जांजगीर चाम्पा : छत्तीसगढ़ से मजदूरों का पलायन बदस्तूर जारी है. जिला प्रशासन भले ही पलायन को स्वीकार नहीं करती. लेकिन ईंट भट्टा में बंधक बने मजदूर हकीकत को बयां करती है. ताजा मामला नवागढ़ ब्लॉक के सेमरा गांव से सामने आया है. यहां के 16 लोगों को ज्यादा पैसा दिलाने का भरोसा दिलाकर मजदूर दलाल राजेश कुमार उन्हें मिर्जापुर ईंट भट्टा ले गया. मजदूरों को वहां छोड़ कर आया. फिर उसने पलटकर मजदूरों की जानकारी नहीं ली.
ईंट भट्टा में फंस गए मजदूर : मिर्जापुर में ईंट भट्टा संचालक ने मजदूरों के साथ ज्यादती करनी शुरू की.दलाल पर 3 लाख रूपये लेकर भाग जाने का आरोप लगाया. ईंट भट्टा संचालक अब दलाल के लिए गए पैसों को मजदूरों से वापस मांग रहा है. पैसा नहीं देने पर मजदूरों को बंधक बना लिया गया है. ईंट भट्टा मालिक के चंगुल से छूटकर एक मजदूर किसी तरह अपने गांव पंहुचा और दलाल की तलाश की. लेकिन दलाल का पता नहीं चलने पर कुछ राशि ईंट भट्टा मालिक को ट्रांसफर किया. अब कलेक्टर से मदद की गुहार लगते हुए बाकी बंधक मजदूरों को छुड़ाने की मांग की है.
कलेक्टर ने मजदूरों को सकुशल लाने के लिए दिए निर्देश : मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने जिला श्रम पदाधिकारी को मामले मे कार्रवाई के निर्देश दिए है. जिला श्रम पदाधिकारी ने बताया कि ''सेमरा गांव से शिकायत मिली है. परिजनों ने पुरुष,महिला और छोटे बच्चों के साथ 16 मजदूरों को बंधक बनाने की शिकायत की है. इस मामले मे मिर्जापुर जिला प्रशासन से चर्चा कर जानकारी दे दी गई है. मजदूरों को उनके गांव पहुंचाने के लिए भी चर्चा हुई हैं. अब मिर्जापुर जिला प्रशासन मजदूरों के विषय में जो भी जानकारी दी जाएगी. उसके तहत आगे की कार्रवाई होगी.''
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परिवार को सकुशल वापस लाने की गुहार : बंधक मजदूरों के परिजन अभी भी भट्टा संचालक के कब्जे में है. अब गांव के लोग अपने परिजनों के सकुशल वापसी की कामना कर रहे हैं. जिस दलाल ने मजदूरों को ले जाकर मिर्जापुर में फंसाया उसका नाम राजेश कुमार है. फिलहाल दलाल कहां है इस बात की जानकारी किसी को नहीं है. ईंट भट्टा से वापस लौटे मजदूर के मुताबिक पैसों के लिए अब उसके परिजनों को टॉर्चर किया जा रहा है.