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Raksha Bandhan in Maa Danteshwari Temple: मां दंतेश्वरी मंदिर में निभाई गई 600 साल पुरानी परंपरा, जानिए मां के गर्भ गृह में रात भर क्यों रखा जाता है रक्षा सूत्र

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 29, 2023, 7:59 AM IST

Updated : Aug 29, 2023, 8:58 AM IST

Raksha Bandhan in Maa Danteshwari Temple बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी मंदिर में रक्षाबंधन त्योहार मनाने की अपनी अलग परंपरा है. रक्षाबंधन त्योहार के एक दिन पहले इस 600 साल पुरानी अनूठी रस्म को निभाया जाता है. जिसके बाद ही बस्तरवासी राखी तिहार मनाते हैं. Raksha Bandhan 2023

Raksha Bandhan in Maa Danteshwari Temple
मां दंतेश्वरी मंदिर में रक्षाबंधन का त्योहार

मां दंतेश्वरी मंदिर में रक्षाबंधन का त्योहार

दंतेवाड़ा: बस्तर की आराध्य देवी दंतेश्वरी माई के धाम में रक्षाबंधन की रस्म निभाई गई. सैकड़ों सालों से चली आ रही परंपरा के अनुसार रक्षाबंधन के दो दिन पहले मां दंतेश्वरी के मंदिर में रक्षाबंधन का त्योहार मनाया गया. मंदिर के पुजारी, सेवादार, माझी और चालकी ने पूरे विधिविधान से मां दंतेश्वरी, सभी देवी देवता को रक्षा सूत्र बांधा

क्या है 800 साल पुरानी परंपरा? : मां दंतेश्वरी के धाम में रक्षाबंधन त्योहार के एक दिन पहले ही राखी तिहार मनाया जाता रहा है. जिसकी तैयारी के लिए मां दंतेश्वरी मंदिर समिति द्वारा एक सप्ताह पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी जाती है. यह परंपरा 600 सालों से मादरी परिवार के साथ भंडारी, तुरपा, यादव जाति के लोग निभाते आ रहे हैं.

दंतेश्वरी धाम में कैसे मनाया जाता है रक्षाबंधन?: रक्षाबंधन के 2 दिन पहले रेशम के कच्चे धागे को गूथा जाता है. फिर अलग-अलग गांठ बनाकर इन भागों को मां दंतेश्वरी सरोवर तालाब में सरोवर के पानी से धोया जाता है. यहां रीति रिवाज के साथ पूजा अर्चना किया जाता है. दो अलग-अलग टोकरों में रेशम के कच्चे धागों को रखा जाता है और ऊपर से लाल कपड़ा ढंककर विधि विधान से वापस मां दंतेश्वरी मंदिर में लाया जाता है. जिसे प्रधान पुजारी द्वारा पूजा अर्चना कर मां दंतेश्वरी माता के गर्भ ग्रह में रात भर रखा जाता है.

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देव गणों और भैरव को बांधा जाता है रक्षा सूत्र: दूसरे मां दंतेश्वरी माता के गर्भ ग्रह में रात भर रखे गए रक्षासूत्र की पूजा की जाती है. पूजा अर्चना कर रक्षा सूत्र तैयार किया जाता है. जिसे सबसे पहले मां दंतेश्वरी के चरणों में अर्पित किया जाता है. इसके बाद मंदिर के सभी देव गणों और भैरव को रक्षा सूत्र बांधा जाता है. देवी देवता को रक्षा सूत्र बांधने के बाद भक्तों को रक्षा सूत्र बांटा जाता है. इस तरह दंतेश्वरी के धाम में रक्षाबंधन त्योहार धूमधाम के साथ मनाया जाता है.

"रक्षा सूत्र बांधने की यह परंपरा 600 सालों से चली आ रही है. रक्षाबंधन से दो दिन पहले ही मां दंतेश्वरी मंदिर में 'राखी तिहार' मनाने की परंपरा रही है. आज भी इस परंपरा का निर्वहन पूरे रीति रिवाज से किया जाता है." - गोलु नाथ जीया, पुजारी, मां दंतेश्वरी मंदिर

दंतेश्वरी मंदिर की रही है अलग परंपरा: दंतेवाड़ा स्थित मां दंतेश्वरी मंदिर में तीज त्यौहारों को लेकर अपनी अलग परंपरा चली आ रही है. कोई भी तीज त्यौहार हो, उस त्यौहार से एक दिन पहले ही दंतेश्वरी माईजी के मंदिर में इसकी रस्म अदायगी की जाती है. तब जाकर उसके अगले दिन क्षेत्र की जनता त्योहार मनाती है. यह परंपरा 800 सालों से पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है. राखी तिहार के लिए मां दंतेश्वरी मंदिर में कच्चे सूत से राखी तैयार की जाती है. कतियारास का मादरी परिवार, जो दंतेश्वरी माता का सेवादार है. वह सदियों से मां दंतेश्वरी मंदिर के लिए रक्षा सूत्र बनाने का काम करते आ रहे हैं.

Last Updated :Aug 29, 2023, 8:58 AM IST
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