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Kanker Latest News: माकड़ीखूना जमीन अधिग्रहण मामला, कांकेर ब्लॉक के सभी सरपंच दे सकते हैं इस्तीफा

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Published : Mar 16, 2023, 7:51 PM IST

All sarpanches of Kanker block united
कांकेर ब्लॉक के सभी सरपंच हुए एकजुट

माकड़ीखूना में परिवहन विभाग की ओर से किए जा रहे जमीन अधिग्रहण मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. सभी सरपंच एकजुट हो गए हैं. अब कांकेर ब्लॉक के सभी सरपंच ने भी इस्तीफा देने की प्रशासन को चेतावनी दी है.Kanker Latest News

माकड़ीखूना जमीन अधिग्रहण मामला

कांकेर: कांकेर के माकड़ीखूना में प्रशासन द्वारा जबरन जमीन अधिग्रहण मामले में माकड़ीखूना के सरपंच ने बीते दिन इस्तीफा दे दिया था. इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. कांकेर ब्लॉक के सभी सरपंचों ने त्यागपत्र देने की बात कह दी है.

जमीन अधिग्रहण नियम के विरूद्ध: इस मामले में आज कांकेर ब्लॉक सरपंच संघ के लोगों ने कांकेर कलेक्टर को ज्ञापन सौंप दिया है. ज्ञापन में संघ के लोंगो ने कहा है कि ग्राम पंचायत माकड़ीखूना के जमीन पर परिवहन विभाग जबरदस्ती कब्जा कर रहा है. प्रशासन ट्रेनिंग देता है कि बिना ग्राम सभा का पंचायत की सहमति के बगैर कोई जमीन अधिग्रहण नहीं करेगा. ये जमीन बिना पूछे और बिना ग्राम सभा के जमीन अधिग्रहण किया गया है. ये नियम के विरूद्ध है.

पेसा एक्ट का उल्लंघन: पेसा कानून नियम 2022 धारा 36 का उल्लंघन भूमि अधिग्रहण बिल 2013 की धारा 41 का उल्लंघन किया जा रहा है. इसलिए सुभाष नरेटी सरपंच ग्राम पंचायत माकड़ीखूना ने अपने पद से त्याग पत्र दिया है. 15 दिन के अंदर अगर शासकीय भूमि जिला परिवहन कार्यालय का नाम को खारिज नहीं किया, तो सरपंच संघ ब्लॉक कांकेर के द्वारा सभी त्यागपत्र देकर धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होगें.

ये है पूरा मामला: परिवहन विभाग ने जांच केन्द्र बनाने के लिए माकड़ी में करीब 2 एकड़ की जमीन को ग्रामिणों की अनुमति के बगैर ही कब्जा कर लिया और बिना किसी अनुमति के दर्जनों हरे भरे पेड़ों पर कुल्हाड़ी चलवा दिया. 15 दिन पहले ग्रामीणों को जब इस बात की भनक लगी तो वे लोग मौके पर पहुंचे और इसे अवैध कब्जा बता कर विरोध किया.

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माकड़ीखूना सरपंच का बयान: जमीन अधिग्रहण को लेकर सरपंच सुभाष नरेटी ने बताया कि "मेरे ग्राम पंचायत में बिना ग्राम सभा में सहमति से जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है. यह क्षेत्र पांचवी अनुसूची क्षेत्र है. पेसा कानून लागू है. साल 2022 में नियम बने हैं. यहां ग्राम सभा से बिना सहमति या परामर्श के जमीन अधिग्रहण नहीं किया जा सकता. हालांकि यहां जबरन जमीन अधिग्रहण किया जा रहा है, जो कि ये गलत है. यही कारण है कि मैं इस्तीफा देने आया हूं."

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