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धमतरी विधानसभा का अनोखा मिथक, जानिए क्यों पड़ता है जनता पर भारी ?

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 7, 2023, 6:13 AM IST

Dhamtari Assembly Result 2023 धमतरी विधानसभा में इस बार कांग्रेस का विधायक चुनकर आया है.जबकि सरकार बीजेपी की बनने वाली है.वहीं पिछली बार बीजेपी का विधायक था और सरकार कांग्रेस की.ऐसे में अब ये कहा जाने लगा कि है आने वाले समय में यदि यही ट्रेंड चलता रहा तो धमतरी का विकास मुश्किल है. myth of Dhamtari Assembly

myth of Dhamtari Assembly
धमतरी विधानसभा का अनोखा मिथक,

धमतरी : छत्तीसगढ़ के महासंग्राम में बीजेपी ने अपने विरोधी कांग्रेस का किला ढहा दिया. 2018 के उलट बीजेपी ने 2023 में ऐसा पलटवार किया कि कांग्रेस को समझ नहीं कि हुआ क्या. 75 पार का नारा लगाने वाली कांग्रेस 35 में सिमटी,वहीं दूर-दूर तक चुनावी रेस में नजर ना आने वाली बीजेपी 54 सीटें जीतकर सत्ता में वापस आई.लेकिन आज हम आपको ऐसी विधानसभा के बारे में बताने जा रहे हैं,जहां 15 साल से मिथक चला आ रहा है.ऐसा माना जाता है कि जिस दल का नेता इस विधानसभा में जीतकर आता है.उस दल की सरकार नहीं बनती.यानी विधायक वाली पार्टी सत्ता में नहीं होती.य

विधानसभा में सरकार और विधायक एक नहीं : ये विधानसभा है धमतरी. विधानसभा सीट की बात करें तो यहां 2023 में कांग्रेस प्रत्याशी ओंकार साहू ने जीत हासिल की. लेकिन जिस पार्टी यानी कांग्रेस से ओंकार साहू आते हैं,उसकी सत्ता चली गई.साल 2000 से लेकर 2023 तक जो पांच विधानसभा चुनाव हुए. उनके परिणाम देखने पर आपको भी अंदाजा हो जाएगा कि ये बात भले ही एक मिथक हो,लेकिन जैस ट्रेंड चला उसे एक सिरे से खारिज करना मुश्किल है.क्योंकि 2003 के बाद जिस पार्टी की सत्ता छत्तीसगढ़ में आई,उसका विधायक धमतरी में नहीं रहा.

क्या है लोगों का कहना ? : इस बारे में धमतरी के लोगों का कहना है कि जब तक सत्ताधारी दल का विधायक नही मिलेगा, तब तक विकास नहीं होगा. जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है.धमतरी का इसे भाग्य कहें या दुर्भाग्य जनता के मन में निराशा ही आती है. हमने धमतरी के जागरूक बुद्धिजीवी वर्ग से बातचीत करने की कोशिश की तो सभी का आकलन और विश्लेषण यही कहता है कि जब तक सरकार और विधायक एक ही दल का नहीं होगा.तब तक धमतरी में विकास की गाड़ी नहीं दौड़ेगी.

जानिए धमतरी का चुनावी इतिहास : धमतरी के इतिहास की बात करें तो सन 2000 में जब छत्तीसगढ़ राज्य बना तब यहां पर कांग्रेस की सत्ता थी. अजीत जोगी पहले मुख्यमंत्री बने. उसी समय यहां के विधायक कांग्रेस के हर्षद मेहता थे. साल 2003 में चुनाव के बाद बीजेपी सत्ता में आई.जिसमें बीजेपी के इंदर चोपड़ा से विधायक चुने गए. लेकिन 2008 के चुनाव में जब बीजेपी दूसरी बार सत्ता में आई तो कांग्रेस के गुरमुख सिंह होरा इस सीट पर विधायक रहे, 2013 में भी बीजेपी सत्ता में और गुरुमुख सिंह होरा धमतरी के विधायक रहे.2018 में बीजेपी सत्ता से बाहर हुई.इस बार धमतरी का विधायक भी बदल गया.इस बार बीजेपी की रंजना दीपेंद्र साहू विधायक बनीं.वहीं अब जब कांग्रेस सत्ता से बाहर हुई तो कांग्रेस के ओंकार साहू ने धमतरी सीट पर जीत हासिल की.


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