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मुंगेली : अधिकारियों का एक और कारनामा, सड़क की ऊंचाई बढ़ाई, तो जमीन में धंस गया हैंडपंप

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Published : Mar 12, 2019, 11:03 PM IST

लोरमी के वार्ड क्रमांक 8 के निवासी पानी के लिए तरस रहें है. इस वजह प्रशासन की लापरवाही है जिसके वजह से लोग पानी के लिए मोहताज हो गए है. साथ ही पीने के पानी के लिए लोगों को घंटों सरकारी नलों पर लाइन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है.

सड़क की ऊंचाई बढ़ाई, तो जमीन में धंस गया हैंडपंप


मुंगेली : कहने को तो सरकार और सरकारी योजनाए पीने के पानी को लेकर कई वादे करते है, लेकिन ये सभी वादे जमीन स्तर पर खोखले नजर आ रहे है. अगर सरकारी दावों की असल हकीकत जानना हो तो आपको लोरमी नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 8 आना होगा. जहां सभी सरकारी दावे फेल होते नजर आएंगे.

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गर्मी शुरू होते ही लोरमी के कई इलाकों में जलसंकट गहरा जाता है. कई वार्डों में पीने के पानी के लिए लोगों को घंटों सरकारी नलों पर लाइन लगाने के लिए मजबूर होना पड़ता है. वहीं बिजली गुल होने की स्थिति में ये संकट पूरे लोरमी नगर पंचायत के सभी वार्डों में देखने को मिलती है. ऐसे संकट की घड़ी में सरकारी हैंडपंप एक बड़ा सहारा होता है, लेकिन ये सहारा भी लोगों से छिन जाए तो वो बूंद-बूंद के लिए वे मोहताज हो जाते हैं.

हैंडपंप सड़क से नीचे आ गया
नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 8 में नहर के पास लोरमी-पंडरिया मुख्य मार्ग के करीब लगा ये हैंडपंप विभागीय उदासीनता का शिकार हो गया है. कुछ साल पहले मुख्य मार्ग के सड़क निर्माण के दौरान सड़क की ऊंचाई तो बढ़ गई, लेकिन ये हैंडपंप सड़क से नीचे आ गया. हैंडपंप होने की वजह से इसका आधा हिस्सा जमीन के अंदर दब गया है. लगभग 4 सालों से यह हैंडपंप इसी हालात में पड़ा हुआ है. न तो आज तक इसमें सुधारा किया गया है और न ही इसकी ऊंचाई बढ़ाई गई है.


सरकारी हैंडपंप पिछले तीन साल से बंद
लोगों का कहना है कि ये समस्या आज की नहीं है बल्कि पिछले तीन साल से लोग पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. सरकारी हैंडपंप पिछले तीन साल से बंद है. वो पूरी तरह से जमीन में धंस गया है. साथ ही लाइट के कटते ही वार्डवासियों को पानी के समस्या से जूझना पड़ता है. ऐसा नहीं है कि इसकी जानकरी नगर पंचायत अध्यक्ष समेत जनप्रतिनिधि को नहीं है लेकिन इस पर किसी ने भी ध्यान देना जरुरी नहीं समझा.


Intro:हैंडपम्प के नाम पर ये कैसा मजाक है साहब,जरा फिक्रमंद हो तो इस पर भी नज़र दौड़ा लो


Body:मुंगेली: कहने को तो सरकारें और उनके सरकारी नुमाइंदे गर्मी शुरू होते ही पीने के पानी की व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे और बाते करते हैं।लेकिन सरकारी दावों की असल हकीकत जानना हो तो उसके लिए आपको लोरमी नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 8 आना होगा।जहां सारे सरकारी दावों को मुंह चिढ़ाता एक सरकारी हैंडपम्प अपनी हकीकत खुद ही बयां कर रहा है।दरअसल गर्मी शुरु होते ही लोरमी इलाके में जलसंकट गहरा जाता है।कई वार्डों में पीने के पानी के लिए लोगों को घण्टो सरकारी नलों में लाइन लगाने तक को मजबूर होना पड़ता है।वहीं बिजली गुल होने की स्थिति में ये संकट पूरे लोरमी नगर पंचायत के सभी वार्डों में हो जाता है।ऐसे संकट की घड़ी में सरकारी हैंडपम्प एक बड़ा सहारा होता है।लेकिन लोरमी नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 8 में नहर के पास लोरमी-पंडरिया मुख्य मार्ग के करीब लगा ये हैंडपम्प विभागीय उदासीनता का शिकार हो गया है।कुछ साल पहले मुख्य मार्ग के सड़क निर्माण के दौरान सड़क की ऊंचाई तो बढ़ गयी लेकिन ये हैंडपम्प सड़क से नीचे हो गया।सड़क से नीचे होने की वजह से इसका आधा हिस्सा जमीन के अंदर दब गया है।लगभग 4 सालों से ये हैंडपम्प इसी हालात में पड़ा हुआ है।ना तो आजतक इसे सुधारा गया है और ना ही इसकी ऊंचाई ही बढ़ाई गई है।
अधिकारी करते हैं नज़र अंदाज़
ऐसा नही है कि हैण्डपम्प की दुर्दशा के सम्बंध में नगर पंचायत प्रशासन और पीएचई विभाग को कोई जानकारी नही है।कई बार वार्डवासियों के द्वारा शिकायत के बाद भी इसकी मरम्मत को लेकर ध्यान नही दिया गया।वहीं जिस जगह पर ये हैंडपम्प स्थित है उस मार्ग से क्षेत्र के सांसद, विधायक, कलेक्टर, एसडीएम समेत ना जाने कितने अधिकारी और जनप्रतिनिधि आये दिन गुजरते रहते हैं।बावजूद किसी ने इस ओर ध्यान देना मुनासिब नही समझा।लिहाजा समस्या है जो जस की तस बनी हुई है।चौराहे के करीब ये हैंडपम्प होने की वजह से पहले रोजाना सैकड़ों लोग इससे पीने का पानी प्राप्त करते थे।लेकिन सरकारी उदासीनता के चलते सालों से ये हैंडपम्प इसी तरह धरती के अंदर आधा समाया हुआ है।वहीं हैंडपम्प की इस समस्या से आसपास के लोग जहां परेशान हैं।वहीं इस मामले पर नगर पंचायत औऱ पीएचई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी कैमरे पर कुछ भी कहने से साफ तौर पर कतरा रहे हैं।


Conclusion:बाइट-1-मुकुल तिवारी (वार्डवासी)...(नीली शर्ट)
बाइट-2-सोमेश श्रीवास (स्थानीय निवासी)
रिपोर्ट- शशांक दुबे,ईटीवी भारत,मुंगेली
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