एक नजर डालें.

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क्या है मौसम विभाग का कहना : रायपुर मौसम विभाग के अनुसार, राजधानी रायपुर में पिछले साल 23 जून तक 94.4mm बारिश हुई थी. लेकिन इस साल 23 जून तक केवल 18.2mm ही बारिश हुई है. यानि पिछले साल के मुकाबले 81 फीसदी कम बारिश हुई है. वैसे ही पिछले साल सबसे अधिक 122.1mm बारिश बीजापुर में हुई थी. लेकिन इस बार यहां भी 80 फीसदी गिरावट के साथ मात्र 24.1mm बारिश ही हुई है. वहीं अंबिकापुर में पिछले साल 123.9mm बारिश हुई थी. लेकिन इस बार यहां भी 99 फीसदी गिरावट के साथ मात्र 1.2mm बारिश ही हुई है.

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