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Korba Year ender 2021 : सौगातों से भरा रहा कोरबा में ये साल, 2022 में पूरी होगी कई उम्मीदें

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Published : Dec 31, 2021, 9:57 PM IST

Hope 2011 Korba
उम्मीदें 2011 कोरबा

Korba Year ender 2021 : साल 2021 कोरबा के लिए सौगातों से भरा रहा. आगामी साल से कोरबा को कई उम्मीदें हैं. कई ऐसे प्रोजेक्ट हैं, जिसको पूरा करना प्रशासन की प्राथमिकता होगी. अधिक जानकारी के लिए पढ़िए विस्तृत रिपोर्ट...

कोरबा: साल 2021 खत्म होने के कगार पर है. साल 2021 कोरबा के लिए सौगातों से भरा रहा. नया साल उम्मीदों से भरा होगा. इस उम्मीद में हर कोई है. नए साल से उर्जाधानी को ढ़ेर सारी उम्मीदें हैं. कोरबा में आगामी साल में कई अधूरे प्रोजेक्ट पूरे हो सकते हैं, जो कि जिले के विकास में मील का पत्थर साबित होगा.

आइये आपको बताते हैं कि कोरबा में ऐसे कौन से विकास कार्य हैं, जिन्हें वर्ष 2022 में पूरा कर लिए जाने की उम्मीद है...

  1. गेवरा घाट अप्रोच रोड का काम होगा पूरा: जिले के पश्चिम क्षेत्र को मुख्यालय से जोड़ने को तैयार 14 करोड़ की लागत से गेरवा घाट पुल का निर्माण हुआ था, लेकिन इसे जोड़ने वाली लगभग 900 मीटर की एप्रोच रोड का निर्माण नहीं हो पा रहा था. नहर किनारे से आवागमन बेहद दुर्गम था. इस सड़क का काम शुरू हो चुका है. उम्मीद है कि जनवरी में ढाई करोड़ की लागत से इसका निर्माण पूरा कर लिया जाएगा.
    Gevra Ghat approach road work will be completed
    गेवरा घाट अप्रोच रोड का काम होगा पूरा
  2. खरमोरा सब स्टेशन विद्युत व्यवस्था सुधारः प्रदेश की उर्जाधानी होने के बावजूद भी बिजली विभाग के लिए दूरदराज के गांवों तक निर्बाध रूप से बिजली पहुंचाना संभव नहीं हो पा रहा था. छोटे से फाल्ट की वजह से कई गांव ब्लैकआउट में डूब जाते थे. 2022 में 300 गांव की समस्या दूर हो जाएगी. दादरखुर्द खरमोरा में 132 केवी का स्विचिंग सबस्टेशन बनकर तैयार है. कभी अप्रोच रोड तो कभी भूमि अधिग्रहण से 21 करोड़ का यह प्रोजेक्ट लगातार लेट हो रहा है, लेकिन अब यह निर्माण के अंतिम चरण में है. उम्मीद है कि 2022 की शुरुआत में ही इसे चार्ज कर लिया जाएगा, जिससे 300 गांव सहित शहर के 2 लाख बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी.
    Kharmora Sub Station Electricity System Improvement
    खरमोरा सब स्टेशन विद्युत व्यवस्था सुधार
  3. नया ट्रांसपोर्ट नगर की प्रक्रिया बढ़ सकती है आगेः कोरबा शहर की ट्रैफिक व्यवस्था काफी उलझी हुई है. शहर के बीचों-बीच ट्रांसपोर्ट नगर स्थापित है. जो दशकों पुराना है, शहर में हांफता हुआ ट्रैफिक और भारी वाहनों के शहर में प्रवेश को रोकने के लिए शहर के बाहर बरबसपुर में पिछले वर्ष विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने नया ट्रांसपोर्ट नगर का भूमि पूजन किया था. इसकी लागत 37 करोड़ 44 लाख 72 हजार रुपये है. भूमि पूजन के बाद से ही प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है. उम्मीद है कि 2022 में नया ट्रांसपोर्ट नगर मूर्त रूप लेगा, जो कि शहर के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा.
  4. बालको का जिले में 10 हजार करोड़ निवेश की योजनाः देश की प्रमुख अल्युमिनियम उत्पादक कंपनी बालको ने जिले में 5.10 लाख टन की क्षमता वाले नए स्मेल्टर लगाने की घोषणा की. इसमें 10 हजार करोड़ रुपए निवेश करने की योजना बनाई. फिलहाल बालको में 5.10 अल्युमिनियम उत्पादन होता है. नई परियोजना स्थापित होने के बाद 10.85 लाख टन सालाना उत्पादन होगा. इस प्रोजेक्ट से जिले में रोजगार के नए द्वार खुलेंगे. इसकी जनसुनवाई भी बालको ने पूरी कर ली है. प्रक्रिया अभी जारी है. उम्मीद है 2022 में यह काम भी पूरा हो जाएगा.
  5. उरगा से पत्थलगांव तक 105 किलोमीटर सड़क की घोषणाः सड़कों की बदहाली दूर करने के लिए कुछ घोषणाएं बीते वर्ष हुई है. भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर से पंतोरा होते हुए उरगा धरमजयगढ़ तक बनने वाली फोरलेन सड़क की प्रक्रिया 4 साल बाद 2021 में फिर से शुरू हो गई है. पहले चरण में बिलासपुर से उरगा तक 70 किलोमीटर सड़क, 1500 करोड़ रुपए में बनेगी. जबकि दूसरे चरण में उरगा से पत्थलगांव, कुनकुरी तक 105 किलोमीटर की सड़क 1275 करोड़ रुपए की लागत से बनेगी. इसमें 87 किलोमीटर का हिस्सा कोरबा जिले में आएगा. यह जिले के लिए एक बड़ी सौगात होगी. काम अभी शुरू नहीं हुआ है, लेकिन 4 साल बाद इस सड़क को सितंबर 2021 में मंजूरी जरूर मिली है.
    Announcement of 105 km road from Urga to Pathalgaon
    उरगा से पत्थलगांव तक 105 किलोमीटर सड़क की घोषणा
  6. हरदेव बराज का समानांतर पुल हो सकता है पूराः साल 2021 को जिले में सड़कों के बदहाली के लिए याद किया जाएगा. अगस्त समाप्त होने के बाद भी हसदेव बराज के समानांतर बन रहा पुल अधूरा है. वर्तमान में हसदेव बराज से ही भारी वाहनों आवागमन करते हैं. जिसकी क्षमता 30 टन है. जिस पर प्रतिबंध लगाने के लिए कई आंदोलन भी हुए, लेकिन इस पुल पर रोड का काम पूरा नहीं हो सका. क्षमता से वजनी वाहनों के आवागमन के लिए आंदोलन के बाद कलेक्टर ने वाहनों पर प्रतिबंध लगाया. लेकिन दो दिन बाद ही यह आदेश वापस ले लिया गया. अब 50 साल पुराने पुल पर पहले से भी अधिक दबाव है, जबकि समानांतर पुल 5 साल से अधूरा है. उम्मीद है कि नए साल में है पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा.
  7. सतरेंगा में हेलीकॉप्टर सेवा होगी शुरूः जिले के पर्यटन स्थल सतरेंगा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन केंद्र के तौर पर डेवलप करने की घोषणा राज्य सरकार ने की है. पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने यह घोषणा की कि यहां सुविधाओं का विस्तार होगा. जानकारी यह भी है कि निजी कंपनी ने हेलीकॉप्टर सेवा की सहमति भी दे दी है. जिले के लिए यह एक बड़ी सौगात है. रायपुर से कोरबा की दूरी 220 किलोमीटर है. लंबी दूरी व सड़क के सफर के कारण विदेशी पर्यटक यहां नहीं आ पाते. हवाई सेवा शुरू हुई तो अन्य राज्यों के पर्यटकों को भी सतरेंगा तक पहुंचने का एक विकल्प मिलेगा.
    Helicopter service will start in Satrenga
    सतरेंगा में हेलीकॉप्टर सेवा होगी शुरू
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