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केंद्र सरकार का भरेगा खजाना, मिलेंगे ₹100000 करोड़, बजट लक्ष्य होगा पूरा - Budget deficit target

Budget deficit target- सरकार केंद्रीय बैंक से 1 ट्रिलियन रुपये उधार लेने की योजना बना रही है. अगर आरबीआई सरकार को 1 ट्रिलियन रुपये का लाभांश देता है, तो यह पांच वर्षों में सबसे अधिक होगा. जानें सरकार इन पैसों से क्या करेगी? पढ़ें पूरी खबर...

Budget deficit target
(प्रतीकात्मक फोटो) (RKC)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 22, 2024, 1:14 PM IST

नई दिल्ली: भारत के केंद्रीय बैंक द्वारा सरकार को लाभांश के रूप में 1 ट्रिलियन रुपये का भुगतान करने की उम्मीद है. एक ऐसा कदम जो नई दिल्ली के खजाने को बढ़ावा देगा और उसके बजट घाटे के लक्ष्य को पूरा करने में मदद करेगा.

अर्थशास्त्रियों के अनुमान के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बैंक की इस सप्ताह बैठक होने की उम्मीद है और इसमें 80,000 करोड़ रुपये से 1 ट्रिलियन रुपये के बीच लाभांश को मंजूरी मिलने की संभावना है. इसकी तुलना पिछले साल 87,420 करोड़ रुपये के ट्रांसफर और सरकार के 1.02 ट्रिलियन रुपये के लक्ष्य से की जाती है, जिसमें राज्य-नियंत्रित बैंकों से लाभांश शामिल है.

बजट लक्ष्य को पूरा करेगी सरकार
अगर आरबीआई 1 ट्रिलियन रुपये का लाभांश देता है, तो यह पांच वर्षों में सबसे अधिक होगा. हाई डिविडेंड पेआउट से संघीय सरकार को चालू वित्त वर्ष में जीडीपी के 5.1 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलने की संभावना है. इससे अगले महीने की शुरुआत में आम चुनाव संपन्न होने के बाद कार्यभार संभालने वाली किसी भी नई सरकार के लिए रेवेनयू में बढ़ोतरी की संभावना होगी, जिससे उसे खर्च करने में अधिक लचीलापन मिलेगा.

आरबीआई निवेश और डॉलर होल्डिंग्स पर मूल्यांकन परिवर्तन से अर्जित सरप्लस इनकम और मुद्रा की छपाई से मिलने वाली फीस से सरकार को वार्षिक भुगतान करता है. इसे अपनी बैलेंस शीट में 5.5 फीसदी से 6.5 फीसदी का आकस्मिक जोखिम बफर बनाए रखना अनिवार्य है.

फरवरी के अंतरिम बजट के अनुसार, भारत ने मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड 14.13 ट्रिलियन रुपये उधार लेने की योजना बनाई है.

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अर्थशास्त्रियों के अनुमान के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक बैंक की इस सप्ताह बैठक होने की उम्मीद है और इसमें 80,000 करोड़ रुपये से 1 ट्रिलियन रुपये के बीच लाभांश को मंजूरी मिलने की संभावना है. इसकी तुलना पिछले साल 87,420 करोड़ रुपये के ट्रांसफर और सरकार के 1.02 ट्रिलियन रुपये के लक्ष्य से की जाती है, जिसमें राज्य-नियंत्रित बैंकों से लाभांश शामिल है.

बजट लक्ष्य को पूरा करेगी सरकार
अगर आरबीआई 1 ट्रिलियन रुपये का लाभांश देता है, तो यह पांच वर्षों में सबसे अधिक होगा. हाई डिविडेंड पेआउट से संघीय सरकार को चालू वित्त वर्ष में जीडीपी के 5.1 फीसदी के राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलने की संभावना है. इससे अगले महीने की शुरुआत में आम चुनाव संपन्न होने के बाद कार्यभार संभालने वाली किसी भी नई सरकार के लिए रेवेनयू में बढ़ोतरी की संभावना होगी, जिससे उसे खर्च करने में अधिक लचीलापन मिलेगा.

आरबीआई निवेश और डॉलर होल्डिंग्स पर मूल्यांकन परिवर्तन से अर्जित सरप्लस इनकम और मुद्रा की छपाई से मिलने वाली फीस से सरकार को वार्षिक भुगतान करता है. इसे अपनी बैलेंस शीट में 5.5 फीसदी से 6.5 फीसदी का आकस्मिक जोखिम बफर बनाए रखना अनिवार्य है.

फरवरी के अंतरिम बजट के अनुसार, भारत ने मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड 14.13 ट्रिलियन रुपये उधार लेने की योजना बनाई है.

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