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Korba Mayor Rajkishore Prasad: कोरबा में बीजेपी को बड़ा झटका, महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती वाली याचिका कोर्ट ने की खारिज

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 14, 2023, 10:49 PM IST

Big relief to Mayor Rajkishore Prasad
महापौर राजकिशोर प्रसाद को बड़ी राहत

Korba Mayor Rajkishore Prasad:कोरबा में बीजेपी को बड़ा झटका लगा है. बीजेपी नेता रितु चौरसिया ने महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती देने वाली याचिका कोर्ट में पेश की थी. हालांकि कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.

कोरबा: कोरबा में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, कोरबा जिला न्यायालय ने नगर पालिका निगम कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. गुरुवार को जिला न्यायाधीश डीएल कटकवार ने याचिका खारिज की है.

2020 से चल रही थी सुनवाई: दरअसल, नगर पालिका निगम कोरबा में 10 जनवरी 2020 को कांग्रेस के राजकिशोर प्रसाद महापौर निर्वाचित हुए थे. तब भाजपा के अधिक पार्षद जीतकर नगर निगम क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे. बावजूद इसके वह अपना महापौर नहीं बनवा सके. भाजपा की ओर से महापौर पद की उम्मीदवार रितु चौरसिया ने हार के तुरंत बाद महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को चुनौती दी थी. रितु ने एक चुनाव याचिका कोर्ट के सामने पेश की थी. जिसे गुरुवार 14 सितंबर को जिला न्यायाधीश डीएल कटकवार ने खारिज कर दिया. महापौर के जाति प्रमाण पत्र को कोर्ट ने वैध करार दिया है.

कोरबा निगम में कुल 67 वार्ड: नगर पालिका निगम कोरबा में कुल 67 वार्ड हैं. यहां भाजपा के पार्षदों की संख्या 34 है. हालांकि महापौर के निर्वाचन के समय क्रॉस वोटिंग हुई और कांग्रेस के राजकिशोर प्रसाद महापौर निर्वाचित हो गए. भाजपा ने पार्षद रितु चौरसिया को महापौर का प्रत्याशी घोषित किया था. लेकिन जब महापौर का चुनाव हुआ और पार्षदों ने वोटिंग की, तब कांग्रेस के राजकिशोर प्रसाद ने जीत हासिल की. संगठन ने रितु चौरसिया को प्रार्थी बनाया और चौरसिया ने एक चुनाव याचिका जिला न्यायाधीश के सामने पेश की. इसमें लगातार सुनवाई चली. 3 साल तक सुनवाई चलती रही. अब जिला न्यायाधीश डीएल कटकवार ने 14 सितंबर को अपना निर्णय सुनाया है.

प्रमाण पत्र के अवैध होने का प्रमाण पेश नहीं कर पाई बीजेपी: महापौर की ओर कोर्ट में पैरवी करने वाले अधिवक्ता संजय शाह ने बताया कि "न्यायालय ने रितु चौरसिया की चुनाव याचिका को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि ऐसा कोई भी प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे कि महापौर के जाति प्रमाण पत्र को अवैध ठहराया जा सके. न्यायालय ने महापौर के अन्य पिछड़ा वर्ग से होने के एसडीएम की ओर से जारी जाति प्रमाण पत्र को वैध करार दिया है. कोर्ट के निर्णय के बाद अब महापौर की जाति को लेकर काफी दिनों से चल रही चर्चाओं पर विराम लग चुका है.

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