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दंतेवाड़ा कलेक्टर की डीपी लगाकर ठगी की कोशिश

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Published : Aug 6, 2022, 7:47 AM IST

Cheating by putting DP of Dantewada collector: दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार के नाम पर ठगी करने का मामला सामने आया है. हैकर्स ने नंदनवार की डीपी अपने स्टेटस में लगाई है. कलेक्टर ने इसकी शिकायत दंतेवाड़ा एसपी से की है.

Cheating by putting DP of Dantewada collector
दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार की डीपी लगाकर ठगी

दंतेवाड़ा: आजकल सोशल मीडिया के जरिए ठगी सबसे आसान तरीका हो गया है. आए दिन फेसबुक और वॉट्सअप के जरिए पैसे मांगने की खबर आते रहती है. ऐसा ही कुछ मामला दंतेवाड़ा में भी सामने आया. ठगों ने दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार को ठगी का जरिया बनाया है. कलेक्टर नंदनवार की तस्वीर डीपी में लगाकर पैसे वसूलने की कोशिश की जा रही है. कलेक्टर ने इसकी शिकायत दंतेवाड़ा एसपी से की है.

दंतेवाड़ा कलेक्टर के नाम पर ठगी की कोशिश: हैकर ने वाट्सएस की डीपी में दंतेवाड़ा कलेक्टर विनीत नंदनवार (Dantewada collector Vinit Nandanwar) की फोटो लगा रखी है. डीपी वाले नंबर से कई अधिकारियों को पैसों के लिए संदेश भी भेज गए हैं. अधिकारियों से इस तरह की जानकारी मिलने के बाद कलेक्टर ने जब इसकी जांच करवाई तब ये सही पाया गया. कलेक्टर ने वाट्सएप पर मोबाइल नंबर-8179240441 की स्क्रीन शॉट लेकर दंतेवाड़ा एसपी से इसकी शिकायत की है. इस नंबर पर फोन करने पर नंबर आउट आफ सर्विस बता रहा है. कलेक्टर ने कहा कि इस मामले की वो एफआईआर भी दर्ज करवाएंगे.

साइबर ठगों से बचने के लिए जरूरी है सावधानी, आप भी जानें सुरक्षा के टिप्स

कलेक्टर ने स्टेटस डालकर किया अलर्ट: कलेक्टर के नाम से इस तरह से पैसे की वसूली का ये पहला मामला है. उन्होंने अपने मोबाइल में एक स्टेटस डालकर भी सभी को सचेत किया है. कहा कि यदि उनके पास भी इस तरह का कोई संदेश आता है तो वे उन्हें तुरंत बताए. इस सबंध में दंतेवाड़ा एसपी सिद्धार्थ तिवारी को मोबाइल पर सूचना दे दी गई है.

6 से अधिक राज्यों से संचालित हो रही साइबर ठगी

देश में आधा दर्जन से अधिक राज्यों से साइबर ठग बड़ी आसानी से वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ओटीपी फ्रॉड के लिए झारखंड के जामताड़ा क्षेत्र के बदमाश सक्रिय हैं. फेसबुक पर दोस्ती कर अश्लील बातें या वीडियो चैट को रिकॉर्ड कर ब्लैकमेल करने का काम राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र से ऑपरेट हो रहा है. वहीं मैट्रिमोनियल और कस्टम फ्रॉड की घटनाएं दिल्ली से होती हैं. ऐसी घटनाओं को नई दिल्ली से नाइजीरियन ही ऑपरेट करते आएं हैं. वही ओएलएक्स फ्रॉड के गिरोह राजस्थान और हरियाणा बॉर्डर में सक्रिय हैं. जो बड़ी आसानी से छत्तीसगढ़िया लोगों की जमा पूंजी गटक रहे हैं.

साइबर ठगों ने बांट रखे हैं दायरे
आप सब को यह जानकर बड़ी हैरानी होगी की ठग के गिरोह भी अपनी अपनी सीमाएं और अपने-अपने दायरे बांटकर घटना को अंजाम देते हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस की माने तो प्रदेश में अब तक हुई साइबर ठगी के मामले में अलग-अलग पैटर्न के ठगों का पनाहगार अलग-अलग राज्यों में मौजूद है. हालांकि यही वजह है कि पुलिस इन अपराधों की श्रेणी को अलग-अलग करके इन गिरोहों तक पहुंचने में भी कामयाब हो रही है. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ की पुलिस ने इसी आंकलन के आधार पर ओटीपी से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों को झारखंड के जामताड़ा से गिरफ्तार भी किया है.

इन राज्यों से ऐसे होती है ठगी

  • ओएलएक्स के माध्यम से ठगी - मेवाड़ भरतपुर राजस्थान और हरियाणा बॉर्डर
  • नौकरी के नाम पर ठगी - गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद और हरियाणा
  • मोबाइल नंबर को लकी नंबरों में सेलेक्ट बताकर ठगी- छतरपुर, महोबा
  • एटीएम क्लोनिंग - उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ और फैजाबाद
  • फेसबुक पर दोस्ती कर अश्लीलता की स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर ठगी- भरतपुर राजस्थान
  • ओटीपी फ्रॉड - जामताड़ा झारखंड
  • बीमा के नाम पर ठगी - दिल्ली और नोएडा

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