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मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में सात सौ पेड़ों की कटाई से मचा हड़कंप - trees Cutting in MCB

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : May 17, 2024, 11:04 PM IST

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर में यूकेलिप्टस यानी नीलगिरी के पेड़ों की अंधाधुंध कटाई हुई है. वन वाफिया पर इन पेड़ों को काटे जाने का आरोप लगा है. जिसके बाद पूरे जिले में हड़कंप मच गया है.

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सात सौ पेड़ों की कटाई से मचा हड़कंप (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भतरपुर: भरतपुर में वन माफिया के हौसले इस कदर बुलंद है कि यहां एक दो नहीं बल्कि सात सौ पेड़ों की कटाई कर दी गई. बिना वन विभाग की अनुमति के पेड़ काटे जाने के बाद पूरे जिले में हड़कंप मचा हुआ है.

शिकायत के बाद कार्रवाई: बताया जा रहा है कि यह पेड़ निजी भूमि पर लगाए गए थे. 700 पेड़ों की कटाई हो गई और जमीन के मालिक को इसका पता नहीं चल पाया. जब जमीन के मालिक भीमसेन गुप्ता को इस बात की जानकारी मिली तो उन्होंने जनकपुर थाने और तहसलीदार कार्यालय में न्याय की गुहार लगाई है. भीमसेन गुप्ता ने लिखित शिकायत देकर इस केस में कार्रवाई की मांग की है.

"मसौरा में मेरी निजी स्वामित्व की भूमि में 8 वर्ष पूर्व एक हजार यूकेलिप्टस का पौधे लगाए गए थे. वर्तमान में यह पेड़ के रूप में परिवर्ति हो गए और इनकी संख्या 700 हो गई थी. यहां लगे पेड़ों को अज्ञात व्यक्तियों ने काट डाला है. जम मुझे इसकी जानकारी मिली को मैंने इस बात को प्रशासन के संज्ञान में लाया है. मैंने तुरंत पुलिस थाना जनकपुर एवं तहसील कार्यालय भरतपुर में लिखित सूचना दी है. इलाके में वुड तस्करों का बोलबाला है इनसे कई लोग परेशान हैं": भीमसेन गुप्ता, जमीन के मालिक

"ग्राम मसौरा का मामला है. भीम सेन गुप्ता के जमीन पर लगे लगभग छह सौ से सात सौ नीलगिरी के पेड़ों की कटाई हुई है. उसका निरीक्षण हमने किया है. जितने पेड़ों को काटा गया है उसको जमीन के मालिक को सौंपा जा रहा है. इस संबंध में पतासाजी की जा रही है": मनहरण सिंह राठिया, तहसीलदार

वन माफिया के हौसले बुलंद: मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भतरपुर में वन माफिया के हौसले बुलंद हैं. यहां साल 2023 में 50 लाख मूल्य की लकड़ी पकड़ी गई थी. भूमका डोल के पास जंगल से लकड़ी पकड़ी गई थी. कई बार यहां इमारती लकड़ियों की तस्करी के मामले में भी सामने आए हैं. फरवरी 2023 में बहरासी वनपरिक्षेत्र के रामगढ़ जंगल में 50 लाख का माल पकड़ाया था. यहां से इमराती लकड़ियों को काटकर एमपी भेजा जाता था.

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